18 साल की लड़की की चूत की चुदाई का एहसास मस्त था Hindi sex story

18 साल की लड़की की चूत की चुदाई का एहसास मस्त था Hindi sex story

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दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हु, इस कहानी में मेरे साथ जो लड़की है जिसकी चूत की सील मैंने तोड़ी आज मैं आपको अपने शब्दों में बयां कर रहा हु, आशा करता हु, की आपको ये मेरी कहानी एक कुंवारी लड़की को चोदने का जो एहसास होता है उसी के बारे मैं आपके सामने रख रहा हु, कैसे मैंने वो टाइट बूर में अपना लौड़ा डाला था, दोस्तों शायद ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खुशनसीब पल था वो पहला से लेके पांचवे दिन तक. अब मैं आपको आपका टाइम खराब नहीं करते हुए मैं अपनी चुदाई की कहानी सूना रहा हु.
मैं 36 साल का हु, मैं टीचर हु, और घर पे टूशन भी पढता हु, आज जो मैं कहानी आपको सूना रहा हु, वो मेरी एक स्टूडेंट की है, जिसका नाम सिमरन है, सिमरन अठारह साल की है, गजब की सुन्दर लड़की है, भगवान् ने क्या खूबसूरत चेहरा दिया है, उसकी छोटी छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब का लगता है, यार क्या बताऊँ चूचियाँ टाइट टाइट सी छोटी छोटी जब मेरे हाथ में आती है तो मेरा तन बदन में आग लग जाता है, और मेरा लौड़ा सलामी देने लगता है, मेरी धड़कन तेज हो जाती है और तुरंत ही उससे बाहों में भर लेता हु और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज तेज साँसे जब मेरे शारीर को छूती है तब मुझे शकुन मिलता है.
सिमरन मेरे बात विचार से काफी प्रभावित थी, वो मुझे अपना सब कुछ सौंपने के लिए धीरे धीरे तैयार हो गई, मुझे तो पहले लगता था ये गलत है पर मैं भी एक कुंवारी को चोदना चाहता था, क्यों की आपको तो पता है, हर मर्द की ये चाहत होती है की वो जो आज तक चुदी ना हो वैसी लड़की को चोदे, ऐसे तो मैं शादी शुदा हु, पर मुझे पता ही नहीं चला था की मेरी बीवी वर्जिन थी की चुदी हुई थी. मुझे हमेशा से लालसा होती थी की मैं किसी ऐसे लड़की से सेक्स सम्बन्ध बनाऊं जो पहले से कभी चुदी हुई ना हो.
सिमरन का हाव भाव देखकर मुझे लगा की वो मुझे पसंद करती है, वो भी सिर्फ सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए, क्यों की उसका कहना था की मैं चाहती हु की मैं सेक्स को जान लु, फिर मैं अपनी पढाई पर ध्यान लगाऊं शायद वो सही बोल रही थी, फिर उसकी मुस्कान और हाव भाव ने मुझे उसको छूने के लिए प्रेरित किया और मैंने धीरे धीरे गाल से स्टार्ट करके होठ को छूने लगा, जब मैं उसके दोनों गुलाब की पंखुड़ी सी होठ को छूता था वो वो कहती थी, बस ना करो प्लीज, आप तो छु कर छोड़ देते हो और मैं परेशान रहती हु, मैं पूछता भी था की परेशान कैसे रहती हो तो वो लजा जाती थी, और कहती थी की मैं नहीं बोलूंगी… मुझे भी उसके होठ को छूना बहुत अच्छा लगता था, धीरे धीरे मैं उसके चूचियों पे हाथ फेरने लगा ऊपर ऊपर से, वो कुछ भी नहीं बोलती थी, मैं कभी भी जबर्दश्ती नहीं की थी, वो खुद ही चाहती थी की मैं उससे छुऊँ,
एक दिन की बात है, मेरी पत्नी तीन चार घंटे के लिए बाहर गई थी, मैं उसके होठ को छुआ की वो मेरा हाथ पकड़ ली और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वो निहारते रही और मैंने उसके टॉप के ऊपर से मैंने हाथ घुसा दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वो भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी, मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, तभी वो छटक कर गुम गई अब उसका गांड मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वो व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी. तभी मैंने उसके केप्री में हाथ घुसा रही था तभी वो मुझे रोक दी, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा क्यों तो बोली मैं अभी ये नहीं कर सकती. मैंने कहा ठीक है कुछ भी नहीं करना पर मुझे छूने तो दो. तो उसने कहा नहीं नहीं अभी मैं ठीक नहीं हु, मैंने कहा क्या तो बोली अरे आप समझ नहीं रहे हो. अभी तीन दिन ही हुए है. अभी दो दिन और बाकी है. मैं समझ गया की उसको माहवारी हुई ही. पर मैं खुश था चलो आज नहीं तो दो दिन बाद ही सही. मैंने उसको बेड पे लिटा दिया और टॉप को ऊपर कर दिया, और फिर चूचियाँ को दबाने लगा. क्रिकेट के बाल की तरह उसकी चूचियाँ थी, मैंने उसके चूच से खेलने लगा. वो भी मजे लेने लगी. फिर मैं होठ को भी चूसने लगा. और फिर दोनों पैर की ऊपर कर दिया और बिच में बैठ कर कपडे के ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा. वो खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था. कुछ देर बाद मैं झुंझला गया, क्यों की मुझे चोदने का मन करने लगा था फिर मैं बाथरूम में जाके मूठ कार लिया.
और फिर वापस आकर उसको हग किया, और किश किया, वो बोली किसी को कभी भी नहीं कहना, ये बात, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. वो बहुत खुश थी. अब तो वो मेरे पास रोज ज्यादा समय तक पढाई करने लगी. और फिर मैं भी खूब मजे लेने लगा. उसके बाद मुझे तीन चार दिन के लिए कहनी जाना था, मैं और मेरी पत्नी दोनों चले गए, पर पत्नी वही रूक गई और मैं वापस आ गया, फिर सिमरन भी आने लगी. वो जैसे ही आई. मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया और बेड रूम में ही उसको बुलाया और फिर हग कर के चूचियाँ दबाने लगा. और फिर उसके होठ चूसने लगा. वो मना नहीं कर रही थी. फिर मैं उसके बूर पे हाथ फेरने लगा और फिर मैंने अपने हाथ को अंदर कर दिया, ओह्ह्ह उसका बूर काफी गरम हो गया था, और पानी पानी हो चूका था. मैंने उसको बेड पर लिटा दिया, और फिर केप्री खोल दी. ऊपर से मैंने उसके कपड़े भी उतार दिए, मैंने उसके चूची को मुंह में ले लिया और चूसने लगा. वो आह अहा उफ़ यह यह उफ़ आउच आ आए आए आ आ आ कर रही थी. मैंने उसके टांग को ऊपर कर दिया और उसके बूर को देखने लगा. मैंने पहले ही सोच लिया था की कभी जल्दबाजी नहीं करनी है. मैंने उसके बूर को चिर कर देखा तो अंदर कोई भी छेद नहीं दिखई दे रहा था. मैंने चिर कर भी देखा तो भी कुछ नहीं दिख रहा था, उसके बाद मैंने अपनी जीभ लगाईं वो उछल पड़ी. बोली नहीं नहीं मैंने कहा कुछ नहीं होगा चुप हो जाओ. फिर उसने मना कर दिया और उठ खड़ी हुई और अपना कपडा फिर पहन ली.
मैं थोड़ा नाराज भी हो गया की ये क्या हो रहा है. वो बोली मुझे थोड़ा टाइम दो. अभी मैं इस लायक नहीं हुई हु, मैंने कहा क्यों नहीं हुई है यार यही तो राइट टाइम है. वो बोली थोड़ा और टाइम दो. मैं पहले अपने मन को तो समझा लु. मेरी एक सहेली किसी से सेक्स सम्बन्ध बनाई है वो बोली है की बहुत दर्द होता है. मुझे डर भी लग रहा है. मैंने समझाया कोई डर नहीं होनी चाहिए तुम्हे और भी मजा आएगा, वो बोली ठीक है. थोड़ा टाइम दो. मैं भी सोचा जल्दवाजी नहीं करनी है नहीं तो ये हाथ से निकल जाएगी. वो दूसरे दिन आई. मैं चुपचाप था, वो बोली नाराज हो क्या? मैंने कहा तुम काम ही यही करती है. नाराज कैसे ना होऊं, तो बोली मैंने किसी चीज के लिए मना किया, मैं चुप रहा वो मेरा सर उठा के मेरी आँखों में आँख डाल कर बोली. की नाराज क्यों हो रहे हो.
मैंने उसके होठ को चूम या और फिर उसके चूचियों को दबाने लगा. फिर लिटा दिया और एक एक कपडे उतार दिए, वो शर्मा रही थी मैंने कहा ले तुम अपना मुंह ढक लो और वो अपने ही टॉप से अपने फेस को ढक ली और फिर मेरे सामने वो नंगी लेती रही मैं उसके बदन के एक एक हिस्से को निहार रहा था, ताकि मैं इस चीज को ज्यादा दिन तक याद रख पाऊं, फिर में उसके टांग को अलग अलग कर के उसके बूर को चिर कर फिर से देखा अंदर लाल, कोई भी छेद नहीं दिखाई दे रहा था. फिर मैंने कहा क्या मैं घुसा दूँ, और ये कहते कहते अपना मोटा लंड निकाल लिया वो चुप रही. मैंने फिर पूछा डालू वो चुप रही. फिर मैंने अपना लंड उसके बूर पे सेट किया और अंदर डालने की कोशिश करने लगा. उसका बूर एक दम साफ़ सुथरा था हलके बल्कि भूरे भूरे बाल थे, मुझे लग रहा था क्या इतनी छोटी सी जगह में मेरा लंड जाएगा. और मैं कोशिश करने लगा.
वो कहे जा रही थी दर्द हो रहा है. दर्द हो रहा है. मैं दिलासा दे रहा था अभी दर्द कम हो जायेगा, और फिर से कोशिश करता पर मेरा लंड उसके बूर के अंदर नहीं जा रहा था, में करीब पांच मिनट कोशिश की पर मेरा लंड अंदर नहीं गया और फिर वो दर्द से उठ गई और आँख में आंसू लिए अपने कपड़े पहन लिये. मैंने समझाया की पहली बार थोड़ा ऐसा लग रहा है फिर ठीक हो जायेगा, दूसरे दिन फिर वो आई और फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत पे रखा और इस बार करीब एक इंच अंदर गया और वो कहने लगी निकलो निकालो पर मैं नहीं मान और दूसरे धक्के में थोड़ा और, वो कराह रही थी छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैं उसके जकड लिया और और फिर तीसरा झटका मारा और लंड उसके चूत में चला गया, वो दर्द से छटपटा रही थी मैं थोड़ा रूक गया और उसको भी शांत रहने बोला, करीब एक मिनट बाद मैंने फिर झटके दिए और उसके चूच को सहलाया, और उसके होठ पे किश किया, वो भी किश करने लगी और मैं धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
वो अपने होठ को अपने जीभ से चाट रही थी. और मैंने उसके कान के निचे चूम रहा था और हौले हौले झटके दे रहा था, फिर मैंने पूछा कैसा लग रहा है. वो बोली अब ठीक लग रहा है. मैं फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ाया और वो भी साथ देने लगी, पहले वो पीछे की तरफ खींच लेती थी पर अब वो थोड़ा थोड़ा आगे आगे झटके देने लगी. फिर करीब पांच मिनट बाद वो भी झटके देने लगी. और मैं भी जोर जोर से झटके देने लगा, करीब दस मिनट बाद मैंने झड़ गया और वो भी शांत हो गई. मैंने लंड निकाला तो देखा लंड में हल्का हल्का खून लगा हुआ था और फिर मैंने उसके बूर के पहाड़ कर देखा तो अंदर लाल लग रहा था, मुझे बिस्वास नहीं हो रहा था की इतना छोटा छेद में मेरा इतना मोटा लंड जायेगा.
फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैंने कई सारे इंटरनेट पे क्लिप देखी अठारह साल की लड़की की चुदाई का, पर मुझे सबसे अच्छा सिमरन की चुदाई ही लगा, अब रोज रोज नहीं बल्कि कभी कभी जब मेरी बीवी नहीं होती है घर पर मैं सिमरन को चोद लेता हु, मैं भी नहीं चाहता की रोज रोज से काम ख़राब हो जायेगा इसलिए मैं धीरे धीरे ही अपने ज़िंदगी का एन्जॉय करना चाहता हु, ये कहानी सच है, आप सभी दोस्तों को नॉनवेज स्टोरी पे मेरी कहानी पढ़ने का बहुत बहुत शुक्रिय.