कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में
कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में
कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में : दोस्तों हमने समलैंगिकता यह शब्द सुना हैं। समलैंगिकता को अंग्रेजी में होमोसेक्स्युएल कहते हैं यानी एक व्यक्ति का अपने ही जैसे समान लिंग वाले व्यक्ति की ओर आकर्षित होना। ( महिला महिलाओं की ओर और आदमी आदमी की ओर आकर्षित होता हैं।)
समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के प्रति यौन रूप से सेक्स करने के लिये आकर्षित होना है। वे पुरुष, जो अन्य पुरुषों के प्रति सेक्स करने के लिये आकर्षित होते है उन्हें “पुरुष समलिंगी” या गे और जो महिला किसी अन्य महिला के प्रति सेक्स करने के लिये आकर्षित होती है उसे भी गे कहा जा सकता है. एक बात ध्यान में रखिए समलैंगिकता यह नैच्युरल हैं किसी के भी घर में समलैंगिक लड़का या लडकी जन्म ले सकती हैं।
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सेक्स इस धरती पर रहने वाले करीब – करीब हर जीव द्वारा करी जाने वाली क्रिया है. सेक्स एक स्वस्थ और प्राकृतिक गतिविधि है जो महिला एवं पुरुष को जैविक और शारीरिक रुप से रेखांकित करता है. भारतीय समाज में सेक्स का मतलब सेक्सुअल एक्टिविटी से निकाला जाता है जिसमें इंटर कोर्स शामिल है. जब हम जवानी का दौर शुरू करते हैं, तो हमारे शरीर के हार्मोन की मात्रा में ज़बरदस्त बदलाव होने लगता है। और इस कारण लड़का लडकियों के प्रती और लडकिया लडको के प्रती अकर्शीत होती है . किन्तु समलैंगिक लोग अपने सामान जेंडर वाले लोगों के प्रती आक्रशीत होते है . उदहारण : लड़का किसी दुसरे लड़के से सेक्स करना चाहता हो और किसी लड़के को कोई और लड़का सेक्स करने के लिये आक्रशीत कर रहा हो.
अपने ही लिंग के व्यक्ति की तरफ आकर्षित होना बस कुछ समय के लिए होता है, फिर उन्हें यह चिंता नहीं सताएगी कि अब वे समलैंगिक बन गए हैं।” सभी नौजवानों को चुनाव करना पड़ता है कि वे लैंगिकता या सेक्स के बारे में दुनिया की घिनौनी सोच अपनाएँगे या फिर पवित्र शास्त्र में दर्ज़ परमेश्वर की सोच लेकिन तब क्या जब आपमें यह खिंचाव या आकर्षण कुछ समय बाद भी जारी रहे? क्या परमेश्वर का यह कहना कि समलैंगिकता गलत है, इंसानों को अपनी लैंगिक इच्छाएँ दबाकर नहीं रखनी चाहिए, बल्कि उन्हें पूरा करना चाहिए।
दोस्तों हमने समलैंगिकता यह शब्द सुना हैं। समलैंगिकता को अंग्रेजी में होमोसेक्स्युएल कहते हैं यानी एक व्यक्ति का अपने ही जैसे समान लिंग वाले व्यक्ति की ओर आकर्षित होना। (महिला महिलाओं की ओर और आदमी आदमी की ओर आकर्षित होता हैं।) विपरीत लिंग की ओर आकर्षित होनेवाले व्यक्ति को हेट्रोसेक्सुअल कहते हैं (आदमी का महिला की ओर और महिला का आदमी की ओर आकर्षित होना)
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किन्से इस शास्त्रज्ञ के मतानुसार 10 प्रतिशत अमेरिकी पुरूष उम्र के 16-60 साल तक के 3 साल तक समलिंगी होते हैं। 4 प्रतिशत आदमी जिवनभर समलिंगी होतो हैं। महिलाएँ उम्र के 40 साल तक 19 प्रतिशत महिलाएँ समलिंगी होती हैं और तिन प्रतिशत महिलाएँ उम्रभर समलिंगी होती हैं।
दोस्तों हम किसी भी समलैंगिक पुरुष या महिला को हिजडा या छक्का कहते हैं वो भी घृणास्पद नजरिए से लेकिन हमने कभी यह जानने की कोशिश नही की की आखिर यह क्या हैं? दोस्तों एक बात याद रखिए समलैंगिकता यह प्राकृतिक हैं। कोई किसीपर थोपता (लादता) नही की आप समलिंगी बन जाओ। समलैंगिकता में आम तौर पर चार प्रकार पाए जाते हैं। LGBT (Lesbian, Gay, Bisexual, Trans Gender)
लेस्बीयन:- महिलाओं का महिलाओं के प्रती प्यार और शारिरीक आकर्षण
गे:- पुरूषों का पुरूषों के प्रती प्यार और शारीरिक आकर्षण (दिखने मे स्ट्रेट लडकों की तरह होते हैं।)
बायसेक्सुएल:- उभयलिंगी दोनों लिंगो की और आकर्षित (महिला और पुरुष दोनों की और आकर्षित)
ट्रांसजेंडर:- शरीर एक लेकिन भावनाएँ शरीर के रचना से बिल्कुल विपरीत (शरिर आदमी का लेकिन उसके मन की भावनाएँ महिला वाली और आकर्षण पुरूषों की ओर)
स्ट्रेट (हायट्रोसेक्सुएल):- विपरीत लिंग के प्रती आकर्षण
दोस्तों एक बात याद रखिए समलैंगिकता यह इन्सानों के अलावा दुनिया के 15,000 जानवरों की प्रजातियों में पाई जाती हैं। दुनिया के लगभग सभी जिवजंतूओं में समलैंगिकता पाई जाती हैं। ट्रांसजेंडर में महिला या पुरूष अपने शरीर का ऑपरेशन कर अपना लिंग परिवर्तन करते हैं। कुछ लोग बिना परिवर्तन कर के महिलाओं के कपड़े पहनकर रहते हैं।
समलैंगिक ट्रांसजेंडर को विभिन्न भाषाओं में क्या कहाँ जाता हैं?
उर्दू- हिजडा, ख्वाजा सरा
हिन्दी- किन्नर
मराठी- हिजडा, छक्का
गुजराती- पावैया
पंजाबी- खुस्त्रा, जंखा
तेलुगू- नपुंसकडू, कोज्जा, मादा
तामिल:- थिरूनानगाई, अली, अरवन्नी, अरावनी, अरूवनी
कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में:गे, लेस्बीयन, बायसेक्सुएल को छक्का या हिजडा नही कह सकते। विश्व के लगभग सभी आदमीयों ने अपने जिवन में कभी न कभी (याद जरूर किजीए) अपने समान समलिंगी व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध किए हैं। (वाक्य पढते वक्त अच्छे से पढिए वाक्य मे सभी नहीं लगभग सभी ने लिखा हैं) समलैंगिकता यह प्राकृतिक हैं। (दाएँ हाथ से लिखना और काम करना यह प्राकृतिक हैं वैसे ही समलैंगिकता भी प्राकृतिक हैं।) इस समय दुनियाभर में 70 करोड़ समलैंगिक अनुमानित हैं जिनमे 1.75 लाख एच्.आय.वी.संक्रमित हैं. (प्रतियोगिता दर्पण-2014) *यह संख्या ज्यादा भी हो सकती हैं क्योंकि बहोत लोग आज भी छुपकर जीवन जी रहे हैं यानी घुटन सी महसूस कर रहे हैं। (इसका विश्लेषण आगे देखिए)
समलैंगिकता के बारे मे कुछ सवाल – कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में
समलैंगिकता यह मानसिक बिमारी हैं क्या?
– नहीं, पचास साल पहले इसे मानसिक बिमारी कहाँ जाता था किन्तु आज इसे बिमारी नही कह सकते। शरीर में एक जिन रहता हैं जो आदमी को समलैंगिकता की ओर ले जाता हैं। बाएँ हाथ से लिखनेवालें आदमी बहोत कम होते हैं. इन्सान बाएँ हाथ से क्यों लिखता हैं यह बताना जैसा मुश्किल हैं वैसेही आदमी समलैंगिक क्यो होता हैं यह बताना मुश्किल हैं।
समलैंगिक लोग बाकी लोगों जैसे होते हैं?
– उनकी सभी आदते, एक्सप्रेशन, बरताव आम आदमीयों जैसा ही होता हैं सिर्फ़ कामक्रिडा (सेक्स करना) अलग होती हैं। वे महिलाओं के बजाय आदमी पर प्यार करते हैं। कुछ लोगों को लगता हैं की मुझे महिला का जन्म लेना चाहिए था। महिलाओं से नफरत करनेवाले आदमी*
समलैंगिक लोग बाकी लोगों जैसे होते हैं?
– उनकी सभी आदते, एक्सप्रेशन, बरताव आम आदमीयों जैसा ही होता हैं सिर्फ़ कामक्रिडा (सेक्स करना) अलग होती हैं। वे महिलाओं के बजाय आदमी पर प्यार करते हैं। कुछ लोगों को लगता हैं की मुझे महिला का जन्म लेना चाहिए था। महिलाओं से नफरत करनेवाले आदमी भी समलैंगिक होते हैं। समलैंगिक आदमी या महिला कौन हैं और कौन नही यह पहचानना मुश्किल हैं। कोई आदमी महिला जैसा बरताव करता हैं इसका मतलब यह नहीं की वो समलैंगिक हैं।
समलैंगिकता की प्रवृत्ती (टेंडेंसी) बदल सकते हैं?
– समलैंगिकता की टेंडेंसी सीमन, कैदी, होस्टल के बच्चे, जवान इनमें भी पाई जाती हैं। घर से दूर रहनेवाले लोग कुछ समय के लिए एकदुजे से संबंध रखते हैं। कुछ लोग बायसेक्सुएल रहते हैं। शादी करके उनका संसार ठीक से चल रहा होता हैं फिर भी समलैंगिकता की ओर उनका आकर्षण होता हैं इससे पती का पत्नी के उपर का प्यार कम नहीं होता। समलैंगिकता की टेंडेंसी नही बदल सकते। (अधिक जानकारी के लिए यु ट्यूब पर देखे- सत्यमेव जयते, सिजन 3, एपिसोड 3 : अमित)
समलैंगिकता के बारे में जानकारी राय और अधिक :
समलैंगिकता भारतीय समाज में नया नही, समाज में हाथठेले वालों से लेकर बड़े लोगों में भी समलैंगिकता पाई जाती हैं। सिनेमा, बिजनेस, कला इन क्षेत्रों के बहोत से समलैंगिक जोडों को मैं पहचानती हूँ।
समलैंगिक संबंध को भारत में कानूनी मान्यता नही। आयपीसी धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंध एक कानूनन जुर्म हैं। आयपीसी धारा 377:- भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान 1860 ई. में व्याभिचार विरोधी कानून के रूप में समलिंगी गतिविधियों को आपराधिक घोषित करने हेतु जोड़ा गया था, जिसके तहत् पुरुष, स्त्री अथवा पशुओं के साथ किए जाने वाले अप्राकृतिक ऐन्द्रिय संसर्ग के दंडस्वरूप आजीवन (उम्रकैद) कारावास की सजा अथवा दस साल की सजा के साथ आर्थिक दंड का भी प्रावधान है।
एक बात ध्यान मे रखिए समलैंगिक संबंध भारत में कानूनन अपराध हैं और भारतीय समाज का समलैंगिकता की ओर देखने का नजरिया घृणास्पद हैं इसलिए समलैंगिक लोग घर और समाज में घुटन सा महसूस कर आत्महत्या करते हैं या घर छोडके भागकर रेल्वे या अन्य जगह पर भीक मांगकर अपना पेट पालते हैं। आदमी समाज के बगैर नही रह सकता इसलिए ये लोग अपने जैसे लोगों के साथ मिलकर एक बस्ती या परिवार बनाकर रहते हैं।
समलैंगिक संबंध 17 देशों में कानूनन वैध हैं जबकी 23 देशों में समलैंगिक विवाह और समलैंगिकों को कुछ अधिकार प्राप्त हैं और 190 देशों में यह मुद्दा तो अवैध की श्रेणी में आता हैं या इस बारे में कानून अस्पष्ट हैं।
समलैंगिकता की सजा फाँसी
इराण, मौरिशियाना, सऊदी अरब, सूडान व यमन यहाँ समलैंगिकता की सजा फाँसी हैं जबकि 71 देशों में समलैंगिक जोडों को सलाखों के पिछे भेजा जाता हैं। इंटरनेशनल लेस्बीयन एंड गे एसोसिएशन के अनुसार 2.79 बिलियन लोग ऐसे देश में रहते हैं जहाँ समलैंगिक होने का अर्थ हैं कैद या मृत्युदंड.
दोस्तों समलैंगिक लोगों को आपकी और से कुछ नहीं चाहिए कुछ लोगों का कहना हैं वे अश्लील बोलते हैं और सेक्स सिकर होते हैं लेकिन इसके पिछे की वजह जानने की कोशिश नही करते। अगर समलैंगिक विवाह को भारत में कानूनन मान्यता मिल जाए तो ये अपने पार्टनर के साथ शादी करके अपनी पुरी जिंदगी बिता सकते हैं।
समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले का इंतजार, क्या समलैगिक संबंध…
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समलैंगिकता जाती धर्म देखकर नहींआती हैं यह प्राकृतिक हैं
दोस्तों समलैंगिकता न जाती देखकर आती हैं न धर्म देखकर। यह प्राकृतिक हैं वैसे जिवन के हर बदलाव प्राकृतिक है जाती देखकर आती हैं न धर्म देखकर। यह प्राकृतिक हैं वैसे जिवन के हर बदलाव प्राकृतिक हैं। कल हमारे घर में जन्म लेनेवाला लडका या लड़की भी समलैंगिक हो सकती हैं। समलैंगिकता पर कोई इलाज नही यह मैंने आपको पहले ही बता दिया हैं।
बच्चा समलैंगिक होने के बावजूद भी अपने मां बाप को नही बताता क्योंकि उसे डर लगता हैं कि उनका परिवार क्या कहेगा? समाज क्या कहेगा? घरवाले बहार तो नही निकालेंगे? (मैं एक लडके को जानता हूँ जिसने अपने उम्र के 17 वे साल मे अपने मां बाप को बताया की वो गे हैं तभी उसके पिता ने उसे घर से बहार निकाल दिया। वो पिछले 5 सालों से घर से बहार हैं। वो अकेला रहकर जाॅब करके पढ़ाई करता हैं। घरवालों और रिश्तेदारों के लिए वो मर चूका हैं। एक लडका सरकारी नोकरी पर हैं उसे ऑपरेशन कर अपना लिंग बदलना हैं किन्तु परिवार को कैसे बताएँ यह उसे समझ नही आता। पापा नहीं हैं। घर मे बड़ी बहन और मम्मी हैं। उन्हें क्या बताएँ? नोकरी पर सब लोग चिढाते हैं क्या करे? उसे कुछ समझ नही आता। वो बार बार मरने की सोचता हैं। न जाने ऐसे कितने लड़के और लडकीयाँ होगी
कानून का डर उपर से समाज के ताने इससे बचने के लिए समलैंगिक लोग एकदुजे के साथ छुपकर अपने दोस्तों के सामने शादी करते हैं। प्यार मे सबसे अधिक धोके इन्हें मिलते हैं क्योंकि सबको समाज का डर होता हैं। अगर स्ट्रेट (हेट्रोसेक्सुअल) लोग समलैंगिक लोगों को मान सम्मान, प्यार दे तो ये भी अपना जिवन खुलकर जी सकते हैं। यह भी सामने आकर अपनी एक पहचान बना सकते हैं। एक बात ध्यान में रखिए समलैंगिकता यह नैच्युरल हैं किसी के भी घर में समलैंगिक लड़का या लडकी जन्म ले सकती हैं।
Reference ( कंही आप समलैंगिक तो नहीं हो ? अभी साफ हो जायगा इस आर्टिकल में) :-
1) The Pink Booklet
Author:- Deepak Kashyap
2) All About Sex
Author:- Dr.Rahul Patil
3) Social Work in the Area of HIV/AIDS
4) Satyamev Jayate (Season 3, Episode 3)
5) लोकमत समाचार (हिन्दी अखबार)
6) मी हिजडा….मी लक्ष्मी
लेखिका:- लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी
7) महाराष्ट्र (मैगजिन)
8) प्रतियोगिता दर्पण
जो लोग समान लिंग के व्यक्ति की तरफ आकर्षित होते हैं, वे भी अपनी इच्छाओं को काबू में रख सकते हैं, मगर तभी जब वे दिल से परमेश्वर के नियमों को लागू करना चाहें और उसे खुश करना चाहें। दोस्तों समलैंगिकता क्या हैं यह तो आप समझ गए होगे। याद रखिए किसी को भी घृणास्पद नजरिए से गे, छक्का या हिजडा न बोले क्योंकि वो भी आम इंसान हैं।