मनपसंद गुलाबी चुत चोदी घर में – Antarvasna Hindi Sex Stories

मनपसंद गुलाबी चुत चोदी घर में

हाई दोस्तों,
आज यह कहानी मैं आपको सुप्रिया नाम की लड़की की सुनाने जा रहा हूँ जिसे मैंने अपने दोस्त हरीश के द्वारा पटाया था | इसकी चाल पर तो मैं पहले से फ़िदा था और माँ कसम जिसतरह से अपनी गांड को मटकाती थी मैं तो वहीँ लट्टू हो जाया करता था | मेरे इतने खास दोस्त के कारण अब ये मेरी प्रेमिका बनान चुकी थी और कुछ महीनो के अंतराल ही मैंने इसके साथ हलके – फुल्के शारीरिक संम्बंध जोड़ लिए थे | असली कांड तो मैंने इ ही दिन किया और उस दिन मैंने अपने दिल में पड़ी सारी तम्मानायों को पूरा कर डाला और शायद उसके बाद मेरे लंड को किसी चुत की याद जिंदगी भर कभी ना आई और ना शायद आएगी |
दोस्तों मैंने एकड इन अपना घर खाली होने पर मैंने सुप्रिया को अपने घर पर बुलाया और मैंने अपने बेड काफी देर कुछ खाते – पीते हुए उससे रोमांटिक बातें करता हुआ चुम्मा – चाटी करने लग गया और कुछ पल बाद ही उसके टॉप के अंदर मेरा एक हाथ डाल उसकी चुचियों को दबाने लगा | उसने मेरा शर्माने के सिवा कोई विरोश ना किया और मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके चुचों को पीने लगा | मैंने वहीँ उसके चूचकों की चुसम – चुसाई के बाद उसकी पैंट को खोलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया और वहीँ लिटाकर उसकी उसकी
 चुत में ऊँगली करने लगा जिसपर वो झिल्मीलाने लगी लगी और मुझे तडपती हुई बहुत प्यारी लगने लगी |
मैंने काफी देर उसकी गुलाभी चुत में ऊँगली की और वो मेरे लंड पर थूक लगाकर मसलते हुए मुंह में चूसने लगी | अब मैं जब अच – खासा गरमा गया तो मैंने गांड को सहलाते हुए ऊँगली करने लगा | अब जब मेरा मन बेसब्र होता हुआ उसे चोदने के लिए तरसने लगा तो मैंने उसकी चुत में अपने लंड के सुपाडे को सत्य और रगड़े लगा | मैंने कुछ देर बाद अपने लंड को चुत के अंदर का रास्ता दिखाते हुए झटका देते हुए अपने लंड को अंदर उसकी चुत में देने लगा | अब जब दर्द के मारे उसकी चींखें निकलने लगी तो मैंने उसकी चुत को रगड़ते हुए अपने लंड को निकाला फिर उसे कुछ देर बार फिर हलके – हलके अपने लंड से चोदने लगा जिससे अब दर्द के बजाये उसे चुदाई का मज़ा आने लगा |
मैंने उसे कहीं का भी नहीं छोड़ना चाहता था इसी लिए बस मुझसे जितना हो सका मैंने अपनी गांड का दम लगाया और दोतों अक्रीब आधे घंटे तक उसकी चुत की धजियां उड़ाई | मैं अब आखिरी के झटकों के बाद झड़ने को होने लगा तो मैंने अपना लंड निकला और अपने हाथ से सुप्रिया के मुंह पर मसलने लगा |इतने में मेरे लंड की पिचकारी निकली और उसके पुरे मुंह पर छी – छी कर दी | मैं रहत की सांस लेकर उसकी चुत को चाटना लगा और अपने दोनों हाथों से उप्पर से उसकी चुचियों को भींचने लगा | मैं हांफ रहा था और अपनी सारी गर्म हवाएं उसकी चुत पर छोड़ रहा था | उस दिन बाद से मुझे अब उस गुलाबी चुत का चस्का लग पड़ा और अब जब भी पगला जाता तो उसकी चुत की मलाई चख लेता |

मनपसंद गुलाबी चुत चोदी घर में

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