बहन की चुत को मोमबती से चोदा और बहन की चुत चुदाई की आग शांत करी
बहन की चुत को मोमबती से चोदा और बहन की चुत चुदाई की आग शांत करी
बहन की चुत को मोमबती से चोदा और बहन की चुत चुदाई की आग शांत करी : हैल्लो दोस्तों.. में सलमान खान आप सभी के सामने अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ दोस्तों आप सभी को मेरी कहानी “बहन की चुत को मोमबती से चोदा और बहन की चुत चुदाई की आग शांत करी” जरूर पसंद आएगी..
दोस्तों यह बहन की चुत में मोमबती डालकर चुदाई करने की कहानी मेरे बचपन की मासूमयत से शुरू होती है जो मेरी जवानी की चुदाई की आग पर खत्म होती है। बहन की चुदाई की इस कहानी की शुरुआत मेरे बचपन से होती है.. उस वक़्त में 16 साल का था और मेरी गर्मियों की छुट्टियों पर में अपनी बुआ के घर गया था। मेरी बुआ के चार बच्चे है और उनमे से एक लड़का बाहर ही रहता है उनका मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू लड़का शादीशुदा है और चंडीगढ़ में नौकरी करता है। एक लड़के की अभी शादी नहीं हुई है.. लेकिन मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू अभी एक प्राईवेट नौकरी कर रहा है और मेरी बुआ की एक बड़ी लड़की पढ़ाई कर रही है और छोटी लड़की जिसका नाम शालू है मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझसे उम्र में 10 साल बड़ी है।
उस वक़्त जब में गर्मियों की छुट्टियों पर उनके घर गया था.. तब मेरी उम्र 16 साल की थी.. जबकि मेरी कज़िन बहन शालू 23 साल की थी.
मेरी कज़िन बहन शालू का फिगर बहुत ही सेक्सी था। मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू बहुत स्लिम थी लेकिन उसकी छाती पर मोटे मोटे बूब्स बिल्कुल गोल गोल, बहुत बड़े, टाईट और तने हुए थे। मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू बहुत गोरी और सुंदर थी और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरे साथ हमेशा लूडो और केरम खेलती थी। मुझे कोल्ड ड्रिंक और बर्फ का गोला बहुत पसंद था और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे हमेशा अपनी कार में लेकर बर्फ गोला खिलाने ले जाती थी.. बर्फ गोले के ऊपर गोले वाला खोया और मलाई डाल कर देता था जो कि मुझे बहुत ही स्वादिष्ट लगती थी और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे हमेशा खुश रखने की कोशिश किया करती थी और मेरी कोई भी बात नहीं टालती थी।
मैंने कई बार उनकी गोल गोल, गोरी और टाईट चूचियाँ देखी थी क्योंकि मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू कई बार घर पर गाऊन और टी-शर्ट पहनती थी और जब भी झुकती थी तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन हो जाते थे।
मुझे उसकी छाती पर मोटे मोटे बोबे देखना बहुत अच्छा लगता था.. लेकिन कभी बहन की चुदाई का अहसास दिल में नहीं आया और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे छोटा समझकर मेरे सामने बिल्कुल फ्री रहती थी। मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू जब घर पर अकेली होती थी तो उनकी हरकत पूरी चेंज हो जाती थी और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू ज्यादातर समय टीवी चालू करके मुझे अपने पास बैठा लेती थी और मुझसे चिपककर बैठ जाती थी।
कभी कभी मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे अपनी गोद में बैठा लेती थी और अपनी दोनों बाहों से कसकर अपने सीने से लगा लेती थी.. जिसे में एक कज़िन बहन का प्यार ही समझता था और इससे मुझे अपनापन लगता और सेक्स का अहसास नहीं आता था। लेकिन जब कभी मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे सीधे से अपने गले से लगाती थी तो मेरा चेहरा उनकी दोनों चूचियों के बीच में आ जाता था और उनके जिस्म की मादक खुश्बू और उनकी चूचियों की गर्मी और कोमल स्पर्श से मेरे अंदर अजीब सी गुदगुदी होती थी और मेरी सेक्सी कज़िन बहन शालू मुझे जब तक अलग नहीं करती.. में उनसे चिपका ही रहता था।
कई बार जब में सो कर उठता था तो मुझे ऐसा लगता था कि जैसे किसी ने मेरे जिस्म के कोमल अंग यानी कि मेरे लंड मतलब कि मेरी लुल्ली के साथ कुछ किया है.. लेकिन कभी मुझे समझ में नहीं आया। उस टाईम पर मेरा सेक्सी भाग बिल्कुल साफ था.. क्योंकि अभी वहाँ पर बाल निकलने शुरू नहीं हुए थे। एक दिन मेरी बुआ, अंकल और उनकी बड़ी लड़की एक शादी में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ गये हुए थे और घर पर मेरे बड़े भैय्या, शालू दीदी और में था। उस टाईम लोग वीडियो घर पर किराए से लाते थे और 2-3 फिल्म एक साथ देखते थे। तो एक दिन हमने भी घर पर सोमवार के दिन वीडियो मंगवाया और फिर हमने सारी रात नमकीन, मिठाई खाते रहे और चाय की चुस्कियों के साथ फिल्म देखी..
लेकिन भैया एक फिल्म देखकर सो गये क्योंकि उन्हे सुबह जल्दी अपनी फेक्ट्री जाना था और जब कि हमने तीनों फिल्म बड़े आराम से देखी। शालू दीदी ने मेरा सर अपनी गोद में रखा हुआ था और मेरे बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी और सुबह शालू दीदी ने भैया को नाश्ता बनाकर दिया और हमने भी टूथब्रश करके नाश्ता कर लिया और भैया के फेक्ट्री जाने के बाद दीदी ने मेन दरवाजा और घर का दरवाजा लॉक किया और कूलर चालू कर दिया। फिर हम दोनों साथ में ही सो गये।
हम सब घर वालों के सामने भी साथ में ही सोते थे। तभी थोड़ी देर के बाद दीदी ने मुझे अपनी ओढनी में अंदर ले लिया और अपनी बाहों में भींचकर अपने गाऊन के ऊपर से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और में भी उनके ऊपर हाथ रखकर बिल्कुल चिपक कर सो गया।
मुझमे उस वक़्त तक कभी सेक्स का अहसास नहीं आता था.. लेकिन मुझे उनके साथ चिपककर सोना बहुत अच्छा लगता था। तभी लगभग 3-4 घंटो के बाद मुझे अपने प्रमुख भाग यानी कि अपनी लुल्ली में कुछ गुदगुदी महसूस हुई और नींद में ही मैंने अपना हाथ नीचे रखा.. लेकिन मुझे कुछ भी पता नहीं चला और फिर में सो गया। तभी मुझे कुछ देर बाद पेशाब जाने का अहसास हो रहा था.. लेकिन बिल्कुल फंसा होने की वजह से में टॉयलेट नहीं जा रहा था और इसी वक़्त फिर से मुझे अपनी लुल्ली में गुदगुदी होने लगी और पेशाब का अहसास भी बहुत ज़ोर से हो गया था और मुझे लगा कि पेशाब बेड पर ही ना निकल जाए.. जिसकी वजह से में डरकर झटके से उठ गया।