स्कूल की माल लड़की को बाथरूम में चोदा

desi chudai ki kahani

मेरा नाम संजीव है मैं कक्षा बारहवीं में पढ़ता हूं, हम लोग इसी वर्ष 12वीं में गए हैं। हमारा स्कूल शहर का बहुत ही अच्छा स्कूल है और यहां पर अच्छे घरों के बच्चे पढ़ते हैं क्योंकि हमारी फीस बहुत ज्यादा है इसलिए हर कोई हमारे स्कूल में नहीं पढ़ सकता। मेरे पिताजी बैंक में मैनेजर हैं इसी वजह से वह मुझे इस स्कूल में दाखिला दिलवा पाए। हम लोग इससे पहले भोपाल में रहते थे लेकिन जब मेरे पिता जी का ट्रांसफर लखनऊ हुआ तो मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि भोपाल में मेरे बहुत सारे दोस्त  थे और जब हम लोग पिछले वर्ष लखनऊ आए तो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन हमें लखनऊ तो आना ही था क्योंकि पिता जी का ट्रांसफर हो चुका था। जब मैंने यहां पर एडमिशन लिया तो शुरुआत में मेरी एक लड़के के साथ बहुत ही ज्यादा झगड़ा हुआ उसका नाम विजय है और वह हमारे क्लास में ही पड़ता है।

उसके और मेरे बीच में बिल्कुल भी बात नहीं होती और ना ही मैं उससे बात करना पसंद करता हूं। वह हमेशा ही मुझे सबके सामने गलत ठहराने की कोशिश करता है और इसी वजह से मेरा उसके साथ झगड़ा रहता है। जब मैंने 11वीं में एडमिशन लिया था तो उस वक्त विजय ने मुझे बहुत परेशान किया था क्योंकि विजय क्लास का मॉनिटर है इसीलिए उसके और मेरे बीच में बिल्कुल भी नहीं बनती। हमारी क्लास में एक नई लड़की आई, जिसका नाम हर्षिता है। हर्षिता पढ़ने में बहुत ही अच्छी है और जितने भी हमारे टीचर है वह सब हर्षिता की बहुत तारीफ करते हैं। मुझे भी हर्षिता बहुत अच्छी लगती है और मैं भी हर्षिता के साथ बात करता हूं। मुझे हर्षिता के साथ बात करना बहुत अच्छा लगता है और हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो चुकी है लेकिन यह बात विजय को बिल्कुल भी पसंद नहीं है क्योंकि विजय हर्षिता को पसंद करता था इसलिए वह मुझे उसके साथ बिल्कुल भी नहीं देख सकता था और वह हमेशा ही मुझे किसी ना किसी तरीके से हर्षिता के सामने बेइज्जत करने की कोशिश करता था लेकिन मुझे भी अब उसके बारे में पता चल चुका है कि वह किस तरीके की सोच का लड़का है।

एक दिन हर्षिता मुझसे कहने लगी कि हम लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं यदि तुम भी चलना चाहते हो तो तुम भी हमारे साथ चल सकते हो, मैंने उसे बोला कि तुम लोग कहां जा रहे हो, वह कहने लगी कि हम लोग पहले वाटर पार्क जाएंगे उसके बाद हम लोग वहां से मूवी देखने का प्लान बना रहे हैं। मैंने उससे पूछा कि और कौन-कौन जाएगा, वह कहने लगी कि हमारे क्लास के कुछ लोग हैं वह जाएंगे। मैंने उससे पूछा कि विजय तो नहीं आ रहा, वह कहने लगी नहीं हमने उसे नहीं बोला। हर्षिता को भी  विजय बिल्कुल पसंद नहीं था इसलिए वह भी उससे ज्यादा संपर्क नहीं रखती थी और ना ही उससे ज्यादा बात करती थी। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारे साथ चलूंगा। जब मैंने हर्षिता से कहा कि मैं तुम्हारे साथ चलूंगा तो वह बहुत खुश हुई। मैंने उससे पूछा कि सब लोग कितने रुपए कंट्रीब्यूशन कर रहे हैं क्योंकि हमारे क्लास के बच्चे जब भी बाहर घूमने जाते थे तो सब लोग आपस में पैसे मिलाते थे उसके बाद ही घूमने के लिए जाते थे। वह कहने लगी कि हम सब लोग 500 मिला रहे हैं और हमारे क्लास के 10 बच्चे हैं जो जाने वाले हैं। वह बहुत ही खुश थी। मुझे भी हर्षिता के साथ जाना बहुत अच्छा लग रहा था, मैं भी बहुत ज्यादा एक्साइटेड था कि मैं हर्षिता के साथ घूमने के लिए जाने वाला हूं क्योंकि यह पहला ही मौका था जब मैं हर्षिता के साथ कहीं बाहर घूमने के लिए जा रहा था। मेरे पास हर्षिता का फोन नंबर भी था तो मैं उसे फोन कर दिया करता था। हम लोग उस दिन साथ में घूमने के लिए चले गए। पहले हम लोग वाटर पार्क गए और काफी देर तक हम लोगों ने साथ में वहां पर जमकर मस्ती की और हमारे साथ के सब बच्चे बहुत खुश थे। मैं हर्षिता के साथ समय बिता रहा था  तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि हर्षिता के साथ मुझे  बहुत अच्छा लग रहा था और हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे। हर्षिता मुझे कहने लगी कि हम लोग कुछ फोटोए ले लेते हैं।

हर्षिता और मैंने फोटो ली और उसने वह फोटो अपने सोशल साइट्स पर डाल दी, जब उसने वह फोटो डाली तो विजय ने भी उस दिन वह फोटो देख ली, उसके बाद हम लोग मूवी देखने भी गए और हमने साथ में बैठकर मूवी देखी और मैं हर्षिता के साथ बहुत ही खुश था लेकिन विजय को हम दोनों का बात करना या फिर कहीं भी साथ में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। उसने जब हर्षिता से पूछा तो वह कहने लगी कि हम लोग इस छुट्टी को वाटर पार्क गए थे। वह कहने लगा कि तुम मेरे साथ भी तो चल सकती थी लेकिन हर्षिता ने उसे कहा कि मुझे तुम्हारे साथ जाना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, विजय मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं करता था इसलिए उसने मुझसे कुछ भी नहीं पूछा लेकिन उसके दिमाग में कुछ ना कुछ चल रहा था और उसने एक दिन हमारे ही क्लास की लड़की के साथ मेरी फोटो खींच ली और उस दिन वह लड़की मेरे साथ कैंटीन में बैठी हुई थी, उसने जब वह फोटो हर्षिता को दिखाई तो वह बहुत ही गुस्सा हुई। हर्षिता को विजय ने कहा कि उसका पूनम के साथ में रिलेशन चल रहा है।

मैंने हर्षिता को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात नहीं समझी, मैंने उसे कहा यदि तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है तो तुम इस बारे में पूनम से भी बात कर सकती हो लेकिन उसने मुझसे भी बात करना बंद कर दिया और मैं बहुत ही दुखी हो गया क्योंकि हर्षिता तो मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी और अब वह क्लास में आती और मुझसे बिल्कुल बात नहीं करती थी। मैंने उसे मनाने की बहुत कोशिश की, की किसी भी प्रकार से मेरी उससे बात हो जाए परंतु उसके और मेरे बीच में कोई भी बात नहीं हुई। अब मैं भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रहा था हर्षिता भी पढ़ाई करती थी। विजय बहुत ही खुश हो रहा था क्योंकि वह तो पहले से ही चाहता था कि हर्षिता और मेरे बीच में बात ना हो, वह बहुत ज्यादा खुश था और मुझे छेड़ता रहता था। मुझे उसे देखकर बहुत गुस्सा आता था लेकिन फिर भी मैं चुप हो जाता और मैं पढ़ाई में ही ध्यान दे रहा था। एक दिन मैंने हर्षिता को मैसेज कर दिया, हर्षिता ने मेरे मैसेज का रिप्लाई नहीं किया लेकिन जब उसने मुझे मेरे मैसेज का रिप्लाई किया तो मैंने उससे कहा की तुमने विजय की बात पर भरोसा कर लिया पर तुमने मेरी एक भी बात नहीं सुनी यदि तुम्हें यकीन नहीं आता तो तुम पूनम से बात कर सकती हो, मैंने जब उसकी पूनम से बात कराई तो पूनम ने कहा कि हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा तुम समझ रही हो,  वह फोटो विजय ने ले ली थी और उसने तुम्हें वह फोटो दिखा कर झूठ कहा, मुझे उससे कुछ नोट्स की जरूरत थी इसलिए मैंने कैंटीन में संजीव से वह नोट्स लिए थे। जब पूनम ने हर्षिता से यह बात कही तो उसके बाद वह मुझसे बात करने लगी और पूनम भी हर्षिता से बात करने लगी थी क्योंकि उससे पहले ना तो हर्षिता ने पूनम से बात की थी और ना ही पूनम ने हर्षिता से बात की। जब हम दोनों आपस में बात करने लगे तो विजय को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी। वह अंदर से बहुत ज्यादा जल रहा था और वह चाहता था कि किसी भी प्रकार से हम दोनों दोबारा से बात ना करें लेकिन अब हर्षिता समझ चुकी थी कि विजय गलत लड़का है। हर्षिता मुझसे बहुत प्यार करती थी और विजय हम दोनों से बहुत ज्यादा जलता था। एक दिन  हर्षिता को देख कर मेरा मन खराब होने लगा क्योंकि उस  दिन वह मेरे बगल में ही बैठी हुई थी और उसकी पैंटी मुझे दिखाई दे रही थी। मैंने भी उसकी जांघो को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया तो उसने भी मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया। मैंने उसके कान में कहा कि तुम बाथरूम में चलो मैं वहीं पर आता हूं वह बाथरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे चला गया।

जब हम दोनों बाथरूम में थे तो उसने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया और बहुत ही अच्छे से हिलाने लगी मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा जब वह मेरे लंड को हिला रही थी उसने काफी देर तक मेरे लंड को अपने  मुह मे लिया। उसके बाद मैंने उसकी चूत को चाटा मैंने उसके चूचो को भी अपने मुंह में लिया तो उसे पूरा मजा आने लगा। मैंने उसे घोडी बना दिया घोड़ी बनाकर उसकी चूत मे अपने लंड को डाल दिया वह चिल्लाने लगी और मचल उठी। मैंने उसे बड़ी तेजी से झटके मारे उसका पूरा शरीर गर्म होने लगा और उसकी योनि से खून की पिचकारी निकलने लगी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था क्योंकि मैंने आज तक कभी भी किसी को चोदा नहीं था यह मेरा पहला मौका था। हर्षिता मुझे कहने लगी कि तुम मुझे बहुत ही अच्छे से चोद रहे हो मुझे तुम इतने अच्छे से झटके रहे हो कि मुझे बहुत मजा आ रहा है। अब वह भी पूरे मूड में आ गई उसकी चूत से बहुत ज्यादा गर्मी निकलने लगी। वह अपने मुह से आवाज निकाल रही थी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब वह अपनी चूतडो को मिला रही थी और मैं भी उसे बड़ी तीव्र गति से धक्के मार रहा था। वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने पर लगी हुई थी उसने मेरा पूरा साथ दिया और मैं उसकी योनि की गर्मी को ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाया। जब मेरा वीर्य पतन उसकी टाइट चूत के अंदर हुआ तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ उसके बाद हम दोनों क्लास में चले गए उसकी योनि से उस वक्त भी उसका खून बाहर की तरफ निकल रहा था। उसके बाद कई बार हम दोनों के बीच में सेक्स संबंध बन चुके हैं मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं उसके साथ सेक्स संबंध बनाता हूं। वह मेरे घर भी आती है हम दोनों के बीच में सेक्स संबंध बनते है।