मुझे आंटी मत बोलो रंडी बोलो – Antarvasna Hindi Sex Stories
मुझे आंटी मत बोलो रंडी बोलो
ल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में मुंबई का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 23 साल है और मुझे शुरू से ही अपने से ज्यादा उम्र की औरतें ज्यादा अच्छी लगती है। दोस्तों आज में आप सभी के चाहने वालोँ को अपनी एक ऐसी ही ज्यादा उम्र की सेक्सी आंटी की चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से वो कहानी सुनाता हूँ जिसमे मैंने उस आंटी को चोदकर बहुत मज़े किए। दोस्तों मेरे सामने वाले फ्लेट में एक बहुत हॉट, सेक्सी आंटी रहती थी जिनका नाम शीला था और वो दिखने में एकदम मस्त माल लगती थी और उनके घर में आंटी अंकल और उनका एक 7 साल का बेटा रहता था,
लेकिन वो वहां पर बस अपने बेटे के साथ रहती थी क्योंकि उनके पति उस समय लन्दन में किसी बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करते और वहीं पर रहते थे। वो साल दो साल में एक बार कुछ महीनों के लिए घर पर आते थे। दोस्तों मेरी आंटी की उम्र करीब 36 साल की होगी, उनके फिगर का साईज 34 -30 -forty होगा, लेकिन मुझे सिर्फ उनकी गांड बहुत पसंद थी और वैसे भी मुझे गांड ही ज़्यादा पसंद है और में आंटी से कभी कभी ऊपर नीचे आते जाते लिफ्ट में मिलता था और कभी उनको अपनी बालकनी में खड़ा होकर घूरता रहता था, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं कहती और इसलिए हमारी बहुत कम समय में एक दूसरे से अच्छी जान पहचान थी।
दोस्तों में हमेशा सही मौका देखकर उनसे बातें करता और वो मुझे हंस हंसकर मेरी बातों का जवाब दिया करती थी। मेरा उनके घर पर लगातार आना जाना होता रहता था। दोस्तों मैंने जिस दिन से उनको देखा था में उस दिन से उनका दीवाना हो गया था और में हमेशा उन्हे चोदने के बारे में सोचता रहता था। उनको अपनी तरफ आकर्षित करता और मेरी अच्छी किस्मत से एक दिन वो समय आ ही गया। में उस दिन अपने फ्लेट के नीचे मेन दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था कि कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी उस समय कहीं बाहर से आ रही थी और वो मेरे पास आकर रुक गई। अब मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गई थी आंटी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि आज मेरा बेटा स्कूल की तरफ से पिकनिक गया है तो में उसको ही स्कूल छोड़कर आ रही हूँ,
वो अपनी पिकनिक से शाम तक वापस आ जाएगा। फिर हम दोनों एक साथ लिफ्ट से ऊपर अपने फ्लेट तक आने लगे। तब लिफ्ट में आंटी ने मुझसे बोला कि रवि अगर तुम फ्री हो तो मेरे घर पर आ जाओ, में आज घर पर बिल्कुल अकेली हूँ और तुम मेरे साथ रहोगे तो मेरा मन लगा रहेगा और मुझे बहुत अच्छा लगेगा वर्ना अकेले घर पर मुझे बहुत अजीब सा लगता है। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और अब में उनके साथ उनके घर पर चला गया और हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया। तब आंटी मुझसे बोली कि तुम बैठो में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर वो मुझे बैठाकर अपने बेडरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट के बाद वो अपने कपड़े बदलकर वापस मेरे पास आ गई। दोस्तों में उनको देखकर बहुत हैरान रह गया,
क्योंकि वो उस समय एक जालीदार मेक्सी पहनकर मेरे सामने आ गई और उन्होंने अंदर गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी। दोस्तों वो सब कुछ मुझे उनकी उस जालीदार मेक्सी से साफ साफ नजर आ रहा था। दोस्तों में तो उन्हें देखकर बिल्कुल पागल सा हो गया और अब में मन ही मन उन्हें देखकर सोचने लगा कि शायद आज मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी और मुझे इस सेक्सी छिनाल को चोदने का मेरा वो सपना पूरा हो जाएगा जिस इच्छा को में इतने दिनों से अपने मन में लेकर बैठा हूँ। अब हम दोनों बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद मैंने आंटी से पूछा कि क्या आपको कभी अंकल की याद नहीं आती? तो उन्होंने मेरी यह बात सुनकर थोड़ा उदास होकर मुझसे कहा कि याद तो मुझे बहुत आती है, लेकिन अब में क्या करूं? दोस्तों उनके चेहरे पर एकदम से यह बात खत्म करते समय बहुत मायूसी सी छा गई। दोस्तों इस बात का फायदा उठाते हुए मैंने उनका मुलायम हाथ पकड़कर उनसे कहा कि आप अब ज्यादा उदास मत रहा करो, आपके के लिए में हूँ ना आप इस बात को लेकर इतना चिंतित क्यों हो? और अब आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनते ही बहुत खुश हो गई वो मुझसे पूछने लगी कि क्या?
फिर मैंने बोला कि हाँ में बिल्कुल सच कह रहा हूँ और फिर मैंने आंटी को अपने गले से लगा लिया। उन्होंने भी मुझे एकदम कसकर पकड़ लिया और में उनके बड़े आकार के बूब्स को अपनी छाती पर दबाता हुआ महसूस कर रहा था में अब धीरे धीरे उसकी कमर पर अपना एक हाथ घुमाने लगा तब में उनसे बोला कि आंटी में आपको बहुत पसंद करता हूँ और बहुत समय से में आपको चोदना चाहता हूँ, लेकिन आंटी ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर भी मुझसे कुछ नहीं कहा। फिर वो कुछ देर चुप रहकर कुछ बात सोचकर मुझसे बोली कि आज रात में आ जाना और फिर दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और कुछ देर बाद में अपने घर पर चला गया। फिर में रात होने का इंतजार करने लगा और करीब रात को 9 बजे में उनके घर पर चला गया। फिर मैंने दरवाजा खटखटाया तो आंटी ने दरवाजा खोल दिया और मैंने देखा कि आंटी एकदम दुल्हन जैसी लग रही थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सुहागरात की ड्रेस पहनी हुई थी। फिर आंटी मुझसे बोली कि चलो बेडरूम में चलो।
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