ससुर से चुदने की इच्छा जाग उठी

kamukta, antarvasna

मेरा नाम कविता है मैं भुज की रहने वाली हूं, मेरे पति प्रमोद की भुज में ही एक दुकान है, वह पिछले दो वर्षों से यहां दुकान चला रहे हैं। मेरी शादी को भी three वर्ष हो चुके हैं, मेरी शादी के बाद ही उन्होंने यह दुकान खोली थी, अब उनकी दुकान अच्छी चलती है इसलिए वह अपनी दुकान पर ही पूरा ध्यान देते हैं। हम लोग जॉइंट फैमिली में रहते हैं इसलिए मेरे देवर और देवरानी भी हमारे साथ ही रहती हैं, मेरी सास का देहांत हो चुका है और मेरे ससुर जी हमारे साथ ही रहते हैं। वह घर पर ही रहते हैं और कभी कबार शाम के वक्त टहलने के लिए निकल जाते हैं, उनकी दिनचर्या सुबह जल्दी उठने की है, वह सुबह जल्दी उठ जाते हैं, उसके बाद अपना सारा काम कर के वह शाम को घूमने के लिए निकलते हैं, वह हमारे साथ भी घर का कुछ काम कर लिया करते हैं। मेरे पति प्रमोद अपना सामान लेने के लिए अहमदाबाद जाते हैं,  वह जब अहमदाबाद जाते हैं तो उस वक्त मैं ही दुकान पर रहती हूं और दुकान का काम देखती हूं।

मेरे देवर नौकरी करते हैं और मेरी देवरानी घर का सारा काम संभालती हैं। प्रमोद एक बार मुझसे कहने लगे कि मैं कुछ दिनों बाद अहमदाबाद सामान लेने के लिए जाने वाला हूं क्योंकि मेरी दुकान में सामान भी खत्म होने वाला है, मैंने उन्हें कहा ठीक है दुकान का काम मैं संभाल लूंगी। मेरे पति जब भी अहमदाबाद जाते तो वह निश्चिंत होकर जाते है, मैं दुकान का सारा काम कर लेती और वह निश्चिंत होकर अहमदाबाद जाते है। एक बार मेरे देवर ने मेरे पति से कहा कि मैं विदेश जाने की सोच रहा हूं, मुझे एक कंपनी से ऑफर आया है, तो क्या मैं वहां चले जाऊं, मेरे पति प्रमोद ने कहा कि एक बार तुम इस बारे में पिताजी से भी पूछ लो, यदि पिताजी तुम्हें कहते हैं तो तुम चले जाना। जब मेरे देवर ने अपने पिताजी से बात की तो वह कहने लगे देख लो जैसा तुम्हें उचित लगता है यदि तुम्हारा भविष्य विदेश जाकर संवर सकता है तो तुम वही चले जाओ।

मेरे देवर कहने लगे कि वहां जाने के लिए थोड़े बहुत पैसा भी चाहिए और शुरुआत में कुछ पैसे कंपनी को देने होंगे, मेरे पति कहने लगे ठीक है तुम मुझे बता देना, मैं पैसों का इंतजाम करवा दूंगा। मेरे देवर ने कहा थोड़े बहुत पैसे तो मेरे पास भी है परन्तु मुझे कुछ पैसे कम पड़ रहे हैं, मेरे पति कहने लगे कि  तुम ध्यान से जाना क्योंकि आजकल काफी लोग चाल बाजो के चक्कर में भी फस जाते हैं। मेरे देवर कहने लगे नहीं यह कंपनी अच्छी है और मेरे दोस्त भी इसी कंपनी के माध्यम से बाहर जा चुके हैं। मेरे पति प्रमोद बहुत ही समझदार व्यक्ति हैं, वह कोई भी फैसला ऐसे ही नहीं लेते इसलिए उन्होंने कहा कि तुम मुझे एक बार अपनी कंपनी में लेकर चलना उसके बाद ही तुम कोई निर्णय लेना, जल्दी बाजी में तुम कोई फैसला मत लो। मेरे पति ने जब मेरे देवर से पूछा कि तुम्हारी कंपनी का ऑफिस कहां पर है तो वह कहने लगा कि कंपनी का ऑफिस अहमदाबाद में है, मेरे पति कहने लगे मैं कुछ दिनों बात अहमदाबाद सामान के लिए जाने वाला हूं तो तुम भी मेरे साथ चल लेना, हम लोग वहां जाकर पता भी करवा लेंगे। मेरे देवर भी संतुष्ट हो चुके थे क्योंकि वह मेरे पति को बहुत मानते हैं और उनके बिना वह कोई भी फैसला नहीं लेते। जब मेरे पति और मेरे देवर अहमदाबाद गए तो मैंने उन्हें फोन किया और पूछा कि क्या आप लोग अहमदाबाद पहुंच चुके हैं, वह कहने लगे हम लोग अहमदाबाद पहुंच चुके हैं। मैंने अपने पति से कहा कि तुम वहां से कब तक लौटने वाले हो, वह कहने लगे कि हो सकता है यहां पर थोड़ा ज्यादा समय लग जाए क्योंकि मुझे इस बार एक नए व्यापारी से मिलना है। मेरे पति और मेरे देवर अहमदाबाद में ही कुछ दिनों तक रुकने वाले थे और मैं दुकान में ही उनका काम संभालने लगी, उनके जितने भी कस्टमर आते वह सब पूछते कि प्रमोद भाई साहब कहां हैं, मैंने उन्हें बताया कि वह कुछ काम से अहमदाबाद गए हुए हैं, कुछ दिनों बाद अहमदाबाद से लौट आएंगे। मेरे पति और मेरे देवर को काफी दिन हो चुके थे, मैंने सोचा मैं उन्हें फोन कर लेती हूं क्योंकि उन्होंने एक दो दिन से मुझे फोन भी नहीं किया था। मैंने जब अपने पति को फोन किया तो वह कहने लगे की हम लोग दो दिन बाद घर लौट आएंगे, मैंने उनसे पूछा कि क्या देवर जी का काम हो चुका है, वह कहने लगे हां मैं वहां पर गया था और वहां पर मैंने अच्छे से जांच पड़ताल की तो सब कुछ ठीक है, मैंने कहा चलो यह तो अच्छी बात है, यदि देवर जी विदेश चले जाएंगे तो वहां जाकर अच्छी कमाई भी कर पाएंगे और उनका भविष्य भी सुधर पायेगा।

मेरे पति कहने लगे मैं भी यही चाहता हूं कि वह विदेश चला जाए और उसका भविष्य सुधर पाए। मैं जब जब दुकान में होती तो मेरी देवरानी ही घर का सारा काम संभालती, मेरी देवरानी का नेचर बहुत ही अच्छा है वह बहुत शांत स्वभाव की है और वह ज्यादा किसी के साथ बात भी नहीं करती इसीलिए मैं उसे बहुत अच्छा मानती हूं और वह घर का काम भी अच्छे से संभाल रही है। एक दिन मेरे ससुर दुकान पर आ गये और वह काफी देर तक दुकान में ही बैठे हुए थे, मैंने उनसे पूछा क्या आप आज कुछ काम से आए हैं, वह कहने लगे नहीं मैं किसी से मिलने आया था तो सोचा कि दुकान से होता हुआ चलूं। वह मेरे सामने ही बैठे हुए थे उस वक्त दुकान में कुछ कस्टमर आ गए, मैंने अपने  ससुर को कहा आप काउंटर के इस तरफ आ जाइए। वह मेरे पास आकर बैठ गए। मैं कस्टमर को देख रही थी जब वह कस्टमर गए तो मेरे ससुर मेरे सामने ही बैठे हुए थे। उसी वक्त मेरी सहेली ने मुझे एक पोर्न मूवी भेज दी, मैं जब वह पोर्न मूवी देख रही थी तो मेरी चूत से पानी निकल रहा था। मेरे सामने मेरे ससुर के सिवा कोई भी चारा नहीं था मैं अपने ससुर को अपने स्तनों के दर्शन करवा रही थी।

वह जब मेरे स्तनों को देखते तो उत्तेजित हो जाते उन्होंने भी मेरी जांघ पर हाथ रखते हुए कहा बहू लगता है आज तुम्हें मेरे कड़क और सख्त लंड की जरूरत है। मैंने भी दुकान का शटर डाउन कर दिया। हम दोनों ही दुकान के अंदर थे, मैंने दुकान की लाइट खोल दी। मेरे ससुर ने जब मेरे कपड़े खोले तो वह कहने लगे तुम्हारी गांड का साइज तो बहुत बड़ा है और तुम्हारे स्तन भी बड़े अच्छे हैं। मैंने जब उनका कड़क लंड देखा तो मैं उनके लंड को अच्छे से चूसने लगी और काफी देर तक मैंने सकिंग किया। जब उनका पानी निकल गया तो वह कहने लगे बहू मुझसे ज्यादा देर तक सब्र नहीं हो रहा तुम्हारे यौवन को देखकर मेरा पानी निकलने लगा है। मैंने उन्हें कहा ससुर जी आप कुछ देर मेरे स्तनों पर अपने लंड को रगड दीजिए। उन्होंने अपने लंड को मेरे स्तनों पर कुछ देर तक रगडा तो मेरा पानी बड़ी तेजी से निकलने लगा था। मैंने उन्हें कहा आप मेरी योनि के अंदर आपना कड़क और मोटा लंड डाल दो। उन्होंने जब अपने कड़क और काले लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मेरी योनि का पानी बाहर की तरफ निकलने लगा। उन्होंने मेरी जांघ को कसकर पकड़ लिया उनका 9 इंच का कड़क मोटा लंड जब मेरी मुलायम योनि के अंदर जाता तो मुझे तेज दर्द हो रहा था। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहे थे। मैंने उन्हें कहा ससुर जी आप तो बड़ी तेज गति से मुझे धक्के मार रहे हो मुझे बहुत आनंद आ रहा है। वह कहने लगे मुझे भी तुम्हें चोदकर बहुत आनंद आ रहा है जिस प्रकार से मैं तुम्हारे हुस्न का सेवन कर रहा हूं मेरा बुढ़ापा सफल हो गया है मैंने कई समय से किसी की चूत नहीं मारी थी। मेरे ससुर का लंड मेरी योनि के अंदर तक जा रहा था। जब उनका लंड मेरी योनि की दीवार से टकराता तो मुझे ऐसा लगता मेरे पति मुझे अच्छे से नहीं चोद पाते हैं। मेरे ससुर ने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया जब मेरी इच्छा पूरी हो गई उसके कुछ समय बाद में झड गई और मेरे ससुर का भी वीर्य मेरी योनि के अंदर गिर गया। उन्होंने उस दिन मुझे दो बार चोदा और मेरी इच्छा को उन्होंने बड़े ही अच्छे से पूरा कर दिया।  उसके कुछ दिनों बाद मेरे पति भी अहमदाबाद से लौट आए।