वेश्याओं ने दिया पहली चुदाई का सुख – अरे क्यां मस्त चुंचे थे इसके यारो. बड़े बड़े

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हाई दोस्तों मेरा नाम जय है और मैं जमशेदपुर का रहेने वाला हूँ, यह कहानी मेरी पहली चुदाई की है जिसमे मेरे दोस्त अनूप और जिगर ने दो रंडियां मीना और सविता के साथ मिलकर हम लोगो ने मस्त देसी सेक्स किया था. यह बात तब की है जब हम तीनो दोस्त कोलेज के दुसरे साल में थे. जिगर अकेले की गर्लफ्रेंड थी और मैं और अनूप दोनों पुरे वर्जिन थे. हमारी मदद करने के लिए जिगर ने यह दो लड़कियों की व्यवस्था की थी. यह देसी सेक्स अनूप के घर पर हुआ था, आइये मित्रो मैं आपको इस देसी सेक्स का शब्दों सह वर्णन बताता हूँ.

उस दिन मैं अनूप और जिगर कोलेज परिसर में बैठे थे और चुदाई की ही बातें कर रहे थे, जिगर हमारी मजाक उड़ा रहा था की हम लड़कियों से डरते है तभी तो अभी तक वर्जिन रह गए है, बात अब गर्म होने लगी थी और हम दोनों ही जिगर का पूरा विरोध कर रहे थे. तभी अनूप बोला, देख हमको चूत मिली नहीं यह हमारी गलती नहीं है, हाँ चूत सामने हो और हम उसे बजाये ना तो हम जरुर डरपोक है. जिगर बोला, अच्छा इसका मतलब चूत मिली तो तूम लोग बजा लोगे…मैंने और अनूप ने साथ में कहा हाँ….जिगर हंसने लगा और बोला अच्छा बेटे देखते है. उसने अनूप की तरफ देख कर कहा, तेरे मम्मी डेडी बहार गए है ना और तेरे घर पे देसी सेक्स का आयोजन किया जा सकता है ना….? अनूप बोला, हाँ मोम डेड और दीदी तीनो मिरज गए है एक हफ्ते के लिए और परसों लौटेंगे. जिगर बोला ठीक है…आज तूम लोगो की वर्जिनिटी दूर कर देते है बेटों. उसने अपना फोन निकाला और किसी को मिलाया,

जिगर: हाँ, फ्री हो…?…..आओगी एक जगह….? हाँ एक घंटे में….1000 दूंगा लेकिन दूसरी को भी ले के आना. वोह थी ना लास्ट टाइम मीना क्यां नाम था उसका? हां वही, उसको लेके तू बस स्टॉप पे रुकना में तुझे गाडी में पिक कर लूँगा….!

जिगर ने फोन कट किया और हमको बतायाँ की उसने एक रंडी को फोन किया था और एक घंटे में हम लोग देसी सेक्स के लिए अनूप के घर उन्हें लेके जायेंगे. उसने कहा की उसने दो लडकियाँ बुलाई है तो हम पांचो मिलके आराम से ग्रुपसेक्स कर सके. देसी सेक्स का नाम सुनते ही मेरा लंड पेंट के अंदर खड़ा होने लगा, वैसे भी मैं अब मुठ मार मार के थक गया था. अनूप और मैं उसकी बाइक लेके तुरंत उसके घर के लिए निकले और जिगर ने कहा की वोह दोनों लड़कियों को पिक कर के वहाँ पहुंचेगा. हम अनूप के अपार्टमेन्ट में पहुंचे, यह जगह सेफ थी क्यूंकि अनूप ग्राउंड फ्लोर पर ही रहेता था और अपार्टमेन्ट में ऐसे भी कोई क्या करता है कम ही लोग जानते है. मैं और अनूप उसके लेपटोप पर सेक्सी क्लिप देख रहे थे, तभी जिगर की रिंग आई के वोह आ रहा है 15 मिनिट मैं.

अनूप ने पिज़्ज़ा ऑर्डर किया था, जिगर के आने के पहेले वो आ गया, हमने 1 पिज़्ज़ा खाया और बाकि के दो जिगर और रंडियों के लिए बचाए. जिगर के डोरबेल बजाते ही अनूप तीर की तरह उछला और उसने जल्दी दरवाजा खोला, जिगर कके साथ 25 के करीब के उम्र की दो लड़कियां थी जिसमे एक मोटी और दूसरी थोड़ी स्लिम थी. जिगर बोला आओ सविता, और मोटी लड़की पहेले अंदर आई इसका मतलब यही सविता थी और वह पतली मीना थी. अनूप ने जल्दी पिज़ा निकाले और इन रंडीओने पिज़ा नहीं खाए. मेरा ध्यान इन दोनों सेक्सी लड़कियों की तरफ ही था, सविता के चुंचे होंगे कुछ 36 साइज़ के और उसकी गांड भी मस्त गोल गोल थी, मीना पतली जरुर थी लेकिन उसकी गांड और चुंचे भी बहार निकले थे, उसका फिगर किसी भी लड़की को जलाने के लिए काफी था. मेरा लंड कब का खड़ा हुआ था, मीना के मुहं में च्विंग गम थी शायद और उसने आँख के करीब पिअर्सिंग करके स्टील की कड़ी वह घुसाई थी, यह दोनों ही हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल्स थी.

पिज़ा ख़त्म होते ही सविता बोली, चलो जल्दी करो हमें और भी कही जाना है.

जिगर बोला, अबे तेरा तो काम ही है आना जाना, थोड़ी सबर रख लड़के नए है, तू 50-100 ज्यादा ले लेना लेकिन इनका उद्घाटन सही तरह से करना है तूम लोगो को. मीना हंस पड़ी और वह दौड़ के अनूप के पास गई, उसका हाथ तुरंत ही अनूप के जींस के उपर जा के उसका लंड सहेलाने लग पड़ा. मेरा लंड का सहारा सविता बनी, वोह मेरे पास आई और उसने बिना पल गवाएं मेरी जींस की बकल खोली और मेरा तोता बहार निकाल किया. देसी सेक्स का मेरा अनुभव बहुत रोमांचकारी बन रहा था, मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था. सविता ने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी, अरे क्यां मस्त चुंचे थे इसके यारो. बड़े बड़े और उसके निपल्स भी मस्त गुलाबी गुलाबी थे, उसने अपनी कोटन पेंट भी उतार दी, अब वह सिर्फ पेंटी में थी.

जिगर वहीँ दूर खड़ा था और उसने सिगरेट जला ली थी, सविता बहुत प्रोफेशनल निकली, शायद जिगर ने उसको बताया था की क्या करना है, उसने धीमे से मेरा लंड अपने मुहं में रख दिया. वह मेरे लंड को केडबरी डेरीमिल्क की तरह चलाने लगी, लंड बहुत ही गर्म हो चूका था, सविता उसे हल्के हल्के चुसे जा रही थी. मीना के चुंचे मुझे साफ़ नजर आ रहे थे, उसकी चुन्चिया अनूप के मुहं में थी और वह अपने हाथ से अनूप का लंड हिला रही थी. जिगर भी अब सिगरेट खत्म कर के आया और उसने भी अपने कपडे उतार दिए थे. जिगर सीधा मीना के पास गया और अपना लंड उसके मुहं में दे दिया. मीना उसका बड़ा काला लंड ले के चुसाई शरु कर दी. मीना हाथ में अनूप का लंड रगड़ रही थी. तभी अचानक अनुपने झटके से मीना का हाथ हटा दियां और उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकल गई, मीना और जिगर की हंसी निकल पड़ी…सविता ने हंसी सुन के लंड अपने मुहं से बहार निकाला और वोह भी हंसने लगी. अनूप खड़ा हुआ और टॉवेल से पोंछने लगा.

वो सिगरेट जला के हारे हुए राजा की तरह हम दोनों जोड़ो का देसी सेक्स  देखने लगा. जिगर मीना के चुंचे पकड के मसल रहा था यह देख मैंने भी सविता के स्तन पकड लिए, लेकिन यह बड़े बड़े स्तन मेरे हाथ में नहीं आ रहे थे, शायद सविता देसी सेक्स कर कर के अपने चुंचे बहुत ही बड़े करवा चुकी थी. मेरा मन अब चुदाई और देसी सेक्स के खरे आनंद लेने को कर रहा था इसलिए मैंने उसे कंधे से पकड लिया और खिंचा.

सविता मेरा मतलब समझ गई और वह बेड में अपनी मोटी झांघे फेलाके सो गई, मेरा लंड उसके हाथ में था उसने दूसरा हाथ पर्स में डाला और एक कंडोम निकाला. उसने जैसे ही मेरे लंड को कंडोम पहेनाया मेरे लंड को अलग ही मजा आ गया. सविता की चूत पर मैं लंड जोर से घुसाने गया और मै उसे घुसा नहीं पा रहा था. सविता बोली अबे यह क्या सनी लिओन की चूत है की फच से घुसा देगा, आराम से कर ना. जिगर ने मीना के चुंचे से मुहं हटाते हुए कहा, अबे तू रख देना उसे सही छेद पे, ये लोग कौन सा रोज देसी सेक्स करते है की सब पता होंगा इनको. सविता हंस पड़ी और उसने लंड को हाथ में लेकर चूत के छेद पर रख दिया, अच्छा यह है छेद और मैं तो निचे गांड के और चूत के बिच ही ठोक रहा था शायद कभी से. अनूप फिर से उत्तेजित हुआ शायद, क्यूंकि वोह लंड लेके सविता के पास आया, सविता की चूत में मैंने लंड धीमे से घुसाया. रंडी सविता के मुहं पर कोई भाव नहीं आये, शायद यह उसका रोज का काम हो चूका था. सविता ने अनूप के लंड को हाथ से हिलाया थोडा और एक बार पूरा खड़ा होने पर अपने मुहं में डाल दिया.

मीना अब बकरी बन चुकी थी और उसके पीछे जिगर बकरा लगा हुआ था, उसने मीना की बड़ी गांड के उपर हाथ रखे हुए थे और वोह फचफच करके मीना की चुदाई कर रहा था, लाइव देसी सेक्स मेरे सामने हो रहा था और मैं भी यही देसी सेक्स सविता के साथ करने लगा. सविता, बड़ी रंडी, एक तरफ से अनूप का लंड चूस रही थी और दूसरी तरफ से मेरे लंड से चुदवा रही थी. सविता की चूत बहुत लिसी थी और शायद कंडोम की चिकनाहट उसे और भी मुलायम बना रही थी. मैं  जोर जोर से अब झटके देने लगा और उसकी चूत मैं लंड देने लगा.सविता अपनी बड़ी गांड हिला रही थी और वो भी मुझे देसी सेक्स का पूरा लुत्फ़ दे रही थी. सच में यारो चुदाई का यह मजा हस्तमैथुन से बहुत ही अलग था और मेरे लंड में आज इतनी उत्तेजना थी जितनी पूरी जिन्दगी में नहीं थी. यही उत्तेजना के चलते मैंने अपने झटके और तीव्र किए और इसी कारण मेरा वीर्य छटक पड़ा. मैंने लंड निकालना चाहां लेकिन सविता ने मेरे हाथ पकडे, क्यूंकि में शायद जल्दी खिंच रहा था लंड को बहार इस लिए उसने मुझे पकड़ा और आहिस्ता से लंड निकाला अपनी चूत से ताकि वीर्य उसकी चूत के अंदर ना निकल पड़े. मेरे देसी सेक्स का अंत हुआ और मेरी जगह पर अनूप आ गया.

अनूप ने अपना कंडोम चढ़ा हुआ लंड इस देसी रंडी की चूत में रख दिया और वह उसे हौले हौले चोदने लगा. मीना और जिगर अब भी लगे हुए थे और दोनों ही ओह आह ओह अह आहा..ऐसी आवाजे निकाल रहे थे. तभी जिगर ने अपना लंड मीना की चूत से निकाला और उसके उपर से कंडोम हटा दियां, मीना ने जिगर के लंड को अपने चुन्चो के बिच रख के दोनों चुन्चो को हाथ से दबा दिए, मीना और जिगर अब स्तन की चुदाई करने लगा. मीना के चुंचे चुद गए और जिगर का लंड उनके ऊपर पानी छोड़ने लगा. एक और लंड देसी सेक्स कर के फ्री हो गया. मीना बाथरूम का रास्ता पूछ कर उधर गई और अपने चुंचे और चूत धोके वापस आई. इधर अनूप और सविता भी अब चुदाई के चरम तबक्के पर पहुंचे थे और मीना के बहार आने के कुछ सेकंड्स मैं ही इस लंड का भी पतन हो गया. सविता ने दो लंड को निढाल किया था जब की मीना ने केवल जिगर से चुदवाया था.

हम सब ने फ्रिज से कोक निकाल के पी और जिगर सिगरेट जलाता हुआ मीना और सविता के साथ बहार निकला उन्हें ड्रॉप करने के लिए. मैं और अनूप रूम में बैठे अपने अपने मंद में इस देसी सेक्स का मजा लेने लगे…..!!! दोस्तों आपको यह ग्रुप सेक्स कहानी कैसी लगी?