भाभी के बोबे दबाने का पहला मौका

प्रेषक: शरद …

हैलो दोस्तों, आज में आप सभी hdsexvid.rep के चाहने के लिए मेरी और मेरी भाभी के साथ एक सच्ची चुदाई की घटना के बारे में बताने वाला हूँ, में नासिक में रहते हैं और मेरे एक चचेरे भाई की शादी कुछ दिन पहले हुई थी , तब में 23 साल का था। दोस्तों मेरा वो भाई और में बहुत खुले हुए थे और हमारे बीच हर तरह की बातें हमेशा खलना होता था और मेरे उस भाई का नाम श्याम है और हाँ मेरा नाम शरद है। दोस्तों मेरा खुद भाई श्याम के घर बहुत आना जाना लगा रहता था और श्याम की शादी उसकी मर्जी से लड़की पसंद कर रही थी, इस कारण से उसकी पत्नी का मतलब है कि मेरी भाभी मेरे भाई श्याम से एक साल बड़ा था। दोस्तों मेरी वो भाभी प्यार पांच साल बड़ा था और उनकी शादी के कुछ साल बाद मतलब कि एक दो साल के बाद में और मेरी भाभी एक दूसरे से बहुत खलना बातें, हंसी मजाक करने लगे थे। दोस्तों उस समय मेरी भाभी 32 साल की थी, लेकिन वो खुद उस गड़े का बदन की वजह से इतनी बड़ी नहीं लगती थी और अब हम दोनों में बहुत अधिक हंसी मज़ाक होता था।

दोस्तों उन दिनों मेरा ऑफिस में जाना पार्ट टाइम था और में हर दिन दोपहर को दो बजे अपने स्वयं के ऑफिस से छूट जाता था और उसके बाद में सीधा अपने भाभी के घर चला जाता था, क्योंकि उनके घर से से ही था और मैं उनसे मिल गया बिना अच्छा नहीं था। फिर में जब भी उनके घर जाते थे मेरी वो भाभी मुझे अधिकतर समय टाइट टी-शर्ट और स्कर्ट में ही मिलती थी और उसके वो बूब्स बहुत बड़े आकार के थे और गांड का आकार भी कम नहीं था और इस कारण से तुम्हारी भाभी तरफ बहुत आकर्षित होता था। एक दिन में दोपहर के समय अपने भाभी के घर जा पहुंचे और बड़े दिन से मुझे मुठ नहीं मारी था, तो में बहुत जोश था। अब मेरा ध्यान लगातार भाभी के गोलमटोल बूब्स की तरफ जा रहा था, जिनको देखकर बहुत गर्म हो गया था और उस दिन मैं हिम्मत कर अपने मन की बात कोनेको कहने की ठानकर हिम्मत कर भाभी से कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो हो और में आपसे सच सच अपने मन की बात कहूँ तो में आप बहुत प्यार करते हैं और आप मुझे बहुत अच्छी लग रही हो।

दोस्तों में उनको यह बात कहने के बाद डर गया था मन मन ही मन सोचा कि उनको शायद मेरे मुहं से यह बात सुनकर बुरा लगागा और वो कहीं नाराज ना हो जा, लेकिन मेरी भाभी ने वो सब जो मुझे उनको कहा भी बुरा नहीं मान वो एकदम शांत ही रहना। अब उसने कहा कि शरद में भी तुम्हे प्यार करता है क्योंकि हम भाभी देवर होने के साथ साथ एक अच्छा दोस्त भी है और दोस्ती में प्यार ही होता है। दोस्तों मेरी भाभी ने वो सब जो मुझे बताया किको बहुत अलग तरीके से लिया। फिर मैंने मन में मन में सोचा और खुश हुआ कि चलो इतना तो वो मेरे मन की बात जानना। फिर कुछ मौसम के बाद मैं अपने भाभी को फोन किया और उनको कहा कि भाभी आज हम बाहर मिलेंगे? भाभी ने कहा कि हाँ ठीक है मिलेंगे, मेरी भाभी हर दिन शाम के समय एक इंस्टिट्यूट में जा रहा था। अब वो मांग कहने लगी कि हाँ ठीक है घर पर अपने पति को फोन कर कहता है कि मुझे आज घर पर आने में थोड़ी देर हो रही है। अब मैंने कहा कि ठीक है और फिर उसके बाद हम दोनों ने तय किया कि शाम को बंद सात बजे एक गार्डन में मिलेंगे और वो आने के लिए तैयार था।

फिर में खुश हुआ हुआ ठीक सात बजे उस गार्डन में पहुंच गया और करीब दस मिनट इंतजार करने के बाद भाभी भी आ गया, उस समय भाभी ने साड़ी पहनी था और उस साड़ी में वो एकदम मस्त लग रहा था। उनके उभरे बड़े आकार के बूब्स वो बल खाती कमर और मक्काती हुई गांड जिस्म का हर एक हिस्सा बड़ा अच्छा आकर्षक लग रहा था। फिर हम दोनों गार्डन में एक टेबल पर जाकर बैठे और बातें करने लगते हैं और कुछ देर की बातें करते हैं, लेकिन भाई का एक हाथ अपने हाथ में लेना और मेरे ऐसा कर ही भाभी एकदम से चुप हो गया। अब मैं उनको पकड़ क्यों भाभी तुम मेरे इस तरह से हाथ पकड़ लेने का बुरा तो नहीं लगाया? वो कुछ भी नहीं बोली बस हल्का सा मुस्कुराने लगी। अब हम दोनों प्यार और जवानी के विषय पर बातें कर रहे थे और मैं जानबूझ कर वो विषय निकाला था। फिर मैंने भाभी से पूछा क्यों भाभी आप कब 20-22 साल की थी तुम बहुत सुंदर लगती हो ना? वो कहने लगी कि हाँ कॉलेज के दिनों में सभी लोग मुझे घूरकर देखा जाता था, क्योंकि उन दिनों मेरे फिगर बहुत अच्छे थे, जोको देखकर हर कोई मेरी तरफ आकर्षित हुआ था। अब मैं उनको कहता हूं आप एक बात कहता हूं भाभी जिसके बारे में शायद आप जानते हैं कि आज भी आपका बूब्स बड़ा मस्त है जोको देखकर आज भी मेरे जैसे ना जाने में तुम्हारी दीन है।

अब वो मेरे मुहं से खुद इतनी तारीफ की बात को सुनकर मेरी तरफ देखना लगी और फिर हम कुछ देर शांत बैठे। दोस्तों ने मन में मन में ठान लिया था कि आज कुछ तो जरुर में अपने भाभी के साथ करुंगा और समय समय उनसे कहा कि भाभी मेरी आज एक इच्छा है, क्या आप मेरी इच्छा है पूरा करोगी? वो बोली हाँ वो क्या है? फिर भी समय मैं तुरंत हिम्मत कर उनको कहता है कि मुझे आज एक बार अपने बूब्स को हाथ लगाकर छूकर महसूस करना है। दोस्तों तब भी मेरी भाभी कुछ नहीं बोली वो मेरे मुहं से बात बात सुनकर चुप ही रही, लेकिन वो लगातार मेरी आँखों में देख रही थी। फिर हम कुछ देर के बाद से जाने जाने और उस समय भाभी दे मुस्कुब्दी हुई बोली कि तुम्हारी इच्छा है आप पूरी कर सकते हैं। अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम पागल हो गया और बिल्कुल बिल्कुल भी इंतजार नहीं हुआ, इसलिए मैंने अपने साथ एक साथ एक कोने में पेड़ के नीचे ले जाकर में अपने भाभी के पीछे खड़ा हो गया और पीछे से भाभी की साड़ी के पल्लू के नीचे से एक एक हाथ को डालकर देखा गया बार उनके बूब्स को हाथ लगाकर छूकर मज़े।

फिर में उस पहले अहसास की वजह से बिल्कुल पागल हो गया था, क्योंकि में उसके सेक्स भाभी के गर्म बड़े ही मुलायम बूब्स को हाथ लगा रहा था और मुझे ऐसा लगाया गया कोई सपना देख रहा हूँ। दोस्तों मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि मेरी वो भाभी इतनी जल्दी मेरी कहने से मानना ​​और उनके बूब्स आकार में इतनी बड़ी बड़ी थी कि वो ब्लाउज में समा भी नहीं रहे थे। फिर मुझे जोश में आकर ब्लाउज के ऊपर से ही एक बूब्स को ज़ोर से दबाया गया, जोकी कारण से भाभी को थोड़ा सा दर्द हुआ 20-30 सेकिंड तक में उनके साथ बूब्स को दबाता है और मुझे लगता है कि अच्छा मौका देखकर पीछे उनके गंद पर अपने तनकर खड़े लंड को चिपका दिया गया था। दोस्तों उस समय में पहली बार किसी औरत के बूब्स को दबा रहा था और अब मेरे लंड उनके साथ कूलहों के बीच में फंसा हुआ था में बूब्स को दबाते हुए जोश में आकर हल्के हल्के झटका भी देने लगा था। दोस्तों कुछ अपने भाभी के साथ यह सब करने की वजह से मेरी लंड से पानी निकल गया और मेरा जोश के साथ ठंडा हो चला गया।

फिर हम अपने स्वयं के घर चले देखते हैं, लेकिन दोस्तों पहले बार अपने भाभी के बूब्स और उनके गड़बड़ बदन को छूकर महसूस करने के बाद मेरे अंदर की आग पहले से ज्यादा तेज हो गया और उसके घर कोने के बाद सबसे पहले दोबारा उनके बारे में में सोचकर मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया और पूर्ण रात में खुश होकर बस अपने भाभी की चुदाई के सपने ही देखता रहा। फिर दो दिन के बाद मैं शाम को सात बजे वापस अपने भाभी को फोन कर दिया कि क्या आज आप मुझे दोबारा जगह जगह मिल सकता है? वो कहने लगी कि आज मैं अपने इंस्टिट्यूट में कुछ जरुरी काम करता हूं इसलिए आप ऐसा करते हैं कि शाम को 7.30 बजे मेरे इन्स्टिट्यूट हम आओ, उसके बाद हम मिलकर बैठकर विचार करते हैं कि हम उसके बाद क्या करना चाहते हैं? अब मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर में मन ही मन खुश हुआ 7.30 बजे अपने भाभी के इन्स्टिट्यूट पहुंच गया। फिर मैंने देखा कि मुझ पर मेरी वो भाभी अकेली थी, वो मुझे देखकर मुस्कुराते हुए बोल बोली कि आओ बैठो ना। अब में भाभी के पास में बैठे और उस समय वो कुछ लिख रहा था और उनके हाथ के नीचे से एक तरफ के भाग से भाभी के ब्लाउज से उनके वो बड़े आकार के बूब्स एकदम साफ जबरदस्त नजर आ रहा था।

फिर में लगातार घूरकर उनके बूब्स को देखता है और कुछ देर देखने से ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। दोस्तों उस मनमोहक द्रव्य को देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और मैं अपने अंदर जांघो के बीच में उसकी लंड को दबाया था। फिर कुछ देर बाद भाभी का काम खत्म हो गया वह मेरे गर्फ मुस्कुराते हुए बोल कहा हाँ बोल तुम कैसे हो? मैंने उनको कहा कि में एकदम ठीक है आप बताते हैं कि आप कैसी हो? वो हंसते हुए कहने लगी कि में भी ठीक है और अब बताओ कि तुम दोबारा मिल क्यों मिलना चाहते हो तुमने तो ने कहा है ना? अब मैं हिम्मत कर उनसे कहा कि भाभी उस दिन मैंने तुम्हारी बूब्स को सिर्फ़ दबाकर छूकर महसूस किया था, लेकिन आज में आपके बूब्स को बिना कपड़े के एक बार देखना भी चाहता है मुझे लगता है कि आप एक बार भी दो। अब भाभी मेरे मुहं से वो बात सुनकर चकित होकर कहने लगी शरद क्या तुम पागल हो गए हो? तुम्हे पता भी है कि तुम मेरे साथ क्या करने की बात कह रहे हो? फिर मैं जिद कर रहा था कहा कि प्लीज मुझे उसके बारे में कुछ भी पता नहीं, बस एक बार आप अपने बूब्स दिखाओ दो, प्लीज आप मेरी इच्छा यह भी आज कर कर दो।

फिर कुछ देर एकदम चुप रहकर ना जाने क्या सोचने वाला वो बोली हाँ ठीक है में आप इतने कहने पर इस काम को करने के लिए तैयार हो, लेकिन तुम्हे वो सब दूर से देखना होगा तुम्हे आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे सकता। अब मैंने उसका वो बात सुनकर खुश होकर तुरंत उनको कहा कि हाँ ठीक है आप जैसा चाहते हैं में ठीक वैसा ही करुंगा। दोस्तों में अपने भाभी की तरफ से हाँ सुनकर खुशी से पागल होकर अपने होश खो बैठा था। फिर भाभी उठकर कमरे के दरवाजे के पास चली और वे दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और उसके बाद वो झट से मेरी तरफ मुड़ गया। अब में उनसे थोड़ी दूर रुक गया, उसी समय भाभी ने उसी जगह पर खड़े होकर अपने साड़ी के पल्लू को अपनी छाती से हटाकर नीचे किया और अब मेरी दिल की धड़कने तेज़ होने लगी थी। फिर भाभी ने मेरे सामने अपना लाल रंग का ब्लाउज का हुक खोलकर उसको ढीला करने के तुरंत बाद अब अपने ब्रा को ऊपर किया। दोस्तों उसके बाद तो वो नजारा देखकर मेरी आंखे चकित होकर फेल गया ओह मेरी भाभी के वो बड़े आकार के बूब्स एकदम से बाहर आ गया वाह मज़ा आया और मेरा मन खुश हो गया उस व्यक्ति को देखकर, क्योंकि आज पहले बार मेरे सामने मेरी सेक्सी भाभी अपना ब्लाउज और ब्राह्मण ऊपर ऊपर मुझे वो वो गोलमटोल बूब्स दिखा रहा था।

फिर में उनके पास जाने लगा, लेकिन वह समय भाभी ने अपने ब्लाउज को दोबारा नीचे कर दिया। दोस्तों में बिल्कुल पागल हो गया था और वह समय भाभी ने कहा कि क्या तुम्हे अच्छा लगा मेरे बूब्स? उस समय मैं खुश होकर कहा कि भाभी आप बहुत सेक्सी हो और तुम्हारी यह बूब्स तो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा सुंदर बड़े आकार के है और इतना कहकर मैं हिम्मत कर रहा हूँ बार अपने भाभी के एक हाथ पकड़ने वाला झटका देकर अपने तरफ खींचकर खुद से गले लगा हुआ अब भाभी के वो बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती पर दब रही थे और बिना किसी देर के अपने भाभी की गांड के बीच में अपने चार उगलियों को डाल दिया और मैं ज़ोर से उनका गांड को दबाया। फिर मैंने कहा कि भाभी आज मुझे तुम्हे मेरा खड़ा लंड दिखाना है, क्या आप दिखाते हैं? भाभी ने कहा कि आभी नहीं यहां हम बहुत आगे कुछ नहीं कर सकते हैं, जब हमारे अच्छे मौका होगा तो आपसे कहंगी। फिर तुम मुझे वो दिखा देना। फिर मैं भाभी के पूर्ण बदन को हाथ लगाकर सहलाना शुरू किया और निकट आधे घंटे के बाद हम दोनों बाहर से बाहर निकल गए और हम अपने स्वयं घर चले गए।

दोस्तों उस रात को भी अपने भाभी के नाम से उसकी लंड को हिलाया और में सो गया, फिर दो दिन के बाद एक छोटी सी पार्टी रखी जेमेमे सिर्फ अपने भाभी और भाई को बुलाया था। अब हम तीनो एक बड़े गार्डन में में चले, मैं और भाई ने कमरे में पहुंचकर अपना ऑर्डर दिया। फिर भी समय भाई ने भाभी से पूछा क्या तुम भी कुछ लेना चाहती हो? वो बोली कि हाँ तुम जो कुछ भी मंगो लो, में वो सब ले लूई। अब भाई ने मेरी भाभी के लिए वोड्का मँगवाई और हम सभी ने साथ में बैठकर पीना शुरू किया। दोस्तों मुझे जानबू कर सबसे कम पिया, लेकिन भाई ने पूरा क्वॉर्टर एक बार में खत्म कर दिया और वो उसके बाद बीयर भी कर दिया। अब भाभी अपना दूसरा पेग पी रही था और देखना से साफ पता चल रहा था कि भाभी भी उस समय बहुत मूड में आ गया था। दोस्तों भाभी उस समय बहुत सजधजकर आई था। उन्होंने गुलाबी रंग की साड़ी और उसी रंग का ब्लाउज पहना हुआ था और में अब टेबल के नीचे से भाभी के चिकने पैरों को एक एक पैर से स्पर्श कर रहा था और अब तक रात के करीब 12 बजाने थे। अब हम तीनों बातें कर रहे थे और बहुत हंसी मज़ाक भी कर रहे थे और टेबल के नीचे से मेरा वो काम भी बदल गया था।

फिर कुछ देर बाद भाई हमारे बीच से उठकर बाथरूम की तरफ चले गए और सही सही मौका देखकर तुरंत खुद एक पैर पैर भाभी की साड़ी के अंदर डाल दिया। फिर भाभी ने भी मेरा बिल्कुल भी विरोध ना कर खुश होकर मेरे उस पैर को थोड़े अंदर कर दिया, जोकी कारण से मेरा पैर उसके पेंटी के ऊपर से उभरी हुई चूत को छू गया और उसके बाद से उसके पैर से भाभी की जाँघो को सहलाना शुरू किया और फिर से जोश में आकर मैं ज़ोर से अपने ही पैर पैर दोबारा पूरा अंदर डाल दिया। अब मेरा पैर दोबारा से भाभी की पेंटी को छू गया और वह समय मैं भाभी से पूछता हूं आज कौन से रंग की पेंटी पहनी है? यह बात सुनकर भाभी शरेशन लगी वो बोली कुछ नहीं। फिर मैं दोबारा उनको पूछता हूं बताओ ना तुम्हारी पेंटी का रंग क्या है जो आज आज पहनी है। अब भाभी बोली कि मेरी पेंटी आज काले रंग की है और उस पर अहल्ल्के पीले रंग के फूल भी बना है। फिर मैं उन्हें मुहं से यह जवाब सुनकर जोश में अपने स्वयं पैर की उंगलं से भाभी की चूत को रगड़ना शुरू किया और कुछ देर बाद भाभी भी गरम हो गया था पेंटी चूत के पास वाले भाग से मुझे गीली महसूस करना लगी था।

फिर कुछ देर बाद भाभी ने अपना पेंटी को चूत के छेद से हटाकर मेरे अंगूठे को अपने चूत के अंदर जाने का रास्ता दिखाया गया और उसके एक हाथ से मेरे पैर को सहारा देकर वो अपने कूलहों को आगे सरकाकर चूत के अंदर मेरे अंगूठे को लेने लगी। अब मैं कुछ देर से अपने अंगूठे से उनके चूत को धक्का देना और मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, लेकिन फिर अचानक से बीच में भाई को आते हुए देखकर खुद को पैर में भाभी की चूत से हटा दिया और भाभी को इशारा किया , वो भी ठीक होकर बैठे और फिर हम कुछ देर बाद से अपने स्वयं घर चले गए। दोस्तों यह था मेरी सच्ची घटना मुझे उम्मीद है कि यह सब पढ़ने के लिए जरुर पसंद आगी ..

धन्यवाद …