रिश्तेदार की बेटी की सील तोडी – मुफ्त देसी चुदाई की कहानिया हिंदी सेक्स
रिश्तेदार की बेटी की सील तोडी
Rishtedar ki beti ki seal todi:
desi chudai, antarvasna
मेरा नाम समीर है। मेरी उम्र 17 वर्ष की है। मेरा एक छोटा भाई भी है। जो 10 साल का है। मैं बहुत ज्यादा मुठ मारता हूं। जिससे कि मेरा बहुत बड़ा हो गया है। मैं 12वीं क्लास में हूं और मेरे पिताजी एक सरकारी कर्मचारी हैं। उन्हें कम ही समय मिल पाता है। हमारे साथ समय बिताने का क्योंकि उनकी छुट्टियों के दिन ही वह हमारे साथ में रहते हैं। मेरे पिताजी के रिश्तेदार भैया हैं। जो कि हमारे ही पड़ोस में रहते हैं। वह अक्सर हमारे घर पर आते-जाते रहते हैं। हमारा हाल चाल पूछने के लिए मेरे पिताजी और हम लोग उनके घर पर चले जाते हैं। जब उनकी छुट्टी होती है। उनकी एक लड़की है जो मेरे ही साथ की है। उसकी और मेरी बहुत जमती है लेकिन मैं उसे छेड़ता रहता हूं। कभी उसके बूब्स को दबाता हूं तो कभी उसके गांड में हाथ मार देता हूं। वह भी बहुत खुश होती है। जब मैं ऐसा करता हूं वैसे बचपन में हम लोगों को इन सब के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन अब हम थोड़े बड़े हो चुके हैं इसलिए अब हमें सब कुछ पता चल चुका है। तो मैं उसे कभी भी छोड़ता नहीं हूं। वह बहुत खुश हो जाती है। जब भी मैं उसके साथ ऐसा करता हूं।
मुझे तो ऐसा लगता है कि वह मेरे इंतजार में ही बैठी रहती है कब मैं आऊं और उसके गांड को दबाऊ। पहले बहुत छोटी थी तो उसकी गांड भी छोटी थी लेकिन अब बहुत ही मोटी हो चुकी है। मुझे बहुत अच्छी लगती है। इस समय हमारी गर्मियों की छुट्टी पड़ी थी। तो मेरे पिताजी ने मेरी मां से बोला कि काफी समय से हम लोग कहीं घूमने नहीं गए हैं। तो कहीं घूम आते हैं दो चार दिन वहां रहकर आराम से वापस आ जाएंगे। मैं भैया से भी बात कर लूंगा उनसे पूछ लेता हूं वह भी आना चाहते हैं। तो साथ ही चल पड़ेंगे मेरी मां ने बोला ठीक है आप पूछ लीजिए भाई साहब से मेरे पिताजी उनके घर चले गए। वह मुझे भी अपने साथ ले गए और पिताजी पूछने लगे हम लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं। तो क्या आप हमारे साथ चलेंगे। तो वह कहने लगे ठीक है मैं आपको एक-दो दिन में सोच कर बता देता हूं। मैं जैसे ही अंदर गया तो मैंने देखा वहां पर आयशा बैठी हुई है। मैं उसे पूछने लगा पढ़ाई कैसी चल रही है। वह कहने लगी सही है। उसने भी मुझसे पूछा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है। मैंने बातों-बातों में उसको जवाब दिया। वह हंसने लगी और कहने लगी है। तुम्हें मजा आता है मेरे चूचो को दबाने मे मैंने कहा मुझे बहुत मज़ा आता है। जब मैं तुम्हारे स्तनों को दबाता हू और मुझे बहुत ही खुशी मिलती है। यह सुनकर उसने भी मेरे लंड पर हाथ मार दिया और बड़ी ही तेजी से दबा दिया। मैं बहुत तेज चिल्ला पड़ा।
मेरे पापा ने मुझे कहा चलो अब घर चलते हैं काफी समय हो चुका है। हम दोनों घर चले गए। कुछ दिन बाद उन्होंने कहा कि हम लोग घूमने चल रहे हैं। भाई साहब ने भी हां कह दी है। तो तुम लोग अपना सामान पैक कर लेना। हम लोगों ने घूमने का प्लान बनाया है। मैंने अपने पिताजी से पूछा कि हम लोग घूमने कहां जा रहे हैं उन्होंने कहा हम लोग माउंट आबू जा रहे हैं। मैं बहुत खुश था क्योंकि काफी समय से हम लोग कहीं साथ में नहीं गए थे और दूसरी खुशी मुझे इस बात की भी थी कि मैं आयशा के साथ घूमने जा रहा हूं। वह भी हमारे साथ होगी। तो मैं इस बात से बहुत ही खुश था।
अगले दिन हम लोग अपनी कार से घूमने निकल पड़े। आयशा मेरे बगल में ही बैठी हुई थी। मैं आयशा की चूत मे अपना हाथ डालकर मजे ले रहा था। उसकी चूत से बहुत सा पानी निकल रहा था। जिससे कि मेरा हाथ बार-बार गंदा हो जाता और मैं अपने हाथ को साफ करके दोबारा से उसकी चूत मे हाथ डाल देता। मेरा भी लंड से पानी निकलता जा रहा था। मेरा भी अंडरवियर पूरा गीला हो चुका था। जिससे कि साफ-साफ मुझे महसूस हो रहा था कि मेरा अंडरवियर गिला हो चुका है। हम लोग माउंट आबू पहुंच गए।
वहां पर पापा ने होटल बुक करवाया उसके बाद सब लोग होटल के कमरे में गए और फ्रेश होने लगे। सब लोग फ्रेश हो चुके थे। उस दिन शाम को हम लोग पैदल ही घूमने निकल पड़े। हम लोग बहुत इंजॉय कर रहे थे। मैं बीच-बीच में आयशा के हाथ पकड़ लेता और उसे अपने साथ ले जाता। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। शाम को सब लोग बहुत ही इंजॉय कर रहे थे। हम लोग होटल के टेरिस में बैठे हुए थे। वहां से काफी अच्छा नजारा दिखाई दे रहा था। थोड़ी देर बाद आयशा ने अपनी मम्मी से कहा कि मैं टॉयलेट जा रही हूं। उसकी मम्मी ने उसे टॉयलेट भेज दिया और मुझे भी कहा कि बेटा तुम उसके साथ चले जाओ। फिर दोनों साथ में आ जाना। मुझे तो यही मौका चाहिए था।
जैसे ही हम लोग नीचे आए आयशा ने पहले टॉयलेट किया। उसके बाद जैसे ही वह बाहर आई। मैंने उसे कस के पकड़ लिया और दबाना शुरु कर दिया। मैं बड़ी तेजी से उसे दबा रहा था। वह मुझे कह रही थी कि मुझे छोड़ दो मैंने उसे कहा नहीं मैं तुम्हें नहीं छोड़ने वाला हूं। आज तो मैं तुम्हें चोद कर ही रहूंगा। मैंने उसे वहीं जमीन पर लेटा दिया। जैसे ही मैंने उसे जमीन पर लेटा दिया। तो मैंने उसकी छोटी सी निक्कर से उसकी चूत मे उंगली डाल दी और जैसे ही मैंने ऐसा किया तो वह मचलने लगी। अब मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा था। मैंने उसके होठों को किस करना शुरू कर दिया था। जैसे ही मैं उसके होठों को किस कर रहा था। तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसके पतले पतले होंठ मुझे बहुत ही अच्छे लग रहे थे और उसकी छोटी सी नाक मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। अब मैंने उसके कपड़े उतारते हुए। उसे नंगा कर दिया। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिया और उसके ऊपर लेट गया। जैसे ही मैं उसके ऊपर लेटा तो मुझे कुछ अलग ही एहसास हो रहा था।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत मे रगड़ रहा था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाना शुरू किया। मैं पहली बार ही कर रहा था। आज तक तो सिर्फ मुट्ठ मार कर काम चला रहा था। लेकिन यह मेरा पहला मौका था। जब मैं सेक्स कर रहा था और आयशा का भी पहला ही मौका था। मैंने धीरे से उसकी योनि में लंड घुसाना शुरू किया और धीरे धीरे अंदर जाने लगा। जैसे-जैसे अंदर जाता तो मुझे बहुत टाइट महसूस होता। थोड़े समय बाद उसकी झिल्ली भी टूट चुकी थी और उसकी चूत से बिल्डिंग शुरू हो गई थी। मैंने अब पूरा लंड अंदर धक्का मारते हुए घुसा दिया। वह बड़ी जोर से चिल्लाई अब मैंने उसे धक्का मारना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उसे भी अच्छा लगने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया कसकर और तेज तेज झटके लगाने लगा। जैसे ही मैं धक्का मारता जाता वह चिल्ला रही थी। मेरा पहला ही टाइम था। तो मेरा जल्दी ही झड़ गया और आयशा का भी जल्दी झड़ चुका था। मैंने उसकी चूत मे अंदर ही डाल दिया। वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत गर्म महसूस हो रहा है। मैंने उसे कहा कि यहां मेरा वीर्य है। जो कि बहुत गर्म है। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए। उसे एक कपड़ा दिया और उसने उस कपड़े से अपनी चूत को साफ किया।
थोड़े समय बाद हम टेरिस पर चले गए। वहां सब लोग बैठे हुए थे। वह पूछ रहे थे। तुम लोग इतनी देर से क्या कर रहे थे। तो मैंने जवाब दिया कि बाथरूम की कुंडी अंदर से बंद हो गई थी। वह खुल ही नहीं रही थी। तो मैंने धक्का मारकर वह कुंडली को तोड़ दिया। तो सब लोग उसके बाद चुप हो गए। उन्होंने फिर कुछ नहीं पूछा। अब मेरे पूरा लंड सूज गया था। मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था। मैं उस दिन अच्छे से सो भी नहीं पाया। क्योंकि उसकी चूत बहुत ही टाइट थी और मैं यह सोच रहा था। मुझे दर्द हो रहा है तो आयशा को भी जरूर दर्द हो रहा होगा। अगले दिन जब आयशा मुझे मिली तो वह मुझे कहने लगी कि मेरी चूत मे बहुत तेज दर्द हो रहा है। मैंने उसे समझाया कुछ नहीं होता है। मुझे भी दर्द हो रहा है। लेकिन मैं सहन कर रहा हूं। मैंने उससे पूछा क्या तुम्हें अच्छा नहीं लगा। वह कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आया और मैं यह चाहती हूं कि तुम दोबारा मेरे साथ ऐसा करो। लेकिन इस दर्द का क्या करें। मैंने उसे कहा ठीक हो जाएगा तुम टेंशन मत लो। हम लोगों ने माउंट आबू में बहुत ही मजे किए। अब हम लोग वापस अपने घर आ चुके थे। मैं उसके बाद आयशा को ना जाने कितनी बार चोद चुका हूं।
Feedback are closed.
रिश्तेदार की बेटी की सील तोडी
रिश्तेदार की बेटी की सील तोडी , Kamukta – कामुकता,desi lund,incest intercourse kahani,kamukta,kunwari ladki, Kamukta – कामुकता,desi lund,incest intercourse kahani,kamukta,kunwari ladki .