चुदाई कहानी प्यार अधुरा रह गया – Antarvasna Hindi Sex Stories
चुदाई कहानी प्यार अधुरा रह गया
मैं दिल्ली के पास हरियाणा से हूँ, 5’10” कद का 25 वर्षीय लड़का हूँ।
बचपन से ही मैं बहुत शर्मीला रहा हूँ। कक्षा में हमेशा प्रथम आता था, बस पढ़ने में ही लगा रहता था।
किन्तु तीन वर्ष पूर्व शिक्षा में स्नातकोत्तर डिग्री वर्ष के दौरान जो घटना घटी आज वो मैं शेयर करने जा रहा हूँ।
एडमिशन लेने के बाद जब मैं पहले दिन कॉलेज में गया तो किसी लड़की ने मुझे पीछे से आवाज दी।
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो लड़की पिछले वर्ष भी मेरे कॉलेज में ही थी किन्तु हमारी कभी बात नहीं हुई थी।
हमने हाय हेल्लो किया और क्लास में बैठ गये।
चूँकि मैं बचपन से लड़कियों से बात करने से झिझकता था तो मैं उस से दूर किसी बेंच पर बैठ गया।
चूँकि कक्षा में केवल 35 विद्यार्थी थे जिनमें से भी मुश्किल से हम four-5 लड़के प्रतिदिन आते थे और लड़कियाँ 20-22…
तो यह ज़रूरी हो गया था कि लड़कियों से बात करनी पड़ती थी।
मैं क्लास में सबसे होशियार था तो वैसे भी सबका ध्यान मेरी ओर आकर्षित रहता था।
फिर धीरे धीरे उस लड़की नेहा और मेरी दोस्ती हो गई।
और दोस्ती कब इतनी गहरी हो गई पता ही नहीं चला।
बस फिर तो सारा दिन साथ रहना, एक बेंच पर बैठना, कभी गार्डन में तो कभी कैंटीन में, घर जाकर एस एम एस और फोन पर बातें।
और एक रात मैंने उसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया।
तो उसने स्वीकार कर लिया।
उस रात हमने फोन पर किस किया एक दूजे को।
अगले दिन कैंटीन में हमने चुम्बन करने का प्लान बनाया था।
तो दिन में हम दोनों कैंटीन के स्टोररूम में एक साथ बैठे थे।
वो अनुभव भी जिंदगी भर याद रहेगा मुझे।
नेहा चुम्बन को तैयार बैठी थी किन्तु मुझे शर्म आ रही थी और झिझक थी अन्दर कहीं दिल में।
15 मिनट में हिम्मत करके आखिर पहली बार मैंने नेहा को चूमा।
मैं एक हाथ उसके कंधे पर रखते हुए अपने होंठ उसके होंठों के करीब ले गया।
फिर हम दोनों की आँखें बंद हो चुकी थी और मैं उसे चूम रहा था।
पहले मैंने उसके नीचे वाले होंठ को चूमना शुरु किया फिर उसके ऊपर वाले होंठ को।
धीरे धीरे उसकी जीभ को चूसने लगा।
क्या नशा छाता जा रहा था हमें।
कब मेरा एक हाथ उसकी 30 साइज़ की गोरी गोरी चूचियों को कमीज के ऊपर से ही मसलने लगा, पता ही नहीं चला दोस्तो।
हम किस करते जा रहे थे।
फिर मैंने उसके गले को चूमना शुरू किया।
और फिर उसके कानों की लटकन को हल्के हल्के से कुतरना शुरू किया।
नेहा भी मदहोश होती जा रही थी।
फिर मैंने उसे अपनी गोरी गोरी चूचियों को दिखाने के लिए कहा तो उसने अपने कमीज को ऊपर करके अपनी ब्रा में से निकालकर अपने प्यारे प्यारे दोनों दूद कलश मेरे सामने कर दिए।
पहली बार किसी लड़की के दुग्ध कलश देखकर मेरा रोम रोम रोमांचित हो गया था।
पहले मैंने उसकी बायीं चूची को चूसना शुरु किया और साथ में उसकी दाईं चूची को अपने हाथ से मसलना, सहलाना जारी रखा।
दुग्ध कलश का प्रथम रसपान इतना स्वादिष्ट लग रहा था कि मित शब्दों में बयाँ नहीं कर पा रहा।
उसकी गोरी गोरी चूची को अच्छे से चाटा, उसके निप्पल को खूब चूसा और जब उसके निप्पल को हल्के हल्के दांतों में लेकर खींचा तो उसके मुक्ग से सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गई।
वो बोल रही थी- प्लीज जान काटना नहीं, प्लीज।
फिर मैंने उसके दूसरे कलश को चूसना शुरू किया।
इतने में कैंटीन वाले दोस्त के आने के कदमों की आहट सुनाई देने लगी और हमें अपने प्यार का यह सिलसिला अचानक रोकना पड़ा।
दोस्तो, यह पहली बार था जब मैंने किसी लड़की को चुम्बन किया और इस तरह प्यार किया।
यह एहसास मैं कभी भुला नहीं सकता।
तो दोस्तों उस दिन कैंटीन में एक दूसरे का स्पर्श पाकर हम दोनों के दिल और जिस्म दोनों में आग लग चुकी थी।
घर जाकर हमने फोन पर बहुत सारी बातें की, एक दूसरे के दिल का हाल जाना, उस वक़्त की फीलिंग्स को शेयर किया।
और रात में हमने फ़ोन सेक्स किया।
उस रात तीन बजे तक हम दोनों फ़ोन पर एक दूजे को प्यार करते रहे।
अगले दिन सुबह फिर कॉलेज में मिले।
अब चूमाचाटी करने का यह सिलसिला रोज होने लगा था दोस्तों।
और अब हम दोनों पूरी तरह से एक दूजे में समाना चाहते थे।
किन्तु सही जगह का इंतजाम नहीं हो पा रहा था।
जल्द कुछ दिनों के बाद वो मौका मिल ही गया जब हम दोनों पूरी तरह एक दूजे को प्यार करने में सफल हो सके।
हुआ यूँ कि वो उचित जगह मेरे घर पर ही मिली हमें।
एक दिन मेरी मम्मी-पापा और भाई बहन सभी को किसी शादी में जाना था किन्तु मैं अपनी तबियत सही न होने का बहाना बनाकर घर पर ही रुक गया।
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