कॉलेज के दोस्त ने मेरी चुदने की इच्छा को पूरा किया

antarvasna

मेरा नाम सुजाता है मैं जयपुर की रहने वाली हूं, मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं, मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरा मायका भी जयपुर में ही है और मेरा ससुराल भी जयपुर में ही है इसीलिए मैं अक्सर अपने मायके चली जाती हूं और मेरे माता-पिता भी कभी कबार मुझसे मिलने के लिए आ जाते हैं। इन दो वर्षों के बीच में मैं अपने पति से सिर्फ एक बार ही मिली हूं। जब हमारी शादी हुई थी उसके कुछ समय तक वह घर पर थे उसके बाद वह विदेश चले गए लेकिन वह तब से विदेश से नहीं लौटे हैं और हमारी सिर्फ फोन पर ही बात होती है। मुझे कई बार ऐसा भी लगता है कि शायद मुझे यह शादी नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि मुझे नहीं पता था कि वह इतने लंबे  समय तक विदेश में ही रहेंगे, यदि मुझे इस चीज के बारे में जानकारी होती तो शायद मैं कभी भी सागर के साथ शादी नहीं करती।

जब सागर मुझे पहली बार देखने आए थे तो उस वक्त वह मुझे बहुत अच्छे लगे और मैं उन्हें ही देखती रही। जब हम दोनों ने पहली बार बात की तो मुझे बहुत घबराहट महसूस हो रही थी लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों कंफर्टेबल होने लगे। वह मेरे साथ बैठे हुए थे और मेरे बारे में पूछ रहे थे की तुम्हें क्या चीज अच्छी लगती है और तुम्हें क्या पसंद है। जब सागर मुझसे यह बात पूछ रहे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैं सोच रही थी कि यदि मेरी शादी सागर के साथ हो जाती है तो मैं कितनी खुश रहूंगी। सागर ने उस वक्त मुझसे यह बात कही थी कि मैं विदेश में रहता हूं और काफी समय बाद ही वहां से लौटा हूं लेकिन मुझे लगा कि शायद वह एक साल में लौट आएं परंतु जब से मेरी शादी हुई है उसके बाद से वह अभी तक घर नहीं लौटे हैं। वह मुझे हमेशा ही फोन करते हैं और मैं उन्हें हमेशा कहती हूं कि मुझे आपकी याद आ रही है लेकिन सागर कहते हैं कि मैं अपना काम छोड़कर नहीं आ सकता। मैंने उन्हें कई बार कहा कि मैं घर में अकेली हो जाती हूं और मेरा कुछ भी मन नहीं लगता, वह मुझे कहते हैं कि तुम कहीं पर नौकरी कर लो ताकि तुम्हारा समय कट जाया करें लेकिन मुझे उनकी बहुत कमी महसूस होती है।

मैं जब भी अपनी सारी सहेलियों को देखती हूं तो वह अपने पतियों के साथ बहुत खुश हैं और वह लोग कहीं ना कहीं घूमने के लिए जाते हैं। जब वह मुझसे मिलते हैं तो वह मुझसे अपनी बातें शेयर किया करती हैं लेकिन सागर मेरी भावनाओं को नहीं समझ पा रहे थे, उन्हें लग रहा था की मैं अपना जीवन ऐसे ही काट दूंगी लेकिन मैं वाकई में बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी क्योंकि घर में मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता था, घर में हमारा इतना ज्यादा काम नहीं होता। सागर के माता पिता ही घर पर रहते हैं और मेरा घर में सिर्फ खाना बनाना और साफ सफाई का ही काम रहता है। उसके बाद मेरे पास समय बच जाता है लेकिन मैं घर में ही बोर होती हूं। मैं कुछ देर अपनी सास के साथ बैठ जाती हूं लेकिन वह भी बहुत ही पुराने ख्यालातों की है इसलिए मैं उनके साथ ज्यादा देर भी नहीं बैठ सकती। सागर मुझे हमेशा ही फोन करते हैं और मुझसे पूछते रहते हैं कि मैं कैसी हूं, मैं उन्हें हमेशा ही कहती हूं कि आप जल्दी से घर आ जाइए लेकिन वह मुझे कहते हैं कि कुछ समय बाद मैं घर आ जाऊंगा। मैं जब भी अपने घर जाती हूं तो हमेशा ही अपनी मां से इस बारे में बात करती हूं कि सागर जब से गए हैं उसके बाद से वह घर एक बार भी नहीं लौटे हैं और मुझे उनकी बहुत याद आती है। कई बार मुझे ऐसा लगता है कि मुझे शादी नहीं करनी चाहिए थी परंतु अब मेरी शादी हो चुकी है इसलिए मैं इस बारे में भी ज्यादा बात नहीं करती। मैंने एक दिन अपने पुराने दोस्त को फोन कर दिया जो कि हमारे घर के पड़ोस में ही रहता है और वह मेरा बचपन का बहुत अच्छा दोस्त है, उसका नाम प्रिंस है। प्रिंस भी अब जयपुर में नहीं रहता वह चेन्नई में रहता है और वही पर वह जॉब करता है। वह कभी-कबार घर आ जाता है लेकिन वह भी काफी समय से घर नहीं आया था। मैं उससे अपनी शादी के वक्त ही मिली थी क्योंकि मैंने उसे कहा था कि तुम्हें मेरी शादी में जरूर आना है, वह मेरी शादी में आया था और उसके बाद से उससे मेरी सिर्फ एक बार ही मुलाकात हो पाई है। मैं एक दिन घर में खाली बैठी हुई थी, मैं सोचने लगी कि मैं प्रिंस को फोन करती हूं, मैंने प्रिंस को फोन कर दिया।

प्रिंस ने मुझसे बात की लेकिन मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था शायद वह ऑफिस में बिजी है इसलिए मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें शाम के वक्त फोन करूंगी, वह कहने लगा ठीक है तुम मुझे शाम को फोन करना उस वक्त मैं फ्री हो जाऊंगा। उसके बाद मैं अपने घर का काम करने लगी और जब मेरे घर का काम हो गया तो मैं कुछ देर आराम करने लगी। शाम को मैं उठी तो मैंने अपने सास-ससुर के लिए चाय बनाई और उसके बाद मैं कुछ देर इधर उधर ही टहलती रही। फिर मुझे शाम को ध्यान आया कि मुझे प्रिंस को फोन करना है, मैंने शाम के वक्त प्रिंस को फोन कर दिया और मैंने प्रेम से पूछा कि तुम्हारे हाल-चाल कैसे हैं, वह कहने लगा कि मैं तो बहुत अच्छा हूं लेकिन तुम कैसी हो, तुम तो मुझे बिल्कुल भी फोन नहीं करती और जब से तुम्हारी शादी हुई है उसके बाद से तो तुम बिल्कुल ही बदल चुकी हो। मैंने उसे कहा  ऐसी कोई भी बात नहीं है, मैं बिल्कुल भी नहीं बदली हूं। वह मुझसे पूछने लगा तुम्हारी शादी के बाद तुम्हारा जीवन कैसे चल रहा है, मैंने उसे कहा कि मैं तो खुश हूं परंतु मेरे पति शादी के बाद से अब तक घर नहीं आए हैं। वह मुझसे पूछने लगा कि वह वाकई में तब से घर नहीं आए हैं, मैंने उसे कहा कि हां जब से हमारी शादी हुई है उसके बाद से वह एक बार भी घर नहीं आए हैं।

प्रिंस मुझे कहने लगा कि अब तो काफी समय हो चुका है, अब तो उन्हें घर आना चाहिए। मैंने प्रिंस से कहा कि मैंने भी कई बार उन्हें समझाया परंतु अभी तक वह घर नहीं आए हैं। मैंने भी प्रिंस से पूछा कि तुम्हारी जिंदगी में कोई लड़की आई या नहीं, वह कहने लगा, हमारी किस्मत ऐसी कहाँ है कि हमारी जिंदगी में कोई लड़की आ जाए, मैं अपने काम में इतना बिजी हूं कि मुझे बिल्कुल भी वक्त नहीं मिल पाता। मुझे भी यह बात अच्छे से पता है कि प्रिंस बहुत बिजी रहता है इसीलिए वह भी मुझे फोन नहीं कर पाता। प्रिंस और मेरे बीच बहुत अच्छी दोस्ती है, वह मुझसे अपनी हर बात शेयर करता है। मैंने प्रिंस से पूछा कि तुम घर कब आ रहे हो, वह कहने लगा कि मैं कुछ दिनों बाद जयपुर आऊंगा और उस वक्त मैं तुमसे जरूर मिलूंगा। मैंने उसे कहा ठीक है तुम जब भी जयपुर आओ तो मुझे फोन कर देना। उसके बाद प्रिंस मुझे हमेशा ही फोन करने लगा और मैं भी प्रिंस को हमेशा ही फोन करती थी। मेरे पति भी मुझसे बात करते थे और मेरा हाल चाल पूछते थे। कुछ दिनों बाद प्रिंस जयपुर आया। जब वह जयपुर आया तो उसने मुझे फोन किया और कहने लगा तुम अभी कहां हो, मैंने उसे कहा कि मैं अपने घर पर हूं, तुम मेरे घर पर ही आ जाओ। जब प्रिंस मुझसे मिला तो हम दोनों ही बहुत खुश हुए। प्रिंस मुझे कहने लगा कि तुम तो बिल्कुल भी नहीं बदली हो, मैंने उससे कहा कि अभी मेरी शादी को ज्यादा वक्त भी नहीं हुआ है। प्रिंस हमारे घर पर बैठा हुआ था, मैंने उसे अपने सास और ससुर से मिलाया, वह लोग भी उससे मिलकर बहुत खुश हुए। उन्होंने भी काफी समय तक प्रिंस के साथ बैठ कर बात की। प्रिंस मुझे कहने लगा कि तुम अपनी शादी की फोटो तो मुझे दिखाओ। मैंने उसे कहा ठीक है हम लोग रूम में चलते हैं और मैं तुम्हें वहां पर ही अपनी फोटो दिखाती हूं। अब हम लोग रूम में आ चुके थे। मैं प्रिंस को अपनी शादी की एल्बम दिखा रही थी,   वह बहुत खुश हो रहा था और कह रहा था तुम्हारी एल्बम तो बहुत ही अच्छी आई है और तुम भी बहुत सुंदर लग रही हो।

जब हम दोनों ने शादी की एल्बम देख ली तो हम उसके बाद बैठ कर बातें करने लगे। हम दोनों बैठकर बात कर रहे थे मुझे एसा ऐसा प्रतीत हुआ जैसे प्रिंस का लंड खड़ा हो रखा है। मैंने जब उसके लंड पर हाथ रखा तो वह मुझे कहने लगा तुम यह क्या कर रही हो। कुछ देर तक हम ऐसे ही बैठा रहे लेकिन कुछ देर बाद उसका मूड भी मुझे देख कर खराब हो गया। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और अपनी बाहों में ले लिया उसने जैसे ही अपने होठों पर मेरे नरम और मुलायम होठो को टच किया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। मैं भी उसके होठों को किस कर रही थी और हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से किस कर रहे थे। ऐसा करने के बाद उसने मुझे नंगा कर दिया और मेरी योनि को बहुत देर तक चाटा। उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया जैसे ही उसने मेरी योनि में अपने मोटे 9 इंच के लंड को डाला तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा मैं उसका साथ देने लगी। मैं अपने मुंह से मादक आवाज निकालने लगी और वह भी मुझे बड़े तेज झटके मारता जाता। जब उसका लंड मेरी चूतडो से टकराता तो मेरी चूतडो से आवाज निकलती और मुझे बहुत अच्छा महसूस होता मेरी चूत गर्म हो चुकी थी। मैंने उसे कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है किसी ने मुझे इतने दिनों बाद चोदा है इसलिए मेरी इच्छा पूरी हो गई। उसका लंड जैसे ही मेरी चूत के अंदर तक जाता तो मेरे शरीर से करंट निकलता और वह भी बड़ी तेजी से झटके दिए जा रहा था। मुझसे भी ज्यादा देर उसकी लंड की गर्मी झेली नहीं गई। जब उसका माल मेरी चूत में गिरने वाला था तो मैंने अपनी चूत को टाइट कर लिया जिससे कि उसका माल मेरी चूत के अंदर चला गया। जब उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ।