अर्चिता मेरी चुड़क्कड़ स्टूडेंट
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प्रेषक : सचिन …
हैल्लो दोस्तों, ये स्टोरी मेरी और मेरी स्टूडेंट या सिस्टर अर्चिता की है। ये आज से कुछ Four-5 साल पहले की बात है, में एक प्रोफेसर हूँ और गुजरात के एक बहुत बड़े कॉलेज में जॉब करता हूँ। अर्चिता मेरे कॉलेज में पढ़ती थी, वो इतनी ज़्यादा सुंदर तो नहीं थी, लेकिन किसी से कम भी नहीं थी। उसकी बातें करने का अंदाज़ देखकर कोई भी उसका फैन बन जाए, जैसे में उसका फैन हो गया था। उसकी उम्र कुछ 19-20 साल की होगी, उस टाईम जब में पहली बार उससे मिला, तो उसका फिगर 30-26-30 होगा। मेरी नयी-नयी जॉब लगी थी, तो में पहले लेक्चर में यही सोच रहा था कि काश इस क्लास में लड़कियां ज़्यादा हो और हुआ भी ऐसा ही। फिर मैंने सबके परिचय के बहाने सब लड़कियों का नाम और एड्रेस याद कर लिया, उस क्लास में 5-10 सुंदर लड़कियां थी। अब मैंने सोच लिया था कि में किसी एक को तो पटाकर चोदूंगा ही, मेरा स्वभाव फ्रेंड्ली था तो सब स्टूडेंट्स को में बहुत पसंद आता था।
अब मुझे थोड़े टाईम में ही इतना पता चल गया था कि उन लड़कियों में से 7-Eight लड़कियों के बॉयफ्रेंड है या रह चुके थे, तो उन्हें पटाना मुश्किल नहीं था। फिर मैंने सोचा कि क्यों ना पहले वर्जिन माल को चोदा जाए? तो मैंने बाकी 2 को टारगेट बनाया। उसमें से एक अर्चिता थी, उसका नेचर बिल्कुल मेरे जैसा ही था तो हम ज़्यादा बात करते रहते थे। फिर एक दिन उसने मुझे फेसबुक पर रिक्वेस्ट भेजी, तो मैंने सोचा कि चलो एक स्टेप तो क्लियर हो गया। अब हम फेसबुक पर बात करते रहते थे, फिर मैंने जानबूझ कर 2 दिन तक फेसबुक नहीं खोला। तो तीसरे दिन वो मुझे मिलने डिपार्टमेंट में डाउट पूछने के बहाने आई कि सर आप क्यों मेरी बात का जवाब फेसबुक पर नहीं दे रहे हो? तो मैंने बहाना बना दिया कि मेरा फेसबुक ओपन नहीं हो रहा है और में तुझे ये बताना चाहता था, लेकिन मेरे पास तेरा नंबर नहीं था, तो उसने मेरा नंबर लिया और कहा कि में रात को मैसेज करती हूँ।
फिर रात को मुझे उसका मैसेज आया कि हाय सर, अर्चिता हियर। फिर मैंने उससे वाट्सअप पर चैट करना स्टार्ट कर दिया, उसके कोई बॉयफ्रेंड तो था नहीं, तो वो मुझसे ही बात करती रहती थी। हम रात को 1-2 बजे तक चैट करते थे, फिर मैंने सोचा कि चलो लाईन क्लियर है। तभी उसने एक दिन कहा कि वो मुझे अपना बड़ा भाई जैसा मानती है। अब में तो यह सुनकर शॉक हो गया कि साला में कहाँ इसे चोदने के सपने देख रहा हूँ और ये मुझे भाई बना रही है। फिर मैंने सोचा कि चलो ये मेरे गले तो नहीं पड़ेगी। फिर ऐसे करते-करते नवरात्रि का टाईम आ गया, फिर उसने मुझसे कहा कि चलो साथ में गरबा खेलते है, अब मेरी तो लॉटरी निकल पड़ी थी।
अब मैंने भी सोच लिया था कि में इन 9 रातों में उसे चोदकर ही रहूँगा, हमारा घर ज़्यादा दूर नहीं था तो हम पास के ही एक ग्राउंड में गरबा खेलने के लिए मिले। अब अर्चिता ने ब्लेक चनिया चोली पहनी हुई थी, एक तो वो गोरी, उसका रंग सफेद और ब्लेक चनिया चोली, क्या बताऊँ दोस्तों वो क्या माल लग रही थी? उसकी पतली कमर और फ्लेट पेट और गहरी नाभि। अब मुझे एक बार तो ख्याल आया की ग्राउंड पर ही सबके सामने चोद दूँ, लेकिन क्या करे ये कोई पॉर्न मूवी तो थी नहीं कि जो भी करो सब चल जाए? फिर मैंने अपने आप पर कंट्रोल करते हुए उससे कहा कि वो बहुत सुंदर लग रही है, अगर उसने मुझे भाई ना माना होता तो में सबके सामने उसे प्रपोज़ कर देता। अब वो ये सुनकर शर्मा गयी और कहा कि भाई ऐसा मज़ाक मत करो। तो मैंने कहा कि में सच बोल रहा हूँ मज़ाक नहीं कर रहा हूँ। अब ये सुनकर उसने अपनी आँखे झुका ली और कहा कि चलो अब हम गरबा खेलते है। फिर हम गरबा खेलने लगे, अब में बीच-बीच में जानबूझ कर उससे टकरा जाता था, या उसको टच कर लेता था।
फिर थोड़ी देर तक गरबा खेलने के बाद हम पसीना-पसीना हो गये। अब मेरा ध्यान उसकी गर्दन पर था, अब उसकी गर्दन से पसीने की थोड़ी बूंदे निकलकर उसकी चोली के अंदर उसके बूब्स के पास जा रही थी। फिर उसने मुझे ये देखते हुए पकड़ लिया और पूछा कि कहाँ खो गये भाई? तो मैंने अपने आपको संभालते हुए कहा कि कहीं नहीं। फिर उसने टॉपिक चेंज किया कि आपको कोई लड़की पसंद आई की नहीं। तो मैंने कहा कि यहाँ पर तुझसे ज़्यादा कोई सुंदर है ही नहीं और तुने तो मुझे भाई बना लिया, मतलब अब मुझे किसी दूसरी जगह लड़की देखने जाना पड़ेगा। फिर वो शर्माकर बोली कि भाई मेरी तारीफ मत किया करो मुझे शर्म आती है। फिर इतने में गरबा बंद होने का टाईम हो गया और फिर हम दोनों अपने-अपने घर की और चल दिए।
अब में अपने घर पर पहुँचा ही था कि मुझे उसका मैसेज आया कि आज उसे बहुत मज़ा आ रहा था, वो नहीं चाहती थी कि आज की रात ख़त्म हो। अब में समझ गया था कि मछली जाल में फँस गयी है, फिर मैंने भी उसे मैसेज किया, क्यों आज ऐसा क्या खास था? हम रोज तो बातें करते है। तो उसने रिप्लाई किया कि ऐसी बातें तो नहीं करते है ना। फिर मैंने कहा कि तो रोज़ ऐसी बातें करूँ, तो उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया। अब में जानता था कि उसे ये सब पसंद आया है, लेकिन वो बताना नहीं चाहती है। फिर दूसरी रात को हम फिर से गरबा खेलने ग्राउंड पर मिले, तब उसके साथ उसकी एक फ्रेंड भी थी। फिर मैंने सोचा कि सत्यानाश ये मेरा चान्स खराब करेगी, वैसे उसकी फ्रेंड भी माल लग रही थी। में उस पर भी ट्राई कर सकता था, लेकिन मेरा टारगेट अर्चिता थी तो मेरा उस पर ही फोकस था। फिर अर्चिता ने मेरा उसकी फ्रेंड से परिचय करवाया कि वो उसकी बेस्ट फ्रेंड कामिनी है। फिर थोड़ी देर के बाद कामिनी को कॉल आ गया, तो वो दूर चली गयी।
अब हम दोनों नॉर्मल बातें कर रहे थे, तभी मैंने देखा कि कामिनी अर्चिता को कुछ इशारे कर रही थी, जो मैंने देख लिया था, लेकिन फिर भी ऐसे बर्ताव किया जैसे मैंने कुछ देखा ही नहीं है। फिर अर्चिता ने मुझसे कहा कि भाई मुझे एक हेल्प चाहिए। तो मैंने कहा कि बोल तेरे लिए तो में कुछ भी कर सकता हूँ। तो उसने कहा कि ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए बस उसकी फ्रेंड को उसके बॉयफ्रेंड से मिलना है, आप अकेले रहते हो तो क्या वो आपके रूम पर मिल सकते है? अगर आपको कोई प्रोब्लम ना हो तो। फिर मैंने कामिनी की तरफ देखा, अब मेरी सोच इतनी फास्ट चल रही थी कि मुझे कामिनी नंगी मेरे बेड पर लेटी हुई लंड चूत में लेती हुई दिखाई दे रही थी। फिर मैंने सोचा कि यही मौका है अर्चिता को भी साथ में ले चलता हूँ, अंदर कामिनी लंड लेगी और दूसरे रूम में अर्चिता मेरा लंड लेगी। फिर मैंने कहा कि कोई दिक्कत तो नहीं है, लेकिन मुझे घर पर ही रहना पड़ेगा नहीं तो आस पास वालों को शक होगा और में अकेला वहाँ बैठकर क्या करूँगा? तू भी चल तो हम दोनों बातें करेंगे और ये दोनों अपना काम करेंगे। अब वो सोच में पड़ गयी, फिर उसने कहा कि वो पहले कामिनी से बात कर ले।
फिर उसने दूर जाकर कामिनी के साथ कुछ डिसकस किया। फिर उसने कहा कि ओके नो प्रोब्लम, तो फिर हम मेरे घर की तरफ चल दिए और उसके बॉयफ्रेंड को भी वहीं बुला लिया। फिर उसका बॉयफ्रेंड आते ही वो दोनों मेरे बेडरूम में चले गये और हम दूसरे रूम में बैठकर बातें करने लगे। लेकिन अब मेरा ध्यान तो अभी इसी में था कि बाजू के रूम में मेरे बेड पर एक माल अपनी चूत मरवा रही है। फिर मैंने जानबूझ कर अर्चिता से पूछा कि वो दोनों क्या कर रहे होंगे? उसे भी पता तो था कि बाजू में क्या सीन चल रहा होगा? फिर भी उसने कहा कि वो दोनों ज़्यादा मिल भी नहीं पाते है और उन दोनों की बातें भी ज़्यादा नहीं होती है, तो वो दोनों बैठकर बातें कर रहे होंगे। फिर इतने में बाजू के रूम से ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आने लगी, अयाया कृनाल अया फुक मी कृनाल, फाड़ डालो मेरी चूत को।
अब वो शर्मा गयी और इधर उधर देखने लगी। फिर हम दोनों की आँखें मिली, तो मैंने कहा कि वो दोनों ये बातें कर रहे है और फिर हम दोनों की हँसी निकल गयी। फिर मैंने उससे कहा कि तुझे देखना है, तो उसने कहा कि नहीं, तो मैंने कहा कि ओके। फिर 1 मिनट के बाद उसने कहा कि हम कैसे देख सकते है? तो मैंने कहा कि चलो। फिर में उसे दरवाजे के पास ले गया, जहाँ पर एक छोटा सा छेद था। फिर पहले मैंने उसमें से देखा, तो कामिनी डॉगी स्टाइल में मेरे बेड पर थी और कृनाल पीछे से उसे चोद रहा था। फिर मैंने अर्चिता से कहा कि आगे आओं देखो, अब वो उस छेद में से दूसरी तरफ देख रही थी। अब में उसके पीछे खड़ा हो गया था, अब उसकी गांड मेरे लंड पर टच कर रही थी, क्या नर्म-नर्म गांड थी उसकी? फिर 1 मिनट के लिए तो मैंने सोचा कि जैसे कामिनी वहाँ चुदवा रही है, में भी इसे अभी यही झुकाकर अपना लंड पेल दूँ।
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फिर भी में वैसे ही खड़ा रहा, अब में थोड़ा दूर हो गया, तो अर्चिता ने अपनी गांड पीछे की इसका मतलब की उसे मज़ा आ रहा था। फिर मैंने अपना टाईट लंड उसकी गांड पर दबाया और में उसकी गर्दन पर किस करने लगा। तो वो उस छेद में देखना छोड़कर मेरी तरफ घूम गई, अब वो मेरी आँखो में देख रही थी। अब में समझ गया था कि ये किस करने का सही मौका है। फिर मैंने अपने होंठ उसके गुलाबी होंठो पर रख दिए, क्या मुलायम होंठ थे उसके? फिर में थोड़ी देर तक उसके होंठो को चूसता ही रहा। फिर मैंने सोचा कि चलो इसको तड़पाते है तो मैंने अपना सिर पीछे की तरह खींच लिया। अब उस पर हवस का नशा इतना चढ़ गया था कि उसने मेरा सिर पकड़ा और वो खुद उसके होंठ मेरे होंठ पर रखकर चूसने लगी। अब में धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर किस करने लगा था और मेरा एक हाथ उसकी नर्म गांड पर घुमा रहा था। फिर मैंने पीछे से उसकी चोली के हुक खोल दिए और उसकी चोली निकाल दी, उसने लाल कलर की ब्रा पहनी थी। अब में तो उसके बूब्स देखता ही रह गया था, उसके बूब्स ज़्यादा बड़े तो नहीं थे, लेकिन क्या सॉफ्ट-सॉफ्ट बूब्स थे?
अब में उसके बूब्स उसकी ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा था। फिर उसने भी मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरे छाती पर आ गयी। अब मेरी छाती से उसके बूब्स दब रहे थे, अब हम एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थेक्ष फिर मैंने किस करते-करते उसकी चनिया निकाल दी, उसने नीचे भी लाल कलर की ही पेंटी पहनी थी। फिर मैंने उसे थोड़ा दूर किया, ताकि में उसे आराम से बिकनी में देख सकूँ। फिर उसने कहा कि क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि सोच रहा हूँ कि अभी के अभी तेरी चूत में मेरा लंड डाल दूँ। तो उसने कहा कि तो रोका किसने है? फिर मैंने उसे अपनी और खींच लिया और उसकी ब्रा निकालकर उसके बूब्स पर अपनी जीभ फैरने लगा। अब वो मधहोश हुए जा रही थी, आअहह भाई चूसो और ज़ोर से चूसो। अब में दरवाजे के छेद में से पीछे देख सकता था, अब कामिनी कृनाल का लंड चूस रही थी, शायद उनका पहला राउंड ख़त्म हो गया था।
फिर मैंने अर्चिता को इस तरफ घुमा दिया, ताकि वो भी देख सके कि अंदर क्या हो रहा है? फिर उसने अंदर देखा, तो अब कामिनी कृनाल का लंड चूस रही है। फिर वो तुरंत अपने घुटनों के बल बैठ गयी और एक झटके में मेरा पेंट और बॉक्सर एक साथ निकाल दिया, जिससे मेरा टाईट लंड उसके चेहरे से टकरा गया। फिर उसने देर ना करते हुए मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और स्किन को ऊपर नीचे करने लगी। फिर उसने मेरे लंड के ऊपर वाले हिस्से पर अपनी जीभ फैरी और फिर पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया। अब मुझे इतना हॉट लग रहा था कि एक पल तो लगा की अभी मेरा पानी इसके मुँह में ही निकल जाएगा। अब वो पागलों की तरह मेरा लंड चूस रही थी, फिर मैंने उसका सिर पकड़कर अपना पूरा लंड उसके मुँह में उतार दिया।
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फिर थोड़ी देर तक इसी तरह से चूसने के बाद में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर सका और फिर मैंने अपना पानी उसके मूँह में ही छोड़ दिया। अब मुझे लगा कि वो गुस्सा करेगी, लेकिन उसने मेरा पूरा पानी पी लिया। फिर मैंने सोचा कि चलो अब इसको और तड़पाते है, फिर में उसे बेड पर ले गया और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को चाटने लगा। अब वो मेरा सिर उसकी चूत पर दबा रही थी, फिर मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी और उसकी पेंटी के अंदर का नज़ारा देखने लायक था, उसकी पेंटी के अंदर वही चूत थी, जिसमें में अपना लंड डालने का कब से इंतज़ार कर रहा था? उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत फूली हुई थी। फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा, तो उसकी चूत कोई सुलगती हुई भट्टी जैसी हॉट थी। फिर में बिना देर किए उसकी चूत को चूसने लगा, अब वो जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगी थी आह भाई चूसो इसे, अया आअहह मुझे आज से ज़्यादा इतना मज़ा कभी किसी चीज़ में नहीं आया और अब वो मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थी।
अब मुझे उसकी चूत का पानी इतना मीठा लग रहा था कि क्या बताऊँ? और फिर उसने अचानक से अपना पानी छोड़ दिया, भाई अब मुझसे रहा नहीं जाता प्लीज़ मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, इसमें कब से आग लगी है ये आग बुझा दो। फिर मैंने सोचा कि चलो थोड़ा और तड़पा लिया जाए, अब में उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था, तो वो मिन्नते किए जा रही थी कि प्लीज़ चोदो भाई। फिर मैंने कहा कि आज तो में तुम्हें चोद दूँगा, लेकिन उसके बाद मेरा क्या होगा? तुम तो मुझे भूल ही जाओगी। तो उसने कहा कि भाई जब भी तुम्हारा लंड खड़ा होगा मेरी चूत तुम्हारे लिए हाजिर होगी, लेकिन प्लीज़ अभी मुझे चोद दो जैसे बाजू के रूम में कामिनी चुद रही है। फिर मैंने ये सुनते ही उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए, क्योंकि मुझे पता था कि जैसे ही में अपना लंड उसकी चूत में डालूँगा, तो इसकी चीख निकल आएगी। फिर मैंने एक झटके में अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
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अब वो तड़पने लगी थी, लेकिन मैंने उसके होंठ नहीं छोड़े और ना ही अपना लंड बाहर निकाला। फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही रहने के बाद उसने अपनी चूत आगे की, तो अब में समझ गया की वो तैयार है। फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करता रहा। अब उसे भी मज़ा आने लगा था, फिर मैंने देर ना करते हुए बाकी का आधा लंड भी उसकी चूत में डाल दिया। तो अब वो फिर से तड़प रही थी भाई प्लीज़ निकाल दो, में नहीं सह सकती, मेरी चूत फट जाएगी ऐसे चिल्ला रही थी। फिर मैंने ऐसे ही अपना लंड उसकी चूत में रखकर कहा कि अभी तो कह रही थी कि जैसे कामिनी चुद रही है वैसे मुझे भी चोदो। अब वो चिल्ला रही थी कि उसी को चोद लो, में आपका लंड नहीं ले सकती हूँ। फिर थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा, अब वो खुद अपनी चूत को ऊपर नीचे करने लगी थी। अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी थी, अब 15 मिनट के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने कहा कि अर्चिता कहाँ निकालूं?
तो उसने कहा कि भाई मेरी चूत में ही छोड़ दो, में मेरी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहती हूँ, में बाद में आई-पिल ले लूँगी आप मेरी चूत में अपना पानी छोड़ दो, में महसूस करना चाहती हूँ। तो फिर मैंने देर ना करते हुए अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया। फिर थोड़ी देर के बाद किसी ने दरवाज़ा खटखटाया, तो तब मुझे याद आया कि बाजू के रूम में कामिनी थी, तो वही होगी। फिर अर्चिता ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वो जाने लगी। फिर मैंने उन दोनों को ग्राउंड पर चोदा और फिर वो वापस अपने घर चली गयी। फिर रात को मुझे अर्चिता का मैसेज आया कि में तुम्हें बहुत मिस कर रही हूँ। तो मैंने भी उसे मैसेज किया कि आ जाओं अभी सुहागरात पूरी कर ले? तो उसने मैसेज किया कि कल गरबा खेलने के बहाने सीधे आपके रूम पर आउंगी, वही बेड पर गरबा खेलेंगे। अब मेरा लंड वापस से खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने सोचा कि अब मूठ नहीं मारनी तुझे चूत ही दिलाउंगा।
फिर दूसरे दिन अर्चिता सीधी मेरे घर पर आई, उसने लाल कलर की चनिया चोली पहनी थी, जैसे वो सच में सुहागरात मनाने आई हो। फिर मैंने उसे देखते ही अपनी गोद में उठा लिया और उसे किस करने लगा। अब वो भी मेरे होंठ चूसे जा रही थी, फिर करीब 10-15 मिनट के बाद हमने अपनी किस तोड़ी। अब मेरा लंड टाईट होकर उसकी जांघो के बीच में रगड़ रहा था। फिर मैंने उसकी चनिया चोली निकाल दी, आज वो ब्लू कलर की ब्रा पेंटी में थी। अब वो भी मेरे कपड़े निकालकर मेरा लंड चूसने लगी थी। अब उसकी चूत में से पानी निकल रहा था, फिर उसने कहा कि भाई आज मुझे कामिनी के जैसे चोदो और फिर वो डॉगी स्टाइल में आ गयी। तो फिर मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, अब में पहले तो धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था और मेरे दोनों हाथ में उसके बूब्स थे। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और 25 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया। अब उतनी देर में वो three बार झड़ चुकी थी।
फिर उस रात मैंने उसे three बार और चोदा, अब उसकी हालत चलने लायक नहीं थी। फिर में उसको उसके घर पर छोड़कर आया और हम दोनों पूरी नवरात्रि की रात को खूब मज़े करते रहे। अब नवरात्रि ख़त्म होने को आई, तो उसने मिलने के लिए नया बहाना बनाया कि मुझे कोचिंग लेना है, तो मैंने उसके घर पर कोचिंग देना स्टार्ट कर दिया। उसकी माँ हमेशा घर पर रहती थी, अब में शुरुवात के दिनों में तो उसे नीचे हॉल में ही पढ़ाता था, लेकिन फिर मैंने उसकी माँ से कहा कि मेहमानों के आने जाने से डिस्टर्ब होगा। तो उसकी मम्मी ने मुझसे कहा कि सर आप उसके कमरे में पढ़ा सकते हो। फिर क्या था? मैंने उसके कमरे में रोज इतनी कोचिंग करवाई कि उसका पानी पानी निकल जाता था। अब मेरी शादी हो गयी है, लेकिन फिर भी जब भी मुझे कोई मौका मिलता है, तो में उसकी चूत में मेरा लंड डालने को बेताब रहता हूँ ।।
धन्यवाद …