अपनी जिंदगी को अपने तरीके से
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मेरा नाम सरिता है मैं इंदौर की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 25 वर्ष की है, मेरा कॉलेज कुछ समय पहले ही पूरा हुआ है। अब मैं घर पर ही रहती हूं। मैं अपनी सहेलियों से मिलने कभी-कभार उनके घर चली जाती हूं लेकिन मुझे अपने जीवन में कुछ करना है इसलिए मैंने कई बार अपने पिताजी से बात की लेकिन वह मुझे कहीं भी नहीं भेजना चाहते। मेरी मां एक दिन कहने लगी कि सरिता के लिए हम कोई लड़का देख लेते हैं। मैंने अपनी मां को कई बार समझाने की कोशिश की कि मैं अभी शादी नहीं करना चाहती क्योंकि मुझे अपने जीवन में कुछ करना है, उसके बाद ही मैं शादी करूंगी लेकिन मेरे घरवाले बिल्कुल भी इस चीज के लिए राजी नहीं थे और वह कहने लगे कि तुम काम कर के क्या करोगी, तुम्हारी जल्दी शादी हो जाएगी तो तुम अपना घर अच्छे से संभाल पाओगी।
मुझे उनकी सोच बिल्कुल ही समझ नहीं आती थी इसीलिए मुझे उनसे आपत्ति भी थी लेकिन मैं उनके आगे कुछ भी नहीं बोल सकती थी इसीलिए वह मेरे लिए अब लड़का देखने लगे थे। उन्होंने मुझे कई लड़कों की फोटो दिखाई लेकिन मुझे कोई भी लड़का समझ नहीं आया। मैंने उन्हें कहा कि मुझे अभी शादी नही करनी है लेकिन वह मुझसे जबरदस्ती कहने लगे कि तुम्हें शादी तो जल्दी ही करनी पड़ेगी। हमारे एक दूर के रिश्तेदार हैं उनके परिचय में एक अच्छा रिश्ता था इसीलिए उन्होंने मेरे माता-पिता से उस रिश्ते के बारे में जिक्र किया। जब वह लोग मुझे देखने आए तो उन्होने रिश्ता तय कर दिया। मैंने लड़के से ज्यादा बात भी नहीं की लेकिन उन लोगों ने रिश्ता तय कर दिया और कहने लगे कुछ समय बाद हम लोग सगाई कर देंगे। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी शादी इतनी जल्दी हो जाए लेकिन मैं बेबस थी और मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। मैंने अपने पापा से उस लड़के का नम्बर ले लिया। उसका नाम अमन है। मैंने उसे फोन किया और कहा कि मैं सरिता बोल रही हूं, वह मुझे कहने लगा कि हां बोलो क्या तुम्हें कुछ काम था। पहले वह भी मुझसे बात करने में शर्मा रहा था लेकिन मैंने अमन से खुलकर बात की और उसे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है, वह कहने लगा ठीक है तुम मुझसे मिल लेना।
वह उस वक्त अपने ऑफिस में था इसलिए ज्यादा बात नहीं कर पाया, जब वह ऑफिस से फ्री हुआ तो उसके बाद उसने मुझे फोन किया और कहने लगा कि उस वक्त मैं अपने ऑफिस में था इस वजह से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया। मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है और मिलकर कुछ बात करनी है, वह कहने लगा ठीक है मैं तुम्हें मिल लूंगा, जिस दिन मेरी छुट्टी होगी मैं उस दिन तुम्हें फोन करूंगा और तुम मुझसे मिलने आ जाना। मैंने उससे कहा ठीक है जब तुम्हारी छुट्टी हो तो तुम मुझे बता देना। जिस दिन अमन की छुट्टी थी उस दिन अमन ने मुझे फोन कर दिया और कहने लगा आज मेरी छुट्टी है, यदि तुम मुझसे मिलने आ सकती हो तो मैं तुम्हें तुम्हारे घर लेने आ जाता हूं। मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझे लेने आ जाओ। अब वह मुझे मेरे घर लेने आ गया और उसके बाद हम लोग एक पार्क में जाकर बैठ गए और वहीं पर ही हमने काफी देर तक बात की। मैंने अमन से कहा कि मुझे अभी शादी नहीं करनी है लेकिन मेरे घरवाले मेरी शादी के पीछे पड़े हैं, मुझे अपने जीवन में कुछ करना है इसीलिए मैं तुम से इस बारे में बात करना चाहती थी। अमर मुझसे कहने लगा वह तुम शादी के बाद भी कर सकती हो, मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है। मुझे अमन से बात कर कर अच्छा लगा लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि मैं अमन से शादी करूं। मैंने उसे कहा कि मुझे थोड़ा वक्त और चाहिए लेकिन मेरे घरवाले मुझे बिल्कुल भी वक्त नहीं दे रहे इसलिए मैंने सोचा मैं तुमसे ही इस बारे में बात कर लूं। मैंने उससे कहा कि तुम बहुत ही अच्छे लड़के हो, मुझे तुम्हारे साथ शादी करने में कोई भी दिक्कत नहीं है लेकिन मुझे अपने जीवन में कुछ करना है उसके बाद ही मैं तुमसे शादी कर सकती हूं, परंतु उसके लिए मुझे कुछ समय चाहिए। मैंने जब से अपना कॉलेज किया है उसके बाद से मैं घर पर ही हूं और मैं उसके बाद कहीं भी नहीं गई।
अमन ने मुझे आश्वासन दिया कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो यदि तुम मुझसे सगाई कर लोगी तो उसके बाद कुछ समय के लिए मैं घर पर कह दूंगा कि हम लोगों को शादी के लिए थोड़ा वक्त चाहिए। जब अमन ने मुझसे यह बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने उसे कहा कि ठीक है यदि तुम इस प्रकार से मेरी मदद कर पाओ तो मुझे बहुत खुशी होगी। उस दिन हम दोनों ही काफी देर तक साथ में बैठे हुए थे और अमन के साथ मैंने जितनी भी बात की मुझे प्रतीत हो चुका था की अमन बहुत ही अच्छा लड़का है और वह मेरी हर बात को समझ सकता है इसीलिए मुझे उससे शादी करने में कोई आपत्ति नहीं थी परंतु पहले मैं अपने जीवन में कुछ करना चाहती थी, उसके बाद ही मैं अमन से शादी करना चाहती थी। हमारे घर वालों ने हमारी सगाई का दिन तय कर दिया और अब हम दोनों की सगाई हो चुकी थी। सगाई के बाद अमन और मेरी अक्सर फोन पर बात होती रहती थी। मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ समय के लिए बेंगलुरु जाना है और वही पर मैं कुछ काम करना चाहती हूं। अमन मुझसे पूछने लगा कि बेंगलुरु में कौन रहता है, मैंने उससे कहा कि बेंगलुरु में मेरी एक सहेली रहती है और वह वहीं पर नौकरी करती है। अमन ने मुझे कहा कि ठीक है तुम बेंगलुरू चले जाओ लेकिन तुम्हें पैसों की आवश्यकता है तो तुम मुझसे कुछ पैसे ले सकती हो।
मैंने उसे कहा कि ठीक है यदि मुझे आवश्यकता होगी तो मैं तुमसे जरूर मदद लूंगी उसके बाद मैंने फोन रख दिया। अब मैंने यह बात अपने घर में भी बताई तो मेरे घर वालों को इस बात से बहुत आपत्ति थी। वह लोग कहने लगे कि तुम्हारे ससुराल वाले तुम्हारे बारे में क्या सोचेंगे, मैंने उन्हें कहा कि मैंने अमन से इस बारे में बात कर ली है और अमन को इस बात से कोई भी आपत्ति नहीं है। उसके बाद उन्होंने भी मुझे कुछ नहीं कहा और मैंने उनसे कुछ पैसे ले लिए, अब मैं बेंगलुरु चली गई। अमन भी मुझे स्टेशन तक छोड़ने आया था। जब मैं बेंगलुरु पहुंच गई तो उसके बाद मैं अपनी सहेली के घर चली गई और अमन मुझे हमेशा ही फोन करता रहता था। मेरी कुछ दिनों बाद ही एक अच्छी कंपनी में नौकरी लग गई। अब मैं नौकरी करने लगी थी और मेरी तनख्वाह भी बहुत अच्छी थी। अमन भी बहुत खुश था और कहने लगा कि यह तो बहुत खुशी की बात है कि तुम्हारी नौकरी लग चुकी है। मैं बेंगलुरु में आकर खुश थी क्योंकि बेंगलुरु बहुत ही अच्छा शहर है और मैं यहां पर अपने तरीके से जीवन जी पा रही थी। हम लोग शाम के वक्त हमेशा ही पार्टी करते थे और मेरी सहेली के जितने भी दोस्त है वह सब मुझसे परिचित हो गए थे और मैं भी उन्हें पहचानने लगी थी। मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई, उसका नाम राहुल है और वह भी इंदौर का ही रहने वाला है इसीलिए हम दोनों के बीच काफी बातें होती थी। राहुल को मैंने अपनी सगाई के बारे में बता दिया था। एक बार मैंने राहुल की बातें अमन से भी करवाई थी। मैं अपने जीवन से बहुत खुश थी और मुझे जो सैलरी मिलती थी उसमें से मैं कुछ पैसे घर भिजवा दिया करती थी। अमन को भी मेरे काम करने से कोई भी आपत्ति नहीं थी। अब मैं अपने जीवन को अच्छे से चला पा रही थी और हम लोग हमेशा ही पार्टी करते थे।एक दिन मेरी सहेली काम से कहीं बाहर गई हुई थी उस दिन राहुल का मुझे फोन आ गया। राहुल कहने लगा कि आज मैं तुम्हारे घर पर आने वाला हूं। उस दिन वह मुझसे मिलने के लिए घर पर आ गया जब वह मुझसे मिलने आया तो वह बहुत ही खुश था और हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे। जब मैंने उसकी तरफ देखा तो उसका लंड खड़ा हो रखा था मेरे अंदर से सेक्स की भावना आने लगी।
मैंने जैसे ही राहुल के लंड को अपने हाथ में लिया तो उसे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैंने उसके लंड को हिलाते हिलाते अपने मुंह में ले लिया वह बहुत खुश हो गया। मैंने उसके लंड को अपने मुंह के अंदर तक समा लिया काफी देर तक मैंने उसके लंड को ऐसे ही चूसा। उसके बाद मैंने उसकी पैंट को थोड़ा सा नीचे किया और अपने कपड़े उतारते हुए उसके लंड पर बैठ गई। जैसे ही उसका लंड मेरी योनि के अंदर गया तो मेरी सील टूट गई मेरी योनि से खून आने लगा। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेजी से धक्के देने लगा। मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा था लेकिन मुझे अब अच्छा लगने लगा। मेरी योनि से पानी बाहर की तरफ निकले लगा मैं भी पूरे मूड में आ गई मैं बड़ी तेजी से अपने चूतड़ों को उसके लंड पर हिलाने लगी। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मुझे झटके दे रहा था। मैं उसका पूरा साथ देने लगी और वह भी मुझे बड़ी तेजी से धक्के देने पर लगा हुआ था। काफी देर हमने ऐसा किया उसके बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया। जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी योनि मे डाला तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैंने अपनी चूतडो को उससे मिलाना शुरू कर दिया उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था और वह बड़ी तेजी से मुझे झटके दिए जा रहा था। उसका मोटा लंड जब मेरी योनि के अंदर जाता तो मुझे एक अलग ही तरीके की फीलिंग आती और उसे भी बहुत मजा आने लगा। मेरी योनि से बहुत ज्यादा खून निकलने लगा मुझसे उसका मोटा लंड बिल्कुल भी नहीं झेला जा रहा था मैंने उसे कहा कि तुम जल्दी से अपने वीर्य को मेरी योनि में गिरा दो। मैंने अपनी योनि को टाइट कर लिया और उसने भी बड़ी तेज तेज मुझे धक्के मारे मेरी चूत पूरी गिली चुकी थी और जैसे ही उसका वीर्य मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत शांति मिली उसके बाद मैं अपने पैर चौडे कर के लेट गई।