मेरी उम्र 26 साल की हो चुकी हे और दोस्तों ये सेक्स कहानी आज से करीब 2 साल पहले की हे जब मेरी शादी हिना से पक्की हुई थी. आज मैं एक शादीसुदा हूँ और मुझे दो चूत मिली हुई हे चोदने के लिए. अब आप सोच रहे होंगे की लोगों को तो शादी के बाद एक ही चूत मिलती हे फिर मुझे भला दो कैसे मिली.
तो दोस्तों ये सब जानने के लिए आप मेरी इस सेक्स कहानी को पढ़े. मैं आप को भरोसा दिलाता हूँ की आप मेरी ये कहानी पढने का मजा लेंगे और ये स्टोरी आप के लंड का पानी भी निकाल देगी. तो चलिए अब मैं आप का टाइम खराब ना करते हुए सीधे कहानी पर ले चलू आप को.
दोस्तों मेरा नाम कपिल हे और मेरे लंड का साइज़ eight इंच लम्बाई और Three इंच मोटाई हे. मेरा लंड किसी भी चूत के चीथड़े उड़ाने के लिए काफी हे. जब मेरी शादी फिक्स हुई तब मैं 24 साल का था. मेरी वाइफ दिखने में काफी दुन्द्र थी और उस से भी ज्यादा सुंदर मेरी सासू माँ थी. शादी के बाद मैं उन्हें खूब पसंद करने लगा था.
मेरी सासू माँ दिखने में एकदम कयामत थी और उसे देखने से ही पता चलता था की उसके अन्दर भी सेक्स खूब भरा हुआ था. उनका जिस्म ऐसा लगता था मानो भगवान् ने उन्हें फुर्सत से बैठ कर बनाया हो. उनकी उम्र करीब 36 साल की थी पर वो दिखने में मेरी 18 साल की वाइफ से भी सेक्सी और हॉट लगती थी. मेरी वाइफ के अलावा उन्के तिन बच्चे और भी हे. पर उन्हें देख कर कोई नहीं कह सकता था की वो four बच्चो की माँ थी.
मेरी सासु माँ ऐसी लगती थी की जैसे मेरी वाइफ की बड़ी बहन हो. जब मेरा उनकी बेटी के साथ रिश्ता पक्का हुआ तो मुझे किसी ने कहा था बेटा तेरी तो लोटरी ही लग गई हे सच में बहुत किस्मत वाला हे. तुझे आज समझ में नहीं आएगा लेकिन मेरी बात एक दिन याद कर के तू खुश होगा.
ना जाने मुझे ये बात किसने कही थी पर हाँ ये बात उसने एकदम ही सही कही थी. आज मैं उस इंसान को ढूंढ रहा हूँ ताकि उसे थेंक्स कह सकूँ!
मेरी शादी से पहले से ही मेरी सासू माँ का मेरे घर आना जाना था. उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मेरी नजर हमेशा ही उन्के टाईट बूब्स के ऊपर रहती थी. दिल करता था की उन्के दोनों बूब्स को पकड़ कर दबा लूँ. दोनों बूब्स को एक साथ मुहं में लेकर अच्छे से चूस लूँ.
मेरे ससुर दिखने में काफी कमजोर इंसान हे. और उमर जब वो 30 साल के थे तभी उनका एक ऐसा एक्सीडेंट हुआ जिसके बाद उन्के बहुत सब हेवी काम बंद हो गए जिसके अन्दर सेक्स भी था.
मैं शादी के बाद अपने ससुराल आने जाने लगा था. अब वो भी मेरा घर बन चूका था. एक दिन मैंने अपनी ऑफिस से छुट्टी ले ली. और सोचा की आज किसी को बिना बताये हुए ही अपने ससुराल चला जाऊं.
मैं सुबह के 10:30 बजे वहां पहुंचा तब तक मेरे ससुर जी अपनी ऑफिस जा चुके थे. और मेरी दोनों साल़िया और साला भी स्कुल और कोलेज के लिए निकल चुके थे.
सासू माँ मेरे सामने ही खड़ी थी और मैंने बिना कुछ सोचे समझे अपने लंड को उन्के सामने ही खुजा लिया ताकि उनका ध्यान वहां पर जाए. मेरे तम्बू को सासू माँ ने देखा. वो मुझे देख के हंस के बोली: अरे आओ बेटा आज सुबह सुबह कैसे घर में सब ठीक हे ना?
मैं: अरे हां सासू माँ सब कुछ ठीक हे. मैं तो ऐसे ही यहाँ से जा रहा था तो सोचा की आप से मिलता चलूँ.
सास: अच्छा बेटा ठीक हे अच्छा तुम बैठो मैं जरा नाहा कर आती हूँ. और फिर मैं अपने दामाद की सेवा करती हूँ.
मैं: ठीक हे माँ जी.
और फिर मैंने ये कहते ही मैंने न्यूजपेपर को निचे गिरा दिया और उसे उठाने लगा. इसी बहाने से मैंने उसकी चिकनी टाँगे देख ली और वो अब बाथरूम में जा रही थी. मेरी नजर उनके हिलते हुए चूतड़ के ऊपर ही थी.
सासू माँ बाथरूम के दरवाजे के ऊपर पहुँच कर फिर से पीछे मूड गई और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली: बेटा सब ठीक तो हे ना अगर तुम्हे कुछ चाहिए तो बिना पूछे ले लेना, ओके?
मैं: हां माँ ही मुझे कोई दिक्कत नहीं हे मुझे जो चाहिए तो मैं खुद ही ले लूँगा.
मेरी बात सुनकर वो अन्दर चली गई. कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करी और बेडरूम में जा कर बाथरूम के पास आ गया. मैंने देखा की बाथरूम का दरवाजा थोडा सा खुला हे और अन्दर से शावर चलने की आवाज आ रही हे.
मैंने थोड़ी और हिम्मत करी और बाथरूम का दरवाजा अन्दर की तरफ थोडा सा और धकेल दिया. जिस से मुझे सामने वाले मिरर में सब कुछ दिखने लगा था. ये सब देख कर तो मेरा लंड पेंट को फाड़नेवाला था. अन्दर सासू माँ टॉयलेट सिट पर बैठी हुई थी और अपनी चूत के ऊपर साबुन लगा रही थी और छेद में उंगलिया डाल के झाग कर रही थी. साथ में वो अपने होंठो को दांतों से कुचलते हुए बूब्स से भी खेल रही थी.
ये सब देखकर अब मुझसे रहा नहीं गया. मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए और सीधा पूरा नंगा हो के बाथरूम में घुस गया. सासू ने मुझे पूरा नंगा देखा पर उसे जैसे कोई शॉक तक नहीं हुआ. अब मैं समझ गया था की मेरी सासू माँ मुझ से यही चाहती थी.
वो मेरे पास कड़ी हो गई और मेरे लंड को देख के बोली: हाय राम बाप रे ये कितना मोटा और बड़ा हे किसी की भी फाड़ देगा. बेटा आज तो तूने मेरी चूत में अपना लंड डालना ही हे ये चूत में जाने के लिए कब से प्यासा लग रहा हे. मेरी बेटी चोदने नहीं देती हे क्या?
मैं: बेटी को तो रोज चोदता हु और गांड भी मारता हूँ लेकिन मेरा मन तो आप को चोदने का था इसलिए मैं यहाँ आ गया.
सास: जमाई जी मैं हमेशा आप की सेवा करती हूँ, आज आप इस बड़े लोडे से मेरी चूत की थोड़ी सेवा कर दो!
मैं: सासु माँ जब आप मेरे घर पर आती थी तब से मैं आप को देख कर मुठ मारता था. कोई नहीं कह सकता की आप मेरी वाइफ की माँ हो. सब कहते ही की वो आप की छोटी बहन हे. और आप को देखकर ऐसा लगता हे की अभी जवानी ने आप का साथ नहीं छोड़ा. टाइम के साथ साथ आप और भी जवान होती जा रही हे और दीन प्रतिदिन में आप के अन्दर का सेक्स भी बढ़ता जा रहा हे. मेरे दोस्त लोग भी आप के सेक्सी बदन को देख कर मुठ मारते हे.
सास” हां बेटा तेरे ससुर से तो पहले से ही कुछ नहीं होता था और ऊपर से उनका एक्सीडेंट हो गया जिस से वो कुछ काम के ही नहीं बचे. बहुत सालो से मैं अपनी चूत को ऊँगली से मुली से और सेक्स के खिलोनो से हिला के शांत करती हूँ. लेकिन लंड तो लंड होता हे, उसके बिना भला चूत की प्यास शांत हो सकती हे क्या. पर अब मुझे कोई टेंशन नहीं हे क्यूंकि मेरा दामाद बेटे का लंड अब मुझे खूब चोदेगा और मेरी चूत की आग को शांत कर देगा.
मैं: हाँ अब आप को किसी मुली, बेगन, खीरे से अपनी चूत को खुजाने की जरूरत नहीं हे. मेरा लंड ही काफी हे आप की चूत के लिए. अगर आप पहले ही मुझे कह द्देती तो मैं पहले से ही आप को चोदने लगता.
फिर मेरी सासू माँ ने झट से मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे हिलाते हुए बोली: बेटा तेरा लंड तो सच में बहोत तगड़ा हे बहोत ही अच्छी किस्मत वाली हे मेरी बेटी जो उसे ऐसा लंड मिला हे. और मेरी भी किस्मत सच में बड़ी अच्छी हे की तुम आज इस लंड को मुझे दे रहे हो.
फिर मैंने सासू माँ को पकड़ा और उन्के होंठो को चूसने लग गया. और साथ ही मैं अपनी जीभ को उन्के मुहं में डाल दी और वो उसे चूसने लगी. फिर मैंने अच्छे से उन्के होंठो को चुसे और और फिर अपनी जीभ से उन्के दोनों को चाटा और अपनी जीभ से उनकी जीभ को बहार निकाला और उनकी गुलाबी जीभ को अपने मुहं में लेकर मस्ती से चूसा.
सासू माँ: अरे वाह मजा आ गया किस करने में ही, ये सब तुमने कहा से सिखा दामाद जी?
मैं: अरे सासु माँ इंग्लिश की सेक्स मूवी में ऐसे ही किस करते हे हीरो हिरोइन.
और ये कहते ही मैंने उन्के दोनों बूब्स पकड लिए और जोर जोर से उन्हें चूसने लग गया. सासू माँ के मुहं से जोर जोर की सिस्कारियां निकल पड़ी और वो मोअन करने लगी. सासु माँ पूरी मस्त हो गई और ना जाने मस्ती में वो क्या क्या बडबड भी करने लगी थी. अह्ह्ह्ह अह्ह्ह वाह बेटा आज तो मजा ही आ गया. आज तक ऐसे मुझे किसी ने प्यार दिया और तेरे ससुर ने तो ऐसा किया ही नहीं कभी. मुझे प्यार करो दामाद जी और मुझे जोर जोर से चुसो.
करीब 20 मिनिट मैंने सासु माँ के बूब्स और होंठो को अच्छे से चूसा और फिर सासु माँ बोली: बेटा अब बस करो कितना तडपाओगे अपनी सासू माँ को अब अपना लंड मेरी चूत में डालो और फाड़ दो डाली को अपने लंड से.
ये सुनते ही मैंने अपना लंड सासू माँ की चूत पर रखा और मैंने सासु माँ को अपने साइन से लगा लिया. सासू माँ ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा हुआ था. और जैसे ही मैंने अपना लंड करीब 2 इंच उनकी चूत में डाला तो उन्के मुहं से सिस्कारियां निकल पड़ी और वो बोली: आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उईइ माँ इतना बड़ा लंड हे ये तो आज फाड़ ही देगा मेरी चूत को!
मैं: सासू माँ आप की चूत तो सच में बहुत ही टाईट हे आप आज से पहले चुदी नहीं क्या?
मैने ऐसे ही सासू माँ को बातों में लगाकर रखा और फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. उन्के मुह से जोर जोर से आह्ह्ह अह्ह्ह निकली और मेरे मोढ़े पर उन्होंने अपने दांत गड़ा दिए और फिर वो बोली, मुझे काफी सालो से कोई चोदने के लिए मिला ही नहीं इसलिए मेरी चूत की फांक फिर से टाईट हो गई थी. आज तुम्हारा लंड ले के बहुत मजा आ रहा हे बेटा.
कुछ ही देर बाद जब सासु माँ पूरी गरम हो गई और अब वो मस्ती से मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अन्दर लेने लग गई. सासु माँ मेरे जिस्म को जोर जोर से अपने दांतों से काट रही थी और पूरी मस्ती से इम्रे लैंड को अपनी चूत की गहराइयों में ले रही थी. आज सच में मुझे अपने लंड पर नाज हो रहा था. और इसी से मेरी सासू माँ की चूत की प्यास शांत हो रही थी.
कुछ देर वही चोदने के बाद फिर मैं उन्हें कमरे में ले गया. और फिर वहां पर अच्छे से चोदा. चोद चोद के मैंने सासू माँ को उसकी जवानी याद करवा दी. उसने भी अपने चूतड़ उठा उठा के ऐसे लंड लिया की मुझे भी मजा आ गया.
उसके बाद सासु माँ ने मेरे लिए मस्त लंच बनाया और अपन हाथ से खिलाया भी. खाने के बाद उसने लस्सी बनाई हम दोनों के लिए. मैंने ग्लास में लंड डाल के लस्सी वाला किया और उसे लंड से लस्सी चटाई. मैंने भी ठीक वैसे ही लस्सी को पी थी. उसकी चूत के ऊपर डाल डाल के एक एक घोंट को पिया था मैंने.
फिर सास को मैंने सोफे के पास खड़े हो के खड़े हुए चोदा और वही पर उसी पोज में उसकी गांड भी मारी. सासु माँ ने कन्फेस किया की वो सच में मेरा लंड गांड में भी लेना ही चाहती थी. शाम को ससुर के आने तक हमने 7 बार चोद लिया था और थक के चूर हो चुके थे. फिर मैं शाम को ससुर जी से मिल के अपने घर आ गया.
अब मेरे पास दो चूत हे. एक मेरी बीवी की और एक मेरी इस हॉट सास की.