बहन की होने वाली सास की साड़ी
Bahan ki hone wali saas ki saari:
desi sex experiences, antarvasna
मेरा नाम कमल है मैं राजस्थान का रहने वाला हूं, मेरे घर में आर्थिक परेशानी हो गई थी इसी वजह से मुझे काम करने के लिए दिल्ली आना पड़ा, जब मैं दिल्ली आया तो मैंने दिल्ली में ही एक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैं दिल्ली पहली बार ही अपने जीवन में आया था, मैं राजस्थान के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला हूं इसलिए मुझे दिल्ली के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन अब मुझे दिल्ली में रहते हुए 6 महीने हो चुके हैं, इन 6 महीनों में मैं दिल्ली के बारे मे थोड़ा बहुत जानने लगा हूं। मैं अपने काम से सीधा ही घर चला जाता हूं, मैं जिस जगह रहता हूं वहां पर मेरे साथ दो अन्य लड़के और रहते हैं। एक बिहार का रहने वाला है और दूसरा झारखंड का रहने वाला है, वह दोनों भी फैक्ट्री में ही काम करते हैं।
एक बार मैं अपने काम से घर लौट रहा था तो मेरे पिताजी का मुझे फोन आया और वह कहने लगे कि तुम्हारी बहन के लिए एक रिश्ता आया है यदि तुम भी कुछ दिनों के लिए घर आ जाओ तो तुम उस लड़के से मिल लेना, मैंने अपने पिताजी से कहा ठीक है मैं देखता हूं क्योंकि छुट्टी मिलना संभव नहीं हो पाएगा लेकिन मैं एक बार कोशिश करके देखता हूं यदि मुझे कुछ दिनों के लिए छुट्टी मिल जाती है तो मैं घर आ जाऊंगा। जब मैंने यह बात पिताजी से कही तो पिताजी कहने लगे ठीक है तुम हमें सूचित कर देना, मैंने अपने पिताजी से कहा ठीक है मैं कोशिश जरूर करूंगा, यह कहते हुए मेरे पिताजी ने फोन रख दिया। अगले दिन मैंने भी अपनी कंपनी के मैनेजर से बात कर ली, मैंने उन्हें कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर जाना चाहता हूं, वह मुझे कहने लगे आजकल लड़के कम है और काम बहुत ज्यादा है इसीलिए तुम कुछ दिन रुक जाओ कुछ दिनों बाद तुम घर चले जाना। मैंने उनसे पूछा कि मैं आपसे कितने दिन बाद आकर मिलूं, वह कहने लगे तुम दो दिन बाद मुझसे मिलना, मैंने उनसे कहा ठीक है मैं दो दिन बाद आपके पास आता हूं। मैं जब दो दिन बाद अपने मैनेजर के पास गया तो वह कहने लगे ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए घर चले जाओ लेकिन घर से जल्दी लौट आना, मैंने उन्हें कहा मैं जल्दी ही घर से लौट आऊंगा।
जब मैं अपने घर पहुंचा तो मेरे पिताजी और मां मुझे देख कर बहुत खुश हुए और कहने लगे तुमने यह बहुत अच्छा किया कि तुम घर चले आए, मैंने उनसे पूछा कि लड़के वाले कब आ रहे हैं, मेरे पिताजी ने मुझे कहा हम लोगों ने उनसे कहा है कि हमारा लड़का जब दिल्ली से आएगा तो हम आपको फोन कर के सूचित कर देंगे। मैंने अपने पिताजी से कहा कि आप उन्हें फोन करके कह दीजिए कि मैं आ चुका हूं, एक बार हम उन लोगों से बात कर लेते हैं, मेरे पिताजी ने उसी वक्त उन्हें फोन कर दिया और जब उन्होंने फोन रखा तो वह हमसे कहने लगे कि वह लोग कल घर पर आ रहे हैं। जब अगले दिन वह लोग हमारे घर पर आए तो मेरे पिताजी ने लड़के का परिचय मुझसे करवाया, उसका नाम अंकित है, जब मैं अंकित से मिला तो मैंने अंकित से कहा कि क्या हम लोग अलग जाकर बात कर सकते हैं, अंकित को भी कोई आपत्ति नहीं थी और वह मेरे साथ हमारे घर की छत पर आ गया। जब हम लोग छत पर थे तो मैं उसे कहने लगा की मैं अपनी बहन से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं चाहता हूं कि उसकी शादी जिस घर में हो वहां पर वह खुश रहे। मैंने अंकित से काफी देर तक बात की और अंकित को जितना मैं समझ पाया, वह बातों से तो अच्छा लग रहा था इसलिए मैं सोचने लगा कि यह कंचन के लिए अच्छा रहेगा। मैंने भी उस वक्त कुछ नहीं कहा और जब कंचन और अंकित एक दूसरे से मिले तो उन दोनों को भी एक दूसरे का साथ अच्छा लगा और मैं समझ चुका था कि कंचन भी इस रिश्ते के लिए तैयार है। जब अंकित का परिवार चला गया तो मेरे पिताजी ने मुझसे पूछा कि तुम्हें अंकित कैसा लगा, मैंने रिश्ते के लिए हामी भर दी। मैंने कहा कि अंकित तो मुझे अच्छा लगा लेकिन आप थोड़ा समय रुक जाइए और कुछ समय बाद ही सगाई का फैसला लीजिए।
मेरे पिताजी कहने लगे वह लोग भी यही कह रहे थे यदि आपको थोड़ा समय चाहिए तो आप कुछ समय तक रुक जाइये उसके बाद ही आप रिश्ते की बात को आगे बढ़ायेगा। कुछ दिनों बाद ही अंकित के पिताजी का फोन मेरे पिताजी के फोन पर आया और वह पूछने लगे की आप लोगों ने रिश्ते के बारे में कुछ सोचा, मेरे पिताजी कहने लगे कि मैं आपको कुछ देर बाद फोन करता हूं आप मुझे थोड़ा वक्त दीजिए। मेरे पिताजी ने फोन रखा और मुझसे वह पूछने लगे कि अंकित के पिता जी का फोन आया था उन्हें क्या जवाब देना चाहिए, मैंने उन्हें कहा कि आप उन्हें कह दीजिए कि सगाई हम लोग करवा लेते हैं लेकिन शादी के लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए होगा, मेरे पिताजी ने भी उनसे यही बात कही और वह लोग सगाई के लिए मान गए। मैं ज्यादा समय तक घर पर रुकने वाला नहीं था इसलिए मैंने अपने पिताजी से कहा कि आप लोग जल्दी ही सगाई करवा लीजिए ताकि मैं भी जल्दी से अपने काम पर जा पाऊँ। हम लोगों ने कंचन और अंकित की सगाई करवा दी, उसके बाद मैं दिल्ली लौट आया।
मैं जब दिल्ली आया तो मैंने अपने दोस्तों को मिठाई खिलाई और अपने मैनेजर को भी मैंने मिठाई खिलाई, उन लोगों ने मुझे बधाइयां दी और कहा कि लगता है तुम इसी वजह से छुट्टी पर गए थे, मैंने उन्हें कहा कि नहीं मैं तो अपने माता पिता से मिलने गया था परंतु घर वालों को लड़का पसंद आ गया और घरवालों ने मेरी बहन की सगाई करवा दी। एक दिन में शाम को अपने काम से घर लौट रहा था, उस वक्त मेरी बहन का मुझे फोन आया और कहने लगी मेरी सासू दिल्ली आई हुई है और वह कुछ दिन दिल्ली में ही रुकने वाली है तुम उन्हें एक बार मिल लेना। मैंने अपनी बहन से उनका नंबर ले लिया और जब मैंने उन्हें फोन करते हुए कहा मैं आपको मिलना चाहता हूं। मैं जब उन्हें मिलने गया तो मुझे नहीं पता था कि वह ठरकी किस्म की महिला है। वह अपने कातिल नजरों से मेरी तरह बार बार देख रही थी वह मेरे सामने बार बार अपने पल्लू को ऊपर नीचे कर रही थी जिससे उनके स्तन दिखाई दे रहे थे।
मैंने उन्हें कहा कि आज आप मेरे साथ ही चलिए, वह मेरे साथ चलने को तैयार हो गई। उस दिन मेरे दोनों दोस्त कहीं गए हुए थे और मेरी छुट्टी भी थी मैं उन्हें अपने साथ ले आया। जब वह मेरे साथ बैठे हुई थी तो बार बार वह अपने पल्लू को ठीक कर रही थी मैंने भी उनके पल्लू को पकड़ते हुए अपनी तरफ खींच लिया। उनके स्तन मेरी छाती से आकर टकरा गए मैंने उन्हें अपनी गोद में बैठा लिया और उनकी बड़ी और भारी गांड जब मेरे लंड से टकराई तो मेरा भी लंड पूरा खड़ा हो गया। मैंने भी उनकी साडी को बड़े ही प्यार से खोला जब मैंने उनके नंगे बदन को देखा तो वह अपने बदन से कहर ढा रही थी और किसी भी महिला से कम नहीं लग रही थी। मैंने उनकी गांड को दबाया वह पूरी उत्तेजना में आ गई। उन्होंने भी काफी देर तक मेरे लंड का रसपान किया। वह मुझे कहने लगी तुम्हारे लंड का रसपान कर के मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने भी जब उनकी चिकनी योनि के अंदर अपने कडक लंड को डाला तो उन्होंने भी अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया और मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी। वह कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही कड़क है मुझे तुम्हारा कडक लंड अपनी योनि में लेकर बड़ा आनंद आ रहा है। मैं भी उनके यौवन का रसपान काफी अच्छे से कर रहा था और उनके बड़े बड़े स्तन मेरे हाथ मे थे मैं उन्हें दबा रहा था उनसे दूध बाहर की तरफ निकाल रहा था। मैंने उन्हें उस दिन आधे घंटे तक चोदा आधे घंटे के बाद जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे उनके साथ सेक्स कर के बड़ा ही आनंद आया, वह भी अपने आप को बहुत अच्छा महसूस कर रही थी। वह मुझे कहने लगी दिल्ली आने से मुझे तुम्हारे लंड को अपनी योनि में लेने का मौका मिला। उस दिन मैंने उन्हें three बार चोदा मैने उसके बाद उन्हें उनके रिश्तेदार के घर छोड़ दिया।
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