मौसी की बड़ी बहु ने मुझसे अपनी गांड मरवाई – मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा XXX

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 हैल्लो दोस्तों, में दिल्ली में बचपन से रह रहा हूँ. मुझे शादीशुदा लेडीस ज्यादा पसंद है और मोटी लेडीस भी बहुत पसंद है. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी की बड़ी बहु के बीच की है. मेरी मौसी की बड़ी बहु का नाम रजनी है और उनकी उम्र 43 के आस पास है, लेकिन वो दिखने में लगती नहीं है. ये कहानी साल 2013 की है, भाभी के दो बच्चे है जो स्कूल जाते है और भैया प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है. मेरी मौसी हमारे घर के पास ही रहती थी. में हमेशा उनके घर जाता था.

में इस साल भी न्यू ईयर पर उनके घर गया तो मौसी को विश करने के बाद में सीधा भाभी के फ्लोर पर चला गया. जब में गया तो भाभी कपड़े प्रेस कर रही थी. मैंने भाभी को हैल्लो किया और न्यू ईयर विश किया. भाभी ने भी मुझे न्यू ईयर विश किया. मैंने मज़ाक में भाभी से बोल दिया कि भाभी पंजाबियों में क़िसी भी चीज़ को ऐसे विश नहीं करते तो भाभी अचानक से मेरे पास आई और मुझे गले लगाकर बोली ऐसे विश करते है.

फिर जैसे ही भाभी ने मुझे गले लगाया तो उनके शरीर का स्पर्श पाकर में दो मिनट के लिए सन्न रह गया. फिर भाभी जाकर कपड़े प्रेस करने लगी और मुझे बोलने लगी कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. भाभी बोली कि कभी क़िसी को गले नहीं लगाया क्या? तो में बोला नहीं मैंने कभी क़िसी को गले नहीं लगाया. मैंने भाभी से बोला कि मेरी छाती पर हाथ रखकर देखो कितनी ज़ोर-ज़ोर से धक-धक कर रहा है. तो भाभी ने हाथ रखा और बोली तेरा तो सही में बड़ी ज़ोर-ज़ोर से दिल धक-धक कर रहा है. मैंने भाभी से बोला कि भाभी क्या में आपको दुबारा गले लगा सकता हूँ?

भाभी ने दुबारा मुझे गले लगाया तो मैंने भी उनको जवाब में गले लगा लिया और उनको कमर से पकड़कर जकड़ में ले लिया. अब मेरा तो हाल बुरा हो रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका शायद भाभी को पता लगने लगा था. भाभी बोली अब छोड़ दे तो मैंने उन्हें छोड़ दिया. फिर हम बात करने लगे और भाभी कपड़े प्रेस करने लगी. फिर बातों-बातों में मैंने फिर से उनको पीछे से गले लगा लिया, जिसकी वजह से मेरा लंड भाभी की गांड में दबने लगा. भाभी बोली कि क्या हुआ? तो में बोला भाभी बड़ा अच्छा लग रहा है और मन कर रहा है कि में आपको ऐसे ही गले लगाये रखूं. फिर भाभी ने भी कोई जवाब नहीं दिया और में ऐसे ही गले लग कर खड़ा रहा.

फिर भाभी ने मुझे हटाया और फिर हम बात करने लगे और थोड़ी देर के बाद में चला गया. फिर में नॉर्मली उनके घर आने जाने लगा और भाभी को गले मिलकर मिलता. फिर एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि बच्चों का होमवर्क निकालकर ला दे. भाभी ने फोन पर लिखवा दिया और में फिर होमवर्क निकाल कर सीधा उनके घर दोपहर को 12 बजे गया, जब भैया भी घर नहीं होते और बच्चे भी स्कूल गये होते है. में जैसे ही घर गया तो मैंने मौसी को नमस्ते करके उनका हाल चाल पूछा और फिर पूछा कि भाभी कहाँ है? बच्चों का होमवर्क देना है तो मौसी बोली ऊपर है, ऊपर ही चला जा.

मेरी मौसी को घुटनो की प्रोब्लम है इसलिए वो ऊपर नहीं चढ़ सकती. फिर में जैसे ही ऊपर गया तो भाभी किचन में चाय बना रही थी. भाभी ने पीले कलर का सूट पहना था जिसमें वो एकदम मस्त लग रही थी. फिर मैंने भाभी से बोला में बच्चों का होमवर्क ले आया हूँ तो भाभी बोली वही टेबल पर रख दे. फिर मैंने टेबल पर पेपर रखकर सीधा भाभी के पास किचन में चला गया और भाभी को पीछे से हग करके खड़ा हो गया तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला कि गले मिल रहा हूँ. फिर वो कुछ नहीं बोली.

फिर मैंने बोला कि आपने बड़ी अच्छी खुशबू लगाई है तो में अपने मुँह को भाभी के कान के पास ले जाकर सूंघने लगा. तो भाभी बोली क्या कर रहा है? तो में बोला करने दो ना अच्छा लग रहा है, फिर धीरे- धीरे में भाभी के कान पर किस करने लगा और मेरा लंड भाभी की गांड में टच होने लगा और अपने दोनों हाथों को में भाभी के पेट पर घुमाने लगा. अब भाभी ने अपनी आँखें बंद कर दी और मेरे दोनों हाथों को अपने पेट पर दबाने लगी. फिर धीरे-धीरे मैंने भाभी से पूछा कि भाभी तुमको छूने का दिल कर रहा है तो भाभी बोली छू तो रहे हो.

फिर में बोला भाभी आपकी पूरी बॉडी को छूने का दिल कर रहा है, क्या में छु लूँ? तो भाभी ने कुछ नहीं बोला. फिर मैंने उनको किचन की दीवार के साथ घुमा कर खड़ा कर दिया तो उनका चेहरा मेरी तरफ आ गया और उनके गालो के पास जाकर किस कर दिया, भाभी सिसकियां लेने लगी. फिर मैंने हिम्मत करके अपने होठों को भाभी के होठों के पास रख दिया और लिप किस करने लगा.

फिर मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा तो भाभी कम आवाज़ में बोली कि मत कर कोई आ जायेगा. में बोला कि भाभी बस थोड़ी देर करने दो, कोई नहीं आयेगा. फिर में अपने एक हाथ को उनके सूट के अंदर डालकर उनकी कमर को सहलाने लगा. उनकी बॉडी के स्पर्श को जब मैंने महसूस किया था, क्या मस्त कमर थी? फिर में कमर को सहलाता रहा और किस करता रहा. अब भाभी भी मेरा साथ देने लगी और में अपने लंड का दबाव उनकी चूत पर दबाता रहा. फिर मैंने उनके होठों को छोड़कर दोनों हाथ से उनके सूट को ऊपर उठा दिया.

फिर जैसे ही मैंने सूट उठाया तो में सन्न हो गया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे सफ़ेद चादर पर कोई काली फुटबॉल हो. उन्होंने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी तो में ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा. फिर मैंने ब्रा ऊपर खिसका दी और पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे सिर पर हाथ फैरने लगी और भाभी का सूट मेरे ऊपर आ गिरा और में भाभी के सूट के अंदर बूब्स सक करने लगा. फिर मुझे भाभी के सलवार का नाड़ा नज़र आया और मैंने भाभी का नाड़ा एक झटके में ऊतार कर खोल दिया, जिससे उनकी सलवार खुल गई और अब मुझे भाभी की गोरी-गोरी जांघे और जांघो के बीच में लाल कलर की पेंटी में उनकी चूत के शेप नज़र आ रही थी.

फिर में एकदम से खड़ा हुआ और भाभी को पकड़कर रूम में ले गया और उस फ्लोर वाले गेट को लॉक कर दिया. फिर मैंने भाभी को जाते ही बेड पर लेटा दिया और उनका सूट ऊपर करके पागलों की तरह बूब्स चूसने लगा और सक करते-करते में अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डालकर उसके गोरे-गोरे और मुलायम कूल्हों को सहलाने लग गया.

फिर मैंने उनको दबोच लिया और एक हाथ से उसके निप्पल को मसलने लगा, तो उसकी सिसकियां निकलने लगी. फिर मैंने एक झटके से उसकी पेंटी को ऊतार कर उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने भी जल्दी से सिर्फ़ अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दिया. अब भाभी ने झट से खड़ी होकर मेरे लंड को पकड़कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने लाईफ में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था. अब में जन्नत जैसा महसूस कर रहा था. अब वो मेरे लंड को चूसती रही और में उसके बूब्स को कभी सहलाने लगता तो कभी निप्पल पर काट देता. फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और खुद मेरे ऊपर इस तरह से आ गयी जिसके कारण उसकी चूत जो कि बिना बालों की थी वो ठीक मेरे मुँह के पास थी. फिर में भी उसकी चूत में उंगली डालकर चाटने लगा. उसकी गांड का छेद भी गुलाबी कलर का था. अब में बीच-बीच में उसमें भी उंगली डाल देता जिसके कारण वो एकदम चिल्ला पड़ती. फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसको नीचे लेटा दिया.

फिर उसकी टांगो को अपने कंधो पर रखकर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया. मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अंदर चला गया. जिसके कारण वो चिल्ला उठी तो में रुक गया और उसके बूब्स को दबाने लगा. फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से उसकी जांघो को पकड़कर धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, वो एकदम से चिल्ला उठी. फिर मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया.

फिर उसके थोड़ा नॉर्मल होने पर में उसकी गांड के छेद में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था और में साथ में उसकी चूत में भी उंगली भी कर रहा था, जिससे उसको और मज़ा आ रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी और बोली रवि थोड़ा और तेज़ करो, तो में और तेज़ करने लगा.

फिर थोड़ी देर के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो अपनी गांड को टाईट करने लगी. फिर वो बोली कि रवि में गयी, में गयी बोलकर वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी, लेकिन में रुका नहीं. फिर 5 मिनट के बाद मेरा भी निकलने वाला था. में बोला कि भाभी मेरा भी निकलने वाला है कहाँ निकालूं? तो वो बोली अंदर ही निकाल दे.

फिर मैंने थोड़ी देर धक्के मारने के बाद अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया, ये मेरा पहली बार था और जब में क़िसी की गांड में अपना पानी छोड़ रहा था. फिर में उसके ऊपर लेट गया और फिर थोड़ी लेटने के बाद हम दोनों ने अपने आपको साफ किया और वापस आकर दोबारा बेड पर लेट गये और बातें करने लगे. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर से तैयार हो गया और फिर मैंने उसकी चूत की जमकर चुदाई की. उस दिन मैंने 2 बार उसके साथ चुदाई की. उसके बाद मैंने चाय पी और फिर में अपने घर आ गया. अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में और भाभी खूब मजे करते है.