ससुराल के सुख

हिंदी सेक्स स्टोरी ससुराल के सुख

kamukta, desi kahani

मेरा नाम सागर है मैं बनारस का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है मेरी शादी अभी कुछ समय पहले ही हुई है और उसके कुछ समय बाद ही मैं अपने ससुराल चला गया। मैं कुछ दिनों के लिए अपने ससुराल में ही रुकने वाला था, मेरे ससुराल वाले मेरी बहुत खातिरदारी करने लगे। मेरे ससुर जी का नेचर थोड़ा शांत स्वभाव का है, वह ज्यादा बात नहीं करते इसलिए उनसे घर में कोई भी ज्यादा बात नहीं करता। जब भी कुछ काम होता है वह तभी बात करते हैं और उसी वक्त वह कुछ कहते हैं, मैं शादी के बाद दूसरी बार अपने ससुराल गया था इसलिए मेरे ससुर से मेरी ज्यादा बात नहीं हुई थी लेकिन एक दिन वह कहने लगे कि क्या तुम मेरे साथ कुछ देर बैठ सकते हो, मैंने कहा ठीक है, मै और मेरे ससुर बात कर रहे थे। वह मुझे समझाने लगे की तुम दोनों अपने रिश्ते को बड़े अच्छे से निभाना और उस दिन उन्होंने मुझे बहुत समझाया। उन्होंने मुझसे पूछा कि पायल का व्यवहार कैसा है, वह घर पर काम तो करती है ना, मैंने उन्हें कहा कि हां वह घर का सारा काम संभालती है और मेरी मां को बिल्कुल भी तकलीफ नहीं होने देती।

जब यह बात मैंने अपने ससुर से कहीं तो वह कहने लगे की चलो यह तो अच्छी बात है क्योंकि मैंने इस बारे में पायल से भी बात की थी। मेरे ससुर ने उस दिन काफी देर तक बात की और मैंने भी उन्हें कहा कि आप बिल्कुल निश्चिंत रहें, मेरी तरफ से किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत या परेशानी पायल को नहीं होगी, मैं उसका बहुत ही ध्यान रखता हूं। वह कहने लगे की हम लोग भी यही चाहते हैं कि तुम दोनों आपस में प्रेम से रहो, अभी तुम दोनों की जिंदगी की शुरुआत है इसलिए  मुझे लगा कि मुझे तुमसे बात करनी चाहिए। मुझे अपने ससुर से बात कर के बहुत अच्छा लगा, जिस प्रकार से उन्होंने मुझे समझाया मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैंने उन्हें कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। उसके बाद मेरी पत्नी कहने लगी कि आप लोग खाना खा लीजिए। उन्होंने हम दोनों के लिए टेबल पर खाना लगा दिया और हम दोनों ने खाना खाया, उसके बाद मेरे ससुर जी अपने रूम में चले गए और मैं भी अपनी पत्नी के साथ बात करने लगा। मेरी पत्नी पूछने लगी की पापा तुम से क्या बात कर रहे थे, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि वह मुझे समझा रहे थे कि तुम दोनों ही अपने जीवन को अच्छे से साथ में बिताना और उन्होंने मुझे बहुत देर तक समझाया।

मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि पिताजी का व्यवहार ऐसा ही है, वह किसी भी बात को लेकर बहुत सोचते हैं हालांकि वह कम बात करते हैं लेकिन मुझे यह बात पता है कि वह मेरे बारे में बहुत सोचते हैं। मेरे भैया की शादी को हुए काफी वर्ष हो चुके हैं लेकिन वह लोग हमारे साथ नहीं रहते, वह हमेशा ही पिताजी को फोन करते हैं और वह उनका बहुत सम्मान करते हैं,  मेरे भैया हमेशा कहते हैं कि पिताजी ने मुझे जिस प्रकार से इतना समझा है और मुझे पढाया है, उन्ही की वजह से आज मैं एक काबिल इंसान बना हूं। उन्होंने कभी भी मुझे किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी। मेरी भाभी भी मेरे पिताजी की बहुत तारीफ करती है। उसके बाद हम लोग सो गए, मैंने बहुत ज्यादा खाना खा लिया था इसलिए मुझे कुछ ज्यादा ही गहरी नींद आ गई। मैं बात करते-करते ही सो गया, मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई। जब मैं उठा तो मेरी पत्नी घर का काम कर रही थी और वह कहने लगी कि तुम चाय पी लो सुबह हो चुकी है। मैंने पायल से कहा कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आंख लग गई और मुझे गहरी नींद आ गई। पायल कहने लगी कि कभी कबार ऐसा हो जाता है और तुम ससुराल में भी तो हो, तुम ससुराल की सेवाओं का आनंद ले रहे हो इसीलिए तुम्हें शायद बहुत ज्यादा ही नींद आ रही है, मैंने उसे कहा ऐसी कोई भी बात नहीं है, तुम मेरी बात को कहीं और ही लेकर जा रही हो। उसके बाद हम मुस्कुराने लगे, मुस्कुराते हुए वह कमरे से बाहर चली गई और मैं भी फ्रेश होने चला गया। फ्रेश होकर जब मैं नहा रहा था तो कुछ देर हम सब लोग साथ में ही बैठे हुए थे। पायल के पिताजी अपनी जॉब पर जा चुके थे और कुछ देर में ही उसकी सहेली आ गई, उसकी सहेली से मैं पहली बार ही मिला था, उसका नाम गरिमा है। पायल कहने लगी कि गरिमा यही पास में रहती है और गरिमा की भी शादी को दो साल हो चुके हैं।

मैंने गरिमा से पूछा कि आप हमारी शादी में नहीं आई, वह कहने लगे कि मैं अपने ससुराल में थी इस वजह से मैं तुम्हारी शादी में नहीं आ पाई। मैंने गरिमा से पूछा कि तुम्हें कितने दिन हो चुके हैं अपने घर आए हुए, वह कहने लगी कि मैं कुछ दिन पहले ही अपने घर आई हूं। गरिमा बहुत ही हंसी मजाक कर रही थी और मुझे उससे बात करके अच्छा लगा। मेरी पत्नी और मैं काफी देर तक उसके साथ ही बैठे हुए थे, कुछ देर बाद वह कहने लगी कि मैं अपने घर जा रही हूं और तुम अपने पति को भी  हमारे घर पर लाना। मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी गरिमा बहुत ही अच्छी है लेकिन मुझे कुछ तो गरिमा पर शक था। उसने वही टेबल पर रखी डायरी के पीछे अपना नंबर लिख दिया था उसमें यह भी लिखा था कि तुम मुझसे अकेले में आकर मिलना। मैंने जब गरिमा के नंबर पर फोन किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे तुम बहुत ही पसंद आए तुम मुझसे अकेले में आकर मिलना। मैंने गरिमा से कहा कि मैं कितनी देर बाद तुम्हारे घर पर आऊ। वह कहने लगी तुम थोड़ी देर में मेरे घर पर आ जाना क्योंकि हमारे घर पर कोई भी नहीं है।

मैं कुछ देर बाद बहाना बना कर गरिमा के घर पर चला गया। गरिमा के घर पर गया तो मैंने देखा गरिमा ने एक पतली सी नाइटी पहनी हुई थी और उसमें उसकी बड़ी बड़ी गांड और बड़े बड़े स्तन दिखाई दे रहे थे। मैं गरिमा के पास बैठ गया और मैंने उसे कहा कि आपने मुझे अकेले में बुलाया था। वह कहने लगी मुझे तुम्हें देख कर बहुत अच्छा लगा इसलिए मैंने तुम्हें बुला लिया। मुझे यह तो पता चल चुका था कि गरिमा एक ठरकी औरत है। वह मेरी गोद में आकर बैठ गई उसने मेरे होठों को किस करना शुरू कर दिया। काफी देर तक उसने ऐसा किया उसके बाद उसने मेरी पैंट के अंदर से मेरे लंड को बाहर निकालते हुए सकिंग करना शुरू किया। जब वह सकिंग कर रही थी तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मने गरिमा को बिस्तर पर लेटा दिया वह कहने लगी तुम मेरी चूत को अच्छे से चाटो। मैंने जब उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत मे एक भी बाल नहीं था मैंने काफी देर तक उसकी चूत का रसपान किया। मैने उसे घोड़ी बनाते हुए अपने लंड को गरिमा की चूत मे डाल दिया। वह चिल्लाने लगी और कहने लगी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब मैं उसे चोद रहा था लेकिन वह जिस प्रकार से अपनी चूतडो को मुझसे मिल रही थी मैं ज्यादा समय तक उसकी चूत को झेल नहीं पाया और मेरा माल गिर गया। कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को दोबारा से हिलाया और कहने लगी तुम मेरी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दो। मैंने जैसे ही गरिमा की गांड में अपने लंड को टच किया तो वह कहने लगी तुम अंदर कि तरफ धक्का मारो और मैं पीछे की तरफ धक्का देती हूं। उसने भी बड़ी तेजी से पीछे के तरफ धक्का दिया और मैंने भी एक ही झटके में उसकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड गरिमा की गांड में घुसा तो वह चिल्ला उठी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मेरा लंड उसकी गांड में चला गया। मैंने बड़ी तेजी से झटके मारने शुरू कर दिए और वह भी बड़ी तेजी से अपनी चूतड़ों को मुझसे मिला रही थी लेकिन मैं भी ज्यादा समय तक उसकी गांड की गर्मी को नहीं झेल पाया। जैसे ही मेरा तरल पदार्थ गरिमा की गांड में गिरने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसकी गोरी और मुलायम गांड पर अपने वीर्य को गिरा दिया। वह बहुत खुश हुई वह मेरी गोद मे बैठ गई है उसकी गांड पर मेरा पर मेरा माल लगा हुआ था वह सब मुझ पर लग गया और वह मुझसे चिपक कर बैठ गई। मुझे पता चल गया कि वह एक रंडी है और उसने अपनी पति की जिंदगी भी बर्बाद कर दी होगी इसीलिए वह घर पर आकर बैठी है।

हिंदी सेक्स स्टोरी ससुराल के सुख

ससुराल के सुख,Desi Kahani,antarvasna,dardbhari chudai,desi kahani,gaand chudai ki kahani, Desi Kahani,antarvasna,dardbhari chudai,desi kahani,gaand chudai ki kahani.