दोस्त की बहन की चुत चाटा

मेरा नाम शिवा है मैं कानपुर का रहने वाला हूं और कॉलेज करता हूं। मेरी उम्र 24 वर्ष है, मेरे पिताजी स्कूल में अध्यापक हैं और मेरी मां घर का काम संभालती हैं। मेरी बड़ी बहन जॉब करती है और मेरा यह कॉलेज का तृतीय वर्ष है। हम लोग अभी ही थर्ड ईयर में आए हैं और मेरा कॉलेज में सबसे अच्छा दोस्त विकाश है, वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। हम लोग कॉलेज में ही मिले थे और मैं पिछले दो ढाई वर्षों से विकाश को जानता हूं। वह बहुत ही अच्छा लड़का है और हम दोनों ज्यादा समय साथ में ही रहते हैं।

मुझे जब भी कोई जरूरत पड़ती है तो मैं विकाश को फोन कर देता हूं। इस वर्ष विकाश की बहन ने कॉलेज में एडमिशन लिया। वह फर्स्ट ईयर में है और बीएससी कर रही है। मैं जब शुभा से मिला तो मुझे शुभा से बात कर के अच्छा लगा लेकिन हम दोनों की इतनी ज्यादा बात नहीं हुई थी। अब वह मुझे हमेशा ही कॉलेज में दिख जाती है इसलिए हम लोग साथ में ही बैठे रहते थे और हम लोग जब कैंटीन में होते तो साथ में ही बैठ कर बात किया करते थे।

शुभा भी अब मुझे अच्छे से पहचाने लगी थी। उसे पता था कि मैं विकाश का बहुत अच्छा दोस्त हूं। एक दिन विकाश कॉलेज नहीं आया और उसकी बहन शुभा की कॉलेज में तबीयत खराब होने लगी, शुभा ने मुझे फोन किया और कहा कि मेरी तबीयत खराब हो रही है क्या आप मुझे घर छोड़ सकते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं। मैं शुभा को घर लेकर चला गया। जब मैं शुभा को घर लेकर गया तो उस वक्त विकाश घर पर नहीं था। शुभा मुझे कहने लगी कि आप अंदर आ जाओ।

मैं पहले उसके घर नहीं जा रहा था लेकिन जब उसने कहा तो मैं उसके घर चला गया और उसकी मम्मी घर पर थी। शुभा ने मुझे अपनी मम्मी से मिलाया और कहा कि यह भैया के दोस्त हैं, उन्हीं की क्लास में पढ़ते हैं। मैं कभी विकाश के घर में नही गया था और ना ही कभी उनसे मिला था। आंटी मुझे कहने लगी कि विकाश तुम्हारा हमेशा ही नाम लेता है और हमेशा ही तुम्हारी बहुत तारीफ करता है। मैंने शुभा से कहा कि तुम आराम कर लो, वह अपने कमरे में चली गई और मैं ऑन्टी के साथ बात करने लगा।

मैंने आंटी को बताया कि शुभा की तबीयत खराब हो गई थी इसलिए मैं शुभा को घर छोड़ने के लिए आया। हम लोग बात ही कर रहे थे उसी वक्त विकाश भी घर पहुंच गया और विकाश मुझसे पूछने लगा कि आज तुम हमारे घर कैसे आ गए। मैंने उसे बताया कि शुभा की तबीयत खराब हो गई थी और वह मुझे कहने लगी आप मुझे घर छोड़ दीजिए इसीलिए मैं उसे घर छोड़ने के लिए आ गया। विकाश और मैं अब शुभा के रूम में चले गए और विकाश उसे पूछने लगा तुम्हारी तबीयत अब कैसी है, वह कहने लगी अब मेरी तबीयत पहले से अच्छी है और पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं। हम लोग घर पर ही बैठे हुए थे।

मैंने विकाश से कहा कि मैं अपने घर चलता हूं, मुझे घर में कुछ काम है और फिर मैं वहां से अपने घर चला गया। जब मैं अपने घर पहुंचा तो मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि तुम मेरे साथ बाजार चलना, मुझे कुछ सामान लाना है। मैं उनके साथ बाजार चला गया और हम लोगों ने वहां से सामान लिया उसके बाद हम लोग घर लौट रहे थे तो मेरी मम्मी का पर्स वहीं दुकान पर छूट गया था और हम लोग उसे लेने के लिए वापस दुकान में गए। हमने देखा कि वहां पर मेरे मम्मी का पर्स नहीं था और जब हमने दुकान वाले से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहां पर आपका कोई भी सामान नहीं छूटा था।

उसके बाद हम लोग घर लौट गए लेकिन मेरी मम्मी बहुत ज्यादा टेंशन में थी और कहने लगी कि उसमें पैसे पड़े हुए थे और अब वह पर्स चोरी हो चुका है। मैंने उन्हें कहा कि आप चिंता मत करो। जब यह बात मेरी मम्मी ने पापा को बताई तो वह कहने लगे कोई बात नहीं है तुम चिंता मत करो लेकिन मेरी मम्मी बहुत ज्यादा टेंशन में थी। और उस दिन उन्होंने अच्छे से खाना भी नहीं खाया। जब अगले दिन मैं कॉलेज गया तो विकाश भी मुझे कॉलेज में मिला और विकाश से मैंने पूछा की अब शुभा की तबीयत कैसी है, वह कहने लगा पहले से बेहतर महसूस कर रही है और वह सुबह मेरे साथ कॉलेज भी आई है। मैंने उसे कहा यह तो अच्छी बात है।

शुभा और मेरे बीच में अच्छी दोस्ती हो गई थी। मुझे शुभा के साथ बात करना अच्छा लग रहा था, मैं उसे फोन कर दिया करता था और जब भी विकाश कॉलेज नहीं आता था तो शुभा और मैं साथ में ही घर जाते थे। मैं शुभा से फोन पर काफी बात करता था और उसे भी मुझसे फोन पर बात करना अच्छा लगता था। धीरे-धीरे हम दोनों की बात बढ़ने लगी,  मैं जिस दिन शुभा से बात नहीं करता उस दिन मुझे अच्छा नहीं लगता लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। शायद मुझे अब शुभा की आदत सी हो गई थी और हम लोग हमेशा ही फोन पर बात करते हैं। मै हमेशा ही शुभा से फोन पर बात करता था।

मैं एक दिन शुभा के साथ फोन मे बात कर रहा था उस दिन मेरी उससे कुछ ज्यादा ही लंबी बात हुई और बात करते करते मैंने उसे अश्लील बातें करना शुरू कर दिया। वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुमसे अपनी चूत मरवानी है मैंने उसे कहा कि तुम मुझे अपनी नंगी फोटो भेजो। जब उसने मुझे अपनी नंगी तस्वीर भेजी तो मेरा मूड पूरा खराब हो गया। मेरा पानी मेरे लोअर के अंदर ही गिर गया। मैं उस दिन सो भी नहीं पाया मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई मैं अब शुभा की चिकनी चूत मारना चाहता था।

अगले दिन वह हमारे घर आई तो मैंने शुभा को अपने कमरे में बुला लिया और वह मेरे साथ ही बैठी हुई थी। मैंने जब उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा लगने लगा। उसके नरम और पतले होंठ जब मैं चूस रहा था तो मेरा भी मन पूरा खराब हो रहा था और मैंने भी बड़ी देर तक उसके होठों का रसपान किया। उसके बाद जब मैंने उसके नरम और मुलायम स्तनों को अपने मुंह मे लिया तो मुझे और भी अच्छा लगने लगा। मैने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा और उन्हें अपने हाथ से भी दबाया तो उसके स्तन बहुत ही सुडौल और बड़े-बड़े थे। मैंने उन्हे अपने मुंह में लेकर जैसे ही चूसा तो मैंने उसके स्तनों पर अपने दांत भी मार दिए थे मैने उसके पूरे शरीर को चाटना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी योनि पर जैसे ही अपनी जीभ को लगाया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा मैं उसकी योनि को बड़े अच्छे से चाटे जा रहा था उसकी योनि से पानी भी बाहर की तरह निकल रहा था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने शुभा से कहा कि अब मैं तुम्हारी चूत मे अपने लंड को डाल रहा हूं मैंने उसके दोनों पैर चौडे कर लिए और जैसे ही उसकी योनि पर मैंने अपने लंड को टच किया तो वह में मचलने लगी। मैंने धीरे-धीरे उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर गया तो वह चिल्लाने लगी उसकी योनि से खून निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं शुभा को धक्के मार रहा था वह भी अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर रही थी और मुझे भी अच्छा लग रहा था।

मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही चोदा जिससे कि मेरा लंड छिल चुका था और उसका भी पूरा मूड बन चुका था। मैंने उसके दोनों पैरों को  मिला लिया और बड़ी तेजी से मे उसे चोद रहा था उसकी चूतडे लाल हो गई थी और उसे भी मजा आने लगा था। शुभा मुझे कहने लगी कि मुझसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है मैं ज्यादा समय तक नहीं झेल पाऊंगी लेकिन मैं से बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था जिससे कि उसका पूरा शरीर दर्द होने लगा।

कुछ देर बाद उसने अपनी चूत को बहुत ज्यादा टाइट कर लिया और जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ। उसके बाद से तो शुभा को मैंने ना जाने कितनी बार चोदा दिया है और हम दोनों फोन में अक्सर अश्लील बातें करते हैं वह मुझे अपनी नंगी फोटो हमेशा ही भेजती है।