गर्भधारण करने के केलिए – उपाय गर्भधारण का उचित समय – How to get pregnant
इस लेख में आपके सवालों – गर्भधारण का उचित समय, गर्भधारण कैसे होता है, गर्भवती कैसे होती है, गर्भधारण कैसे करे, गर्भ कब नही ठहरता है का जवाब देंगे
बच्चा पाने की इच्छा हर औरत का सपना होता है। अक्सर कई दम्पति विवाह के कई साल बाद तक भी कोई बच्चा नही पैदा कर पाते और जांच करवाने पर भी कोई कमी या त्रुटि नही निकलती। अक्सर ज्ञान के अभाव में गर्भधारण नही हो पाता। आपके ज्ञान के भंडार को बढ़ाने का उद्देश्य लेकर ही आपके लिए लेख प्रस्तुत किये गए है।
तो आइये आपको गर्भधारण के कुछ जरुरी पहलुओ से वाकिफ करवाते है।
गर्भधारण कब नही ठहरता है/ कारण:
- तनाव – कार्यस्थल या घर पैर काम का दबाव तनाव को जन्म दे सकता है। जब आपके दोस्त या रिश्तेदार बच्चे के विषय में पूछते है और आप कहते है की हम कोशिश कर रहे है तो आप का दिमाग तनाव से भर जाता है। तनाव गर्भधारण में नकारात्मक भूमिका निभाता है। इसलिए आपको अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करने की जरुरत है। व्यायाम, परामर्श, कला चिकित्सा, ध्यान आदि गतिविधियाँ तनाव के स्तर को कम करने में मदद करेगी।
- वजन सम्बन्धी मुद्दे – कम वजन होना या अधिक वजन होना भी गर्भवती होने में रूकावट डाल सकता है। कुपोषणता की शिकार औरत में हर महीने अच्छे से अण्डा नहीं बन पाता, जिसकी वजह से गर्भवती होने में बाधा उत्पन्न होती है। आवश्यकता से अधिक वजन भी प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए व्यायाम आदि से अपने वजन को सही करने की आवश्यकता है।
- मासिकधर्म चक्र का सही समय पर न आना– गर्भधारण न कर पाने का मुख्य कारण है मासिकधर्म चक्र का अनियमित होना। आम तौर पर ये चक्र 28 दिन का होता है पर सब औरतो में यह 28 दिन में ही नही होता है। 28 दिन के चक्र क्रम के हिसाब से अंडा 14वे दिन फुट कर तैयार हो जाता है और उसको ध्यान में रखकर गर्भधारण के लिए प्रयास किया जा सकता है। किन्तु जब यह चक्र नियमित और सही समय पर नही होता तो पता ही नही कर पाते कि अंडा कब फुटकर तैयार हो गया है। गर्भवती होने की दिशा में किया गया प्रयास सफल नही हो पता।
- अनिद्रा – कम सोना या रात को देर से सोने से अनिद्रा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। फिर यह प्रजनन चक्र को प्रभावित करना शुरू कर देगा।रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने से खतरा हमेशा बना रहेगा। संक्रमण बुखार इत्यादि अत्यधिक गर्मी पैदा करेंगे जिससे शुक्राणुओ को नुकसान पहुंचता है।
- आयु – जैसे जैसे आयु बढ़ती जाएगी, प्रजनन क्षमता कम होती जाती है। ऐसा कहा जाता है कि ’35 की आयु ‘ औरत की प्रजनन क्षमता काफी कम हो जाती है।
- शुक्राणु – अपने साथी के शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा भी गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं । शुक्राणु उत्पादन क्षमता यौन संचरित संक्रमणों , अत्यधिक गर्मी , धूम्रपान से प्रभावित हो सकती हैं।
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