आशिक से अपनी नई चूत का उद्घाटन करवाया – मुफ्त देसी चुदाई की कहानिया हिंदी सेक्स

आशिक से अपनी नई चूत का उद्घाटन करवाया

Ashiq se apni nayi chut ka udghatan karwaya:

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मेरा नाम ज्योति है। मैं राजस्थान की रहने वाली हूं। आज से Three साल पहले की बात है। मैं एक लड़के से प्यार करती थी। वह भी मुझसे प्यार करता था। उसका नाम शिवम था। शिवम एक बहुत ही हैंडसम लड़का था। उस पर हर लड़की फिदा थी। लेकिन वह तो सिर्फ मुझ से प्यार करता था। उसने मुझे सबसे पहले मॉल में देखा था। मैं अपनी बहन के साथ शॉपिंग करने आई थी और वह भी अपने दोस्तों के साथ आया हुआ था। हम लिफ्ट से दूसरे फ्लोर पर जा रहे थे। जैसे ही हम लिफ्ट के अंदर घुसने ही वाले थे वैसे ही लिफ्ट बंद होने वाली थी। तब तक शिवम आया और उसने लिफ्ट को खोला  लिफ्ट को खोलकर हम लिफ्ट के अंदर चले गए। वही मुझे सबसे पहली बार शिवम मिला था। उस समय तो हमारी कोई भी बातचीत नहीं हुई पर जब हम शॉपिंग करके घर जा रहे थे तभी हमारी बात हुई। जैसे ही हम मॉल से बाहर आए वैसे ही शिवम हमारे पीछे पीछे बाहर आ गया हमारा कुछ सामान वहीं छूट गया था। शिवम वहीं लौटाने आया था। वह भागते-भागते हमारे पीछे पीछे आया और कहा कि तुम्हारा सामान रह गया था मैं वही लौटाने आया हूं। उसके बाद हमने उससे थैंक्स बोला और उससे थोड़ी बहुत बात हो गई बातों बातों में उसने कहा कि मैं आप लोगों को घर तक छोड़ देता हूं। हमें भी लेट हो रहा था तो हम शिवम के साथ ही घर तक चले गए। रास्ते में हमारी बहुत सी बातें होने लगी उसके बाद उसने हमें घर छोड़ा और वहां से चला गया। हमने उसे आने को कहा चाय पीकर चले जाना लेकिन उसे कुछ काम याद आ गया था इसलिए वह से चला गया।

दो दिन बाद मैं अपनी दोस्तों के साथ मार्केट गई हुई थी। मैं फोन पर बात कर रही थी और शिवम भी फोन पर बात कर रहा था बात करते करते हुए हम दोनों आपस में टकरा गए और हमारे फोन गिर गए। मैंने देखा कि यह तो शिवम है फिर हमने फोन उठाया और मैंने शिवम से कहा कि तुम यहां क्या कर रहे हो। उसने बोला मैं यहां काम से आया था और तुम क्या कर रही हो। मैंने कहा हम कुछ सामान लेने यहां आए थे फिर उसने मुझे कहा कहीं बैठ जाते हैं और वहां पर बातें करते हैं तो हम वहीं पास में डोमिनोज में बैठ गए। हम दोनों में बहुत सी बातें हुई वह मेरे बारे में मेरे घर परिवार के बारे में पूछने लगा। मैंने भी उससे उसके परिवार और उसके बारे में पूछा फिर हम दोनों कफी देर तक यूं ही बैठकर बातें कर रहे थे। फिर हम दोनों ने नंबर एक्सचेंज किए तब तक ना जाने शिवम को फोन आया और वह वहां से चला गया। मैं भी अपने घर आ गई थी शिवम ने मुझे फोन किया और हमारे फोन पर बातें होने लगी। कुछ दिनों तक हम फोन और मैसेज में ही बात करते रहे फिर एक दिन शिवम ने मुझे मिलने के लिए बुलाया। उसके बाद से हम दोनों काफी दिनों तक मिलने लगे थे लेकिन कुछ समय से हम मिले नहीं थे। हमें 2 महीने हो गए थे लेकिन हमारी एक दूसरे से बत भी नही हुई। मुझे तो यह भी नहीं पता था कि शिवम है कहां एक दिन ना जाने शिवम मुझे मिला। मैं दौड़ती हुए उसके पास गई और उससे पूछा कि इतने दिनों से तुम कहां थे ना तुमने कोई फोन किया ना कोई मैसेज तुम कहां थे। उसने पहले तो कोई जवाब नहीं दिया फिर मेरे बार-बार पूछने पर उसने बोला कि वह शहर से कहीं बाहर गया था। उसे कुछ काम पड़ गया था इसलिए वह मिल नहीं पाया। मुझे लगा सही में कोई काम पड़ गया होगा इसलिए वह मुझे नहीं मिला।

एक दिन मेरे मम्मी पापा ने मेरी शादी का फैसला कर लिया। उन्होंने जोर जबरदस्ती करके मुझे शादी के लिए राजी किया क्योंकि वह उनके दोस्त का बेटा था। मुझे यह शादी बिल्कुल भी मंजूर नहीं थी। मैंने यह शादी वाली बात शिवम को नहीं बताई थी। मैंने सोचा था कि मैं आज शाम घर से भाग जाऊंगी। मेरे घर वालों ने मेरी शादी फिक्स कर दी थी 2 हफ्ते बाद मेरी शादी थी। मैं बहुत परेशान हो गई कि अब क्या होगा मैं सोचती रही। फिर मैंने शिवम को फोन किया लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया। ऐसे ही समय बीतता गया और मेरी शादी का समय आ गया था। शादी के सब फंक्शन हो गए थे और आज मेरी बारात आनी वाली थी। सब लोगो ने मुझे तैयार किया लेकिन मुझे यह शादी नहीं करनी थी। मैंने सोच लिया था कि मैं शिवम के साथ कहीं दूर चली जाऊंगी और अपनी शादी के दिन मैं वहां से भाग गई। शिवम ने मुझे अब अपने घर का एड्रेस दे दिया था। मैं सीधे शिवम के घर गई मैंने शिवम को फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मैं सीधे शिवम के घर के अंदर चली गई।

शिवम अपने घर में अकेला ही रहता था क्योंकि उसके माता-पिता विदेश में रहते थे। मैं उसे जाकर गले मिल गई और मैंने उसे कहा कि तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे हो। वह चुपचाप ऐसे ही बैठा रहा उसने जब देखा कि मैंने शादी के कपड़े पहने हुए तो वह कहने लगा कि तुमने तो शादी के कपड़े पहने हैं और तुम मेरे घर पर क्या कर रहे हो। मैंने उसे कहा किया आज मेरी शादी है और मैं अपने घर से भाग कर आई हूं। अब शिवम ने मुझे अपने गले लगाते हुए कहा कि तुमने ऐसा क्यों किया तुम्हारे घरवाले चिंता कर रहे होंगे। मैंने उससे कहा कि मुझे सिर्फ तुमसे ही शादी करनी है मैं सिर्फ तुम्हारी होना चाहती हूं। यह सब कहते हुए उसने मुझे अपने बिस्तर पर लेटा दिया और वह मेरे ऊपर लेट गया। उसने मेरे शादी के कपड़ों को उतारना शुरू किया। उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया था मैंने पूरा लाल पहना हुआ था अंदर पैंटी ब्रा भी मेरी लाल कलर की ही थी। उसने अपने लंड को मेरे मुंह में लगा दिया और मैंने अंदर तक लेते हुए चूसना शुरू किया। मैं उसके लंड को पूरा अंदर तक अपने गले तक ले जाती और वह भी धक्के मारकर उसे और अंदर तक घुसा देता। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद अब उसने मेरे चूचो को चूसना शुरू किया। वह बहुत ही प्यार से मेरे चूचो को अपने मुंह से चूस रहा था।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मेरे चूचो को अपने मुंह के अंदर तक ले जाता और फिर बाहर की तरफ निकालता। वह अपनी जीभ से भी मेरी चूत को चाट रहा था। मेरी चूत से पूरा पानी निकल चुका था और मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने शिवम से कहा कि तुम मेरी सील  जल्दी से तोडो मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है। उसने अपने लंड को मेरी चूत में लगाते हुए अंदर तक बड़ी तेजी से धक्का मारना शुरू किया। उसने पहले तो मेरे दोनों पैरों को अच्छे से खोल लिया अब उसने एक ही झटके में अपने लंड को अंदर घुसा दिया। जैसे ही उसने वह झटका मारा तो मेरे  गले से इतनी तेज आवाज निकली। मैंने आज तक जिंदगी में इतनी तेज आवाज कभी नहीं निकाली और मुझे बहुत दर्द हो रहा था। अब वह धीरे से अंदर बाहर करता तो मेरी उत्तेजना और बढ़ती जा रही थी। जैसे ही उसने अब अपनी तेजी पकड़ी तो मैं बहुत उत्तेजित हो जाती और शिवम मेरी टाइट चूत के चोदने में मजा ले रहा था। वह भी उत्तेजित हो जाता और अपनी गति को बढ़ाते हुए। अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करता जाता। उसने मुझे कम से कम डेढ़ सौ झटके मारे और मेरी सुहागरात को सफल बना दिया। मेरा अब झड़ चुका था तो मैं आराम से ऐसे ही लेटी रही और वह मेरी दोनों टांगों को चिपकाकर मुझे पेलता रहा। उसने मुझे बहुत ही गंदे तरीके से अब पेलना शुरु कर दिया। मेरी चूतडे उसके लंड से टकरा जाती और वह और तेज तेज करता जाता। जिसे मेरी चूतडो से आवाज निकल रही थी। उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मेरी चूत का उद्घाटन कर दिया और अपने वीर्य को अंदर ही डाल दिया। मुझे बहुत अच्छा लगा जब उसने अपने वीर्य को मेरी चूत मे ही डाल दिया मेरी इच्छा पूरी हो गई थी। शिवम से अपनी चूत मरवाने की मैंने अपनी पैंटी और ब्रा पहन ली और ऐसे ही शिवम से बातें करने लगी। मेरी बिल्डिंग भी रूक गई थी।

शिवम ने मुझे कहा कि तुम्हारे घर वाले नाराज हो जाएंगे इसलिए तुम अपने घर चली जाओ और उसी लड़के से शादी कर लो। मुझे भी ऐसा ही लगा कि मुझे उस लड़के से ही शादी कर लेनी चाहिए। अब मेरी शादी हो चुकी थी।


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