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प्रेषक : विवेक …
हैल्लो दोस्तों, आज में आप सभी कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियों को पढ़ने वालों को अपनी पिछली कहानी का दूसरा भाग शुरू करने जा रहा हूँ। अब में अपने नये पाठकों को बता दूँ कि में 23 साल का हूँ और यह कहानी तब की है, जब में 20 साल का था। दोस्तों यह कहानी मेरी मामी शिवानी की है, जैसा कि मैंने अपनी पिछली कहानी में शिवानी से वादा किया था कि में अपनी अगली छुट्टियों में उसको बर्बाद जरुर करूँगा। अब उसी वादे के मुताबिक में छुट्टियों में उसके घर पहुँचा, मेरी छुट्टी एक महीने की थी, शिवानी एक सम्मिलित परिवार में रहती है और उनका घर बहुत बड़ा है। फिर जैसे ही में वहाँ पहुँचा, तब सबसे ज़्यादा खुश तो बस शिवानी ही थी, वो पहले से और भी ज्यादा सुंदर सेक्सी लग रही थी। अब में शिवानी की आँखों और चेहरे में हवस को दोबारा से जागता हुआ देख रहा था, उस समय शिवानी साड़ी पहने हुए थी, उसकी बड़े आकार की गांड और बूब्स को देखकर मुझे शिवानी का नंगा बदन याद आ रहा था, जो शिवानी ने मुझे दिखाया था। फिर जब में रसोई में गया, तब मैंने देखा कि शिवानी उस समय नीचे बैठकर सब्जी काट रही थी, उसने अपनी साड़ी को घुटने तक उठा रखा था।
अब उस समय रसोई में मेरी एक और आंटी थी और फिर जैसे ही वो बाहर गयी, तब शिवानी ने अपने दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और मैंने देखा कि वो उस समय पेंटी भी नहीं पहने हुए थी। अब मुझे शिवानी की रसभरी चूत साफ-साफ नजर आ रही थी, उसने मेरी तरफ देखकर एक लंबी सास ली और मेरा मन तो कर रहा था कि उसको रसोई में ही पकड़कर उसी समय चोदना शुरू कर दूँ। अब शिवानी हर दिन अपनी ब्रा-पेंटी को बाथरूम में छोड़कर आती थी और में हर दिन बाथरूम में जाकर उसमे मुठ मारने लगा था। अब शिवानी मेरे सामने जानबूझ कर अपनी साड़ी से अपने बूब्स को नहीं ढकती थी, देखने से लगता था कि उसके बूब्स मानो ब्लाउज को फाड़कर बाहर निकलने वाले थे और कभी-कभी में उसको अकेला पाकर सही मौका देखकर उसके बूब्स को दबा भी देता था। अब शिवानी अपनी ऐसी हरकतों से मुझे गरम कर रही थी, जिसकी वजह से में भी बेकाबू हो रहा था, लेकिन उसका पति घर में ही था और इसलिए में कुछ कर भी नहीं पा रहा था। अब मेरी शिवानी के जिस्म को पाने की इच्छा धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही थी, उस घर में उसके दो कमरे है और दोनों कमरों के बीच में एक दरवाजा है।
दोस्तों में दूसरे कमरे में सोता हूँ और वो अपने पति और सात महीने के बच्चे के साथ अपने कमरे में सोती, वो हमेशा बीच का दरवाजा लगा देते थे। फिर एक रात करीब को करीब तीन बजे शिवानी धीरे से मेरे पास आ गई, उस समय उसको भी नींद नहीं आ रही थी। अब मैंने उसको पूछा कि तेरा पति कब बाहर जाएगा? तब वो बोली कि वो दो दिन के बाद दो सप्ताह के लिए दिल्ली जा रहे है। अब यह बात सुनकर मेरी खुशी का तो मानो कोई ठिकाना ही नहीं था, तभी मैंने शिवानी को खीचकर अपने ऊपर लेटा लिया और ज़ोर-ज़ोर से में उसके बूब्स को दबाने लगा। अब वो आहे भरने लगी थी छोडो ना आहहह ऊह्ह्ह प्लीज कोई देख लेगा। फिर मैंने उसके ब्लाउज और ब्रा के अंदर अपना एक हाथ घुसाया और उसके बूब्स को में मसलने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड को सहला रहा था और उसके होंठो को अपने होंठो में डालकर गीला कर रहा था, जिसकी वजह से कि वो चिल्ला ना सके। अब मेरी जीभ उसकी गरम जीभ के साथ खेल रही थी और मैंने उसके गरम होंठो के गरम रस को चूस चूसकर बहुत मज़ा लिया। फिर कुछ देर के बाद वो उठ गयी और बोली कि में जा रही हूँ, मेरे पति उठ जाएँगे।
अब मेरा प्यासा लंड प्यासा ही रह गया था, में तो यह सोच रहा था कि उसके होंठो का रस इतना मीठा और गरम है तो उसकी चूत का रस कैसा होगा? फिर दो दिन ऐसे ही निकल गये और फिर शिवानी का पति दिल्ली चला गया। फिर रात को खाना खाने के बाद में शिवानी के बेडरूम में घुस गया और टी.वी देखने लगा था, कुछ देर बाद शिवानी अपने काम ख़त्म करके आई और बाहर वाले कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया। अब रात के करीब दस बज रहे थे, शिवानी का बच्चा भी सो गया था, उसने अपने बच्चे को धीरे से उठाया और बाहर वाले कमरे में सुला दिया और फिर शिवानी अंदर आकर मेरे पास लेट गयी, वो गरमी का दिन था। अब शिवानी काम करके बहुत थक चुकी थी, उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था और तभी मैंने उसको कहा कि अपने कपड़े उतार दो और नंगी हो जाओ मेरी रानी। अब उसने कहा कि आप ही उतार दीजिए ना, यह बात सुनकर मैंने धीरे से उसकी साड़ी के पल्लू को खीचा और उसकी साड़ी को उसके जिस्म से अलग कर दिया। अब देखा कि उसके बड़े आकार के बूब्स उसके ब्लाउज से निकलने के लिए बैचेन हो रहे थे और उसकी उभरी हुई गोरी छाती को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा था।
फिर मैंने ज़ोर से अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उसके ब्लाउज को फाड़ दिया और फिर उसकी क्रीम कलर की ब्रा को भी उतारकर फेंक दिया, देखा उसके बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने जल्दी से उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और उसकी भूरे रंग की पेंटी को उसकी चूत और बड़ी गांड से अलग किया और जमीन पर फेक दिया। तभी शिवानी ने भी मेरी पेंट और अंडरवियर को उतार फेका। अब शिवानी बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी, शिवानी के बदन का आकार 36-28-38 था, लंबे काले बाल, वो गोरा बदन, उसकी चूत पर भी घने बाल थे, बड़ी कोमल गांड, निप्पल उतनी बड़ी नहीं थी, लेकिन बूब्स बहुत बड़े और भी टाईट थे। दोस्तों पहली बार किसी नारी का यह रूप देखकर में पागल हो रहा था। अब मेरा छे इंच का लंड एकदम तनकर खड़ा होकर शिवानी की चूत को सलामी दे रहा था। फिर शिवानी मेरे लंड को देखते हुए बोली वाह इतना बड़ा लंड, बहुत मज़ा आएगा। फिर मैंने शिवानी को अपनी बाहों में ले लिया और उसके बड़े सुंदर से गालों को और उसके होंठो को चूमना शुरू किया और अपने दोनों हाथों से उसके मुलायम और बड़ी आकार की गोल गांड को दबा रहा था और अपने लंड से उसकी चूत को मसल रहा था।
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अब मैंने उसके पूरे मुँह को अपने थूक से गीला कर दिया था, उसकी नाक कान होंठ गर्दन गाल सभी जगह को चूमा। फिर मैंने उसकी गांड को इतना ज़ोर-ज़ोर से दबाया कि उसकी पूरी गांड लाल हो गई, अब वो भी मुझे चूम रही थी। फिर मैंने उसको उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया, वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी और पागल रंडी की तरह बोल पड़ी चोदो ना आहह मुझे ऊऊईईई मुझे बर्बाद करो ना आहह। अब शिवानी के इस रूप को देखकर में और ज्यादा गरम हो गया था और बोला कि तू मेरी रंडी है, आज में तेरी रातभर चुदाई करूंगा मेरी रानी, में आज तेरे बदन के हर एक हिस्से को प्यार दूंगा और तेरे हर एक छेद में अपना लंड डालकर मज़े दूंगा और उसको यह बात बोलकर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और ज़ोर-ज़ोर से मैंने उसके बूब्स को दबाया, उसके निप्पल को काटा और चूसा। अब उसके निप्पल से दूध निकलने लगा था और में एक छोटे बच्चे की तरह उसके गरम दूध को पी रहा था। अब वो जोश में आकर लंबी आहे ले रही थी ऊहहह्ह्ह हाँ ज़ोर से पी लो आहह मेरा सारा दूध ऊहह। अब में उसके बूब्स को निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से उसकेगोरे गोलमटोल बूब्स एकदम लाल हो गए थे। फिर मैंने धीरे से नीचे चूमना शुरू किया और मैंने उसके पेट नाभि को बहुत जमकर चूमा काटा।
अब वो और भी ज़ोर से उठ पड़ी आहहहह ऊईईई माँ गई और में उसी समय उसकी चूत पर पहुँच गया और अब उसने अपने दोनों पैरों को फैला दिया था, तब मुझे नजर आया कि उसकी चूत जोश मज़े की वजह से गीली हो चुकी थी। फिर मैंने पहले उसमे अपनी जीभ को घुसाया और उसके रस को चाटना शुरू किया, उसकी चूत में अब मेरी जीभ घूम रही थी, ऊपर से नीचे और अंदर बाहर हो रही थी। अब में एकदम पागलों की तरह अपनी जीभ को चूत में घुमा रहा था, मैंने उसके चूत के दाने को बहुत जमकर चूसा, काटा और उसके मीठे और गरम सर का स्वाद लिया। फिर उसकी चूत के बालों को भी चूमा, उनको रगड़ा, उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ घुसाई और अपने होंठो से उसकी गांड के छेद को चूसने लगा। अब उसने जोश में आकर अपनी कमर को ऊपर कर दिया था, मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना थूक लगाया, चाटा और फिर अपने दोनों हाथों से उसकी बड़ी गांड को बहुत दबाया। अब वो जोश में आकर अपने बूब्स दबा रही थी, मैंने उसकी बड़ी सेक्सी नशीली जाँघो को भी चूमा और दबाया। फिर में उठकर बोला कि मेरे लंड को अपने होंठो से चूस लो रंडी और उसने तुरंत उठकर मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ा और चूसना शुरू किया वो बड़े मज़े लेकर चूसने लगी थी।
फिर जैसे ही उसने अपने गरम और मुलायम होंठो से मेरे लंड के टोपे को छुआ, तब मेरे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया। अब धीरे-धीरे उसने मेरे लंड को अपने मुँह में घुसाया और वो अपनी जीभ से खेलने लगी थी, वो अपना थूक मेरे लंड पर लगा रही थी, उसके मुँह में मेरा लंड बहुत मस्त लग रहा था। फिर मेरे लंड से शिवानी का मुँह पूरा भर गया था, में उसके बालों को सहला रहा था और उसके सर को पकड़कर नीचे की तरफ धक्का दे रहा था। अब धीरे-धीरे शिवानी के मुँह के अंदर मेरा पूरा छ इंच का लंड चला गया, शिवानी के मुँह से थूक निकल रहा था। फिर वो मेरे आंड को चूमने और चाटने लगी उनको अपने मुँह में डाल भी रही थी। अब में उठा और मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर उसकी चूत में अपना छे इंच का लंड रगड़ा और धीरे से अंदर डालना शुरू किया। अब शिवानी भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरे लंड का अपनी चूत में स्वागत कर रही थी और जैसे-जैसे मेरा लंड अंदर जा रहा था, शिवानी ज़ोर-ज़ोर से आहे भर रही थी आह्ह्हहह उउउम्म ऊहह्ह्ह माँ मर गई कहने लगी थी। फिर मैंने ज़ोर से दो-तीन झटके मारे तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया, शिवानी के दर्द का तो ठिकाना ही नहीं था और वो ज़ोर से चिल्लाई।
अब में अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था और उसकी चूत पर धक्के मार रहा था, शिवानी आहे भर रही थी। फिर में उसके ऊपर लेट गया और उसके चेहरे को चूमने लगा, वो अपने दोनों हाथों से मेरी गांड को दबा रही थी। फिर में करीब बीस मिनट तक उसकी चूत मारता रहा, तभी शिवानी झड़ गयी और अब मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग चुका था। अब मुझे उसकी चूत मारने में और मज़ा आ रहा था, उसकी चूत गीली हो चुकी थी और उसका पानी टपक रहा था। अब में भी झड़ने वाला था, तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर शिवानी के मुँह पर रख दिया। अब वो एक अनुभवी रंडी की तरह मेरा सारा सफेद रस मेरा लंड चूस चूसकर पीने लगी। फिर शिवानी के पूरे चेहरे पर मेरा रस लगा हुआ था, शिवानी ने बोला कि इतना रस मैंने पहली बार देखा है, मेरे पति का कभी इतना नहीं निकलता। अब हम दोनों बहुत थक चुके थे और करीब आधे घंटे तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे और फिर उसके बाद शिवानी मेरा सोया हुआ लंड दोबारा अपने मुहं में भरकर चूसने लगी। अब उसके मुँह में मेरे लंड के घुसते ही उसमे धीरे धीरे जान आने लगी थी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था।
अब वो और ज़ोर से मेरा लंड चूस रही थी, वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में डालकर अपना थूक लगाकर चाट और चूस रही थी। फिर इस बार मैंने उसके लंबे बालों को ज़ोर से खींचा, तब वो दर्द की वजह से चिल्ला पड़ी आआहह ऊफ्फ्फ यह क्या कर रहे हो? मार दोगे क्या? तब मैंने उसको कहा कि साली रंडी कुत्ती अब तू मेरी दासी है, में तुझे जैसे चाहू वैसे मारूँगा। फिर वो अपना सर नीचे झुकाकर बोली कि में आपकी दासी हूँ, आप मुझे चोदिए मुझे बर्बाद कीजिए। अब मैंने उसके बाल खीचकर शिवानी को मुँह के बल बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी गांड को बहुत दबाया और फिर उसकी गांड को चूमा चाटा और काटा। अब वो दर्द की वजह से चिल्ला रही थी, मैंने शिवानी की कोमल और सुंदर सी गांड के छेद को चूमा और अपना थूक लगाकर अपनी जीभ से चाटा और फिर अपनी उंगलियाँ घुसाई। तभी शिवानी बोली कि मेरी गांड फाड़ दो, उसी समय मैंने अपने लंड को उसकी गांड में धीरे-धीरे डालना शुरू किया। अब वो दर्द की वजह से चीखने लगी और उसको शुरू में थोड़ी तकलीफ़ हुई, शायद उसके पति ने कभी शिवानी की गांड नहीं मारी थी। फिर जैसे ही मेरा टोपा उसकी गांड में घुसा, वो ज़ोर से चिल्लाई आह्ह्ह्ह में मर गयी, आह्ह्ह्हह।
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फिर मेरे दो झटकों में मेरा आधा से ज़्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया और वो दर्द की वजह से अपना सर उठा उठाकर चीख रही थी। फिर मैंने उसके बालों को ज़ोर से खींचा और उसकी गांड में धक्के मारने लगा और वो दर्द की वजह से झटपटा रही थी और ज़ोर-जोर से आहे भरने लगी थी। फिर मैंने उसको बहुत गालियाँ दी साली अब से तू मेरी रखैल हो गयी है और यह कहकर उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा। अब उसको भी मज़ा आ रहा था, तभी वो बोली कि आहह्ह्ह हाँ और जोर से मारो मेरी गांड, तो में और भी जल्दी तेज गति से धक्के देकर उसकी गांड मारने लगा। फिर करीब बीस मिनट तक मैंने उसकी गांड मारी और अब में झड़ने वाला था, लेकिन में रुका नहीं और उसकी गांड के अंदर ही अपना सारा रस गिरा दिया और थोड़ा रस उसकी गांड की माँग में गिराया। अब उसकी गांड से मेरा सफेद रस निकल रहा था और उसकी सेक्सी जाँघ पर टपक रहा था। फिर में थककर उसके बूब्स को चूसते हुए लेट गया, कुछ देर के बाद वो मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड को चाट चाटकर साफ करने लगी। फिर मैंने उसकी नाक और कान में भी अपना वीर्य गिरा दिया, शिवानी भी उस रात को कई बार झड़ चुकी थी।
फिर मैंने उसके रस को पीकर अपनी प्यास बुझाई और अब देखा कि रात के तीन बज रहे थे, उसका बच्चा उठकर रो रहा था। अब उसने नंगी हालत में उसकी चूत गांड जाँघ मुँह हर जगह से रस ही रस टपक रहा था, अपने बच्चे को दूध पिलाया और मैंने भी उसके बच्चे के सामने ही उसका दूध पीया, सच में मज़ा आ गया था। फिर यह सिलसिला रोज चलने लगा, मेरे सपनों की मलिका मेरी मामी शिवानी रंडी मेरे पास नंगी होकर हर दिन मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी। दोस्तों वो भी क्या हसीन दो सप्ताह थे? मैंने शिवानी के हर एक छेद को अपने लंड से चोदा था, उसकी गांड तो फूलकर सूज चुकी थी। फिर हम दोनों ने एक बार बाथरूम में भी सेक्स के मज़े लिए ।।
धन्यवाद …