तोड़ दी सारी हदें

ग्रेजुएशन के दौरान एक कोचिंग में मेरी स्कूल फ्रेंड मिली. उसके साथ मेरा रोमांस शुरू हो गया लेकिन उसने चोदने न दिया. एक दिन मुझे शहर छोड़कर जाना था तो उसे आखिरी मुलाकात के लिए मैंने अपने रूम बुलाया. मेरी इस कहानी में पढ़ें कि उस दिन क्या हुआ…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम समीर खान है. मैं एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ. आपकी ही तरह मैं भी अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. तमाम लोग यहाँ अपने अनुभव साझा करते हैं, जिन्हें देख कर मैंने भी सोचा कि क्यों न अपनी कहानी आप लोगों के सामने रखूं.

बात तब की है जब मैं ग्रेजुएशन के पहले साल में था. कॉलेज के साथ-साथ मैं एक कोचिंग भी जाया करता था. वहां मेरी मुलाक़ात मेरी ही एक स्कूल फ्रेंड से हुई. उससे मैं करीब 7 साल के बाद मिला था. उसका बदला हुआ नाम खुशबू था.

उस दिन उससे मिलने के बाद हमारे बीच नज़दीकियां बढ़ती गईं. उस समय मैं सिलीगुड़ी में अकेला रहता था. मेरी फैमिली एक दूसरे शहर में रहती थी. दोस्तों, मैं थोड़ा रिज़र्व रहना पसन्द करता था इसलिए मेरा कमरा भी वैसे ही था. जिस घर में मैं रहता था वह एक पुराना मकान था, जिसमें मकान मालिक नहीं रहता था. वहां मेरे अलावा कोई और किराएदार भी नहीं था.

ऐसे ही 6 महीने बीत गए. खुशबू से मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई. दोस्तों, वो बहुत ही खूबसूरत और हसीन लड़की थी. उसकी हाइट 5 फुट और 5 इंच के करीब थी साथ ही बदन भी पूरा भरा हुआ था. जब वो चलती थी तो मानो दिल उसके कदमों में आकर कुचल जाना चाहता हो. किसी भी तरह से वो एक ऐसी लड़की थी जिसकी कल्पना कोई लड़का करता है.

वो कभी – कभी मेरे रूम पर भी आया करती थी. इस दौरान हमारे बीच थोड़ा – बहुत किस और रोमांस भी हो जाता था. मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता था लेकिन वो कहती कि मैं सेक्स को छोड़ कर उसके साथ कुछ भी कर सकता हूँ. मैंने एक – दो बार ज़िद भी की लेकिन वो नहीं मानी. मैं बिना उसकी मर्जी के उसे चोदना नहीं चाहता था.

के सिलसिला चलता रहा और ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद मुझे सिलीगुड़ी छोड़ कर कोलकाता जाना था. खुशबू नहीं चाहती थी कि उसे छोड़ कर मैं जाऊं. मैंने उसे समझाया कि बाहर जाकर मैं कोई अच्छी जॉब करूँगा और फिर जल्द से जल्द तुमसे शादी भी कर लूंगा. फिर मैंने उसे अगले दिन मेरे रूम पर आने को कहा.

अगले दिन मैं कमरे का दरवाजा खोल कर उसका इंतजार कर रहा था. मेरी नज़रें रास्ते पर ही टिकी थीं. तभी सफेद कपड़ों में वो नज़र आई. उसके बाल खुले हुए थे और चेहरे पर भी बहुत ज्यादा मेकअप नहीं था. हांथों में चूड़ियां पहन रखी थी, ऐसा लग रहा था जैसे मेरी दुल्हन आ रही हो.

मेरे कमरे में आते ही उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और सांस उखड़ने तक उसे किस करता रहा. इसके बाद हम बेड पर बैठ गए.

बेड पर बैठने के बाद मैंने उससे कहा कि जान तुम आज बेहद खूबसूरत लग रही हो! यह सुनकर वो बोली, मैं आज तुम्हारे लिए खुद को लाई हूँ. थोड़ी देर चुप रहने के बाद उसने कहा – समीर मैं जानती हूँ कि तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो, मैं भी चाहती हूँ पर शादी के बाद… लेकिन… इतना बोल कर वो चुप हो गई.

फिर मैंने उसे किस करते हुए पूछा – लेकिन क्या जानू? तब उसने कहा कि मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे आज प्यार करो. जो भी तुम करना चाहते हो करो, मुझे इतना प्यार करो जितना किसी ने न किया हो, जिसे मैं ताउम्र न भूल पाऊं.

मैंने कहा – हां, मैं तुम्हें इतना प्यार करूँगा कि तुम कभी भूल नहीं पाओगी. इतना कह कर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को किस करने लगा. इसी बीच मैंने उससे कहा कि आज मुझे तुम्हारे साथ कुछ ऐसा करना है जो कोई और शायद ही करता होगा. तब उसने कहा कि तुम्हें जो करना है करो.

दोस्तों, तब तक मैंने उसका सूट उतार दिया था और उसके निप्पल्स को चूसने लगा. लेकिन वहाँ से कुछ भी नहीं निकल रहा था. लेकिन फिर भी मैं सदियों से प्यासा उसके निप्पल्स को चूसे जा रहा था.

तभी मैंने उससे कहा – जान मेरी मुझे अपना दूध पिला कर मेरी प्यास बुझा दो प्लीज. यह सुन उसने बड़े प्यार से अपना दूसरा निप्पल मेरे मुंह में डालते हुए कहा कि जान अभी मेरा दूध नहीं आएगा.

मैं काफी देर तक उसके दोनों निप्पल्स को चूसता रहा लेकिन कुछ नहीं निकला. तब तक हम दोनों के ऊपर एक नशा सा छा गया. अब हमें कुछ भी सही – गलत नहीं लग रहा था.

फिर मैं उठा और उससे पूछा कि जान मैं तुम्हारे पूरे शरीर को किस करना चाहता हूँ अगर कोई ऐसी जगह हो जहां तुम किस न करवाना चाहती हो तो अभी से बता दो. वो बोली कि ऐसी कोई जगह नहीं है. जहां तुम किस करना चाहते हो कर सकते हो.

फिर मैंने उसकी लेगिंग्स उतार दी. उसकी चूत पर पर हल्की झांटें थी, ऐसा लग रहा था जैसे एक सप्ताह पहले ही सेव किया हो. अब वो पूरी तरह नंगी हो मेरे सामने पड़ी थी और मुझे पूरी इजाज़त थी कि मैं जहां चाहूँ उसे चूम सकता हूँ.

फिर मैंने उसकी चूत के ऊपर किस किया और जुबान से चाटना शुरू किया. उसकी झांटें मेरी जीभ में हल्की – हल्की चुभ रही थीं. उसके पसीने के नमकीन टेस्ट की वजह से मैं अपने आपको भूलता जा रहा था.

फिर उसने मेरे सर पर अपना हाथ फेरने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने उसको पलटने को कहा और उसके चूतड़ों को चाटने लगा. अब मुझसे ज्यादा देर रुका नहीं जा रहा था और शायद उसका भी हाल यही था. फिर मैंने उसकी गांड़ के छेद को खोला और खुशबू की गांड़ की खुशबू का आंनद लेने लगा.

फिर मैंने अपने होंठ उसकी गांड़ के छेद पर रख दिया और किस करने लगा. वो अपने छेद को खोल और बन्द कर रही थी. उसके ऐसा करने से लग रहा था मानो उसका छेद भी मुझे वापस किस कर रहा हो. काफी देर तक मैं ऐसा करता रहा. उसका छेद काफी टाइट था, मैंने कई बार छेद में जीभ डालने की कोशिश की लेकिन गई हो नहीं.

फिर मैं वहां से हटा और लेट गया. लेटने के बाद मैंने उससे कहा कि तुम मेरे मुंह पर ऐसे बैठो कि तुम्हारे गांड़ का छेद खुल कर मेरे मुंह पर आ जाए. उसने ऐसा ही किया और मैंने अपनी ज़ुबान उसकी लाल गांड़ के अंदर डाल दी और कुछ देर ऐसे ही रहने दिया. छेद टाइट होने की वजह से चाट नहीं सका.

कुछ देर बाद जब वह थक गई तो मैंने उसे अपने बगल में सुलाया और उसकी कांख को चाटने लगा. मुझे अब प्यास लग रही थी. तब मैंने उससे बताया और कहा कि मुझे ये प्यास तुमसे ही बुझानी है. तब उसने कहा कि जान मैं तुम्हें दूध नहीं पिला सकती. तो मैंने कहा कि मुझे तुम्हारा पेशाब पीना है.

वो चौंकते हुए बोली – ये मैं तुम्हें नहीं पिला सकती आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं! मैंने कहा कि इसमें बुराई क्या है तो उसने कहा कि ये गंदा है और कोई इंसान भला दूसरे का पेशाब पीता है? तब मैंने कहा कि यही तो तुम चाहती थी कि कुछ ऐसा हो जो किसी ने न किया हो, जब मैं तुम्हारी गांड़ चाट सकता हूँ तो पेशाब पीने में क्या बुराई है!

वो समझ गई. फिर अपनी चूत मेरे मुंह पर लगाकर धार छोड़ने लगी. वो धार को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी. इसलिए कुछ पेशाब मेरे मुंह में तो कुछ बाहर गिर रहा था. मुझे मज़ा आ रहा था. जब उसकी धार खत्म होने वाली थी तो उसने अपनी चूत मेरे मुंह से सटा दिया और आखिरी बूंद को मेरे अंदर ही गिरने दिया.

उसके गोल्डेन शॉवर में मैं डूबता चला गया. इधर मेरे लन्ड की भी हालात खराब होती जा रही थी. तब मैंने उससे कहा कि अब मुझे इसे रोक पाना मुश्किल हो रहा है, आज तुम्हें चुदाई की परमिशन देनी ही होगी. लेकिन उसने मना कर दिया और कहा कि अगर मैं इसे बिना चुदाई के ही ठंडा कर दूं तो? इस पर मैंने कहा कि तुम्हें जो बेहतर लगता हो वो करो.

फिर उसने मेरे लन्ड को सहलाना शुरू कर दिया. उसका स्पर्श पाते ही लन्ड और तन गया. फिर उसने उसे आगे – पीछे करना शुरू कर दिया. मेरे अण्डों में दर्द होने लगा था लेकिन वो हिलाती गई. अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने उसे रोकने की कोशिश की पर वो हिलाती चली गई और फिर अचानक मेरे लन्ड से फुहार के जैसे गाढ़ा स्पर्म निकल गया. कुछ बूंदें उसके चेहरे पर तो हांथों पर ही रह गईं, कुछ बूंदे मेरे बदन पर भी गिरीं.

अब मैं थोड़ा शांत हुआ और निढाल होकर आंख बन्द कर ली. थोड़ी देर बाद मुझे लगा कोई मुझे किस कर रहा है. जब मैंने आंखें खोली तो देखा कि खुशबू मेरी मलाई चाट रही थी. मैंने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी.

थोड़ी देर बाद उसने कहा कि अब उसे चलना चाहिए. फिर उसने अपने कपड़े पहने और एक बार फिर मुझे होंठों पर किस किया और चली गई. जब तक वह मेरी आंखों से ओझल नहीं हुई मैं देखता रहा. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी- [email protected]