भैया के ऑफिस की लड़की को चोदा

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मेरा नाम राहुल है मैं बी.ए  कर रहा हूं, मेरा यह आखरी वर्ष है और मेरी उम्र 22 वर्ष है। मेरे पिताजी का अपना एक छोटा सा कारोबार है और वह उसे ही चला रहे हैं, उन्हें वह कारोबार करते हुए काफी समय हो चुका है। मेरी माता घर का काम संभालती हैं। मेरे बड़े भैया का नाम गौरव है वह एक कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्हें वहां नौकरी करते हुए काफी समय हो चुका है लेकिन वह अपनी नौकरी से परेशान हैं क्योंकि उन्हें समय पर उस कंपनी से सैलरी नहीं मिल पाती है इसलिए वह बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं लेकिन उसके बावजूद भी वह उसी कंपनी में काम कर रहे हैं।

मेरे पिताजी ने कई बार उन्हें समझाया कि तुम्हें वह कंपनी छोड़ देनी चाहिए यदि वह लोग तुम्हें समय पर पैसा नहीं दे रहे हैं तो तुम्हें वहां से नौकरी छोड़ देनी चाहिए परंतु मेरे भैया अभी भी वहीं पर नौकरी कर रहे हैं और वह कहते हैं कि मुझे किसी दूसरी जगह पर नौकरी नहीं मिल रही इसलिए मुझे मजबूरी में वहां नौकरी करनी पड़ रही है। मेरे पिताजी एक बहुत ही समझदार व्यक्ति हैं और वह बहुत ही सुलझे हुए हैं, उन्होंने मेरे भैया से कहा कि यदि तुम वह नौकरी छोड़ दो तो मैं तुम्हारे लिए कुछ और काम खोल दूं लेकिन मेरे भैया कहते हैं कि मुझे नौकरी ही करनी है, अभी फिलहाल मैंने इस बारे में कुछ भी निर्णय नहीं लिया है कि मैं अपना कोई काम कर लूं या किस तरीके से अपने जीवन को जियूँ। वह अपनी परेशानी में ही अपने ऑफिस जाते हैं और ऑफिस से घर आते हैं। उनकी मुझसे बहुत कम ही बात हो पाती है क्योंकि जब वह ऑफिस से लौटते हैं तो उस वक्त वह बहुत थके होते हैं और मुझसे कम ही बात करते हैं। उनका नेचर बहुत ही अच्छा है, वह जिस प्रकार से सब लोगों से बात करते हैं मुझे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वह बहुत ही शांत स्वभाव के हैं और बड़े ही धीमी आवाज में वह सबसे बात करते हैं। मेरे पिताजी ने कई बार मेरे भैया से कहा की अपना ही कोई काम देख लो परंतु वह अपने ऑफिस के ही चक्कर में पड़े हैं।

मैंने भी उन्हें कई बार इस बारे में समझाया था लेकिन वह ना जाने क्यों उस ऑफिस में काम कर रहे हैं। मेरे भैया के पुराने दोस्तों हमारे घर पर आते हैं, मैं उन सबसे अच्छे से परिचित हूं क्योंकि वह पहले से ही हमारे घर पर आते हैं। उनके दोस्तों ने अपने ही कारोबार खोले हैं और वह उन पर ही ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने भी कई बार भैया से कहा लेकिन वह किसी की मदद नहीं लेना चाहते और कहते हैं कि मैं अपने हिसाब से ही अपना काम खुद ही कर लूंगा। वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति हैं इसलिए वह किसी की मदद भी नहीं लेना चाहते। एक बार मैं अपने कॉलेज जा रहा था तो मेरे भैया ने कहा कि आज मेरी बाइक खराब है तो तुम मुझे मेरे ऑफिस छोड़ देना और वहां से अपने कॉलेज के लिए चले जाना, मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं आपको आपके ऑफिस छोड़ते हुए अपने कॉलेज निकल जाऊंगा। मैंने उन्हें उनके ऑफिस में छोड़ दिया और जब मैं उनके ऑफिस के बाहर पहुंचा तो वहां पर उनके ऑफिस के लोग खड़े थे, मेरे भैया ने उन लोगों से मेरा इंट्रोडक्शन करवा दिया। उनमें से एक लड़की का नाम अंजली है, उसने कुछ दिनों पहले ही भैया के ऑफिस में ज्वाइन किया था। मुझे वह बहुत ही अच्छी लगी लेकिन उस दिन मेरी उससे ज्यादा बात नहीं हो पाई। मेरे भैया को मैंने कहा कि मैं कॉलेज के लिए जा रहा हूं क्योंकि मुझे देर हो रही है और उसके बाद मैं अपने कॉलेज चला गया। जब मैं अपने कॉलेज गया तो उस दिन मेरे दोस्त मुझे कहने लगे कि आज हम लोग कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं यदि तुम भी हमारे साथ चलना चाहते हो तो तुम भी चल सकते हो। मैंने उन्हें कहा कि तुम लोग कहां जा रहे हो, वह कहने लगे कि हम लोगों ने पैसे जमा किए हैं और हम लोगों आज मूवी देखने के लिए जाएंगे, उसके बाद साथ में ही हम लोग लंच करने वाले हैं। जब उन्होंने यह कहा तो मैंने उन्हें कहा कि ठीक है मैं भी तुम्हारे साथ चल लेता हूं क्योंकि उन्होंने वह प्लान अचानक से बनाया था, मुझे इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी परंतु मैं भी काफी समय से कहीं घूमने नहीं गया था इसलिए मैं भी अपने दोस्तों के साथ चला गया।

जब मैं अपने दोस्तों के साथ गया तो उस दिन हम लोगों ने जमकर मस्ती की क्योंकि वह हमारे कॉलेज का आखरी वर्ष था और इसके बाद कोई भी नहीं मिलने वाला था, सब लोग या तो नौकरी करते या फिर अपना ही कुछ काम करते इसीलिए उस दिन सब लोग जमकर मस्ती कर रहे थे और मुझे भी अपने दोस्तों के साथ बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने अपने दोस्तों के साथ उस दिन बहुत सारी फोटोए ले ली ताकि वह यादगार रहे। हम लोगों ने मूवी देखी और उसके बाद हम लोगों ने साथ में ही लंच किया। अब हम लोग अपने घर चले गए। जब मैं घर पहुंचा तो मेरे भैया ने मुझे फोन किया और कहने लगे कि तुम मुझे ऑफिस से रिसीव कर लो, मैं उन्हें लेने के लिए ऑफिस चला गया। जब मैं उन्हें ऑफिस लेने के लिए गया तो मुझे अंजली भी दिखाई दी, मैंने अंजलि से भी बात की और कुछ देर हम लोगों ने आपस में बात की। वह मुझसे पूछने लगी कि तुम क्या कर रहे हो, मैंने उसे बताया कि मैं कॉलेज में पढ़ रहा हूं और यह मेरा आखरी वर्ष है। उससे मेरी बहुत अच्छी बात हुई और हम लोगों ने काफी देर बाद की, उसके बाद मै और मेरे भैया घर आ गए। जब हम लोग घर आए तो मैंने अपने भैया से पूछा कि अंजली के घर में कौन-कौन है और वह कितने समय से आपके साथ काम कर रही है, भैया कहने लगे कि वह ज्यादा समय से तो काम नहीं कर रही और उसके घर में उसके दो बड़े भैया हैं।

अब मेरे भैया फ्रेश होने के लिए चले गए और मैं अपने रूम में ही बैठा हुआ था। मैं अपने रूम में बैठकर ही अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था, तभी ना जाने मेरे दिमाग में क्या बात आई मैंने अपने सोशल अकाउंट को खोल दिया और मैं उसमें अपने भैया की प्रोफाइल देख रहा था। मैंने वह प्रोफाइल देखते देखते उसमें अंजली को भी देख लिया और मैंने अंजलि को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। जब मैंने उसे रिक्वेस्ट भेजी तो उसने वह दो दिन बाद एक्सेप्ट करी और फिर मैंने उसे हाय लिख कर भेज दिया, उसने भी मुझसे रिप्लाई में बात करनी शुरू कर दी। वह मुझे कहने लगी कि तुम गौरव के भाई हो, मैंने कहा कि हां मैं गौरव का भाई हूं। अब हम दोनों की काफी बातें होने लगी थी और मैंने उस दिन अंजली से उसका नंबर भी ले लिया। मैंने जब अंजलि का नंबर लिया तो मैंने उसे फोन कर दिया और उसके बाद अंजलि और मेरी फोन पर बातें होने लगी लेकिन मैं उससे मिल नहीं पाया था क्योंकि मेरे कॉलेज के एग्जाम थे इसी वजह से मेरी मुलाकात अंजली से नहीं हो पाई थी। मैं सोच रहा था कि जैसे ही मेरे एग्जाम खत्म होंगे वैसे ही मैं अंजलि से मिलूंगा। मैं उससे हमेशा ही बात करता था और उससे जिस दिन मैं बात नहीं करता उस दिन मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, मुझे ऐसा लगता कि जैसे वह मेरे दिनचर्या का एक अहम हिस्सा है इसलिए मैं उसे हमेशा ही बात करता था और वह भी अब मुझसे बिना बात करे हुए नहीं रह सकती थी, यदि कभी मैं उसे फोन नहीं करता तो वह मुझे फोन कर दिया करती थी। वह मुझसे हमेशा ही पूछती कि तुम्हारे पेपर कैसे हो रहे हैं, मैं उसे बोलता की पेपर तो अच्छे ही हो रहे है। अंजली और मेरे बीच में काफी बातें होने लगी थी और वह मुझे कहने लगी कि तुम मुझे कब मिलोगे, मैंने अंजली से कहा कि मेरे एग्जाम जैसे ही खत्म हो जाएंगे मैं तुमसे मुलाकात कर लूंगा। अब मेरे एग्जाम खत्म हो चुके थे और मैं अंजली से मिलने के लिए उतारू था मैंने जब अंजलि से बात की तो वह मुझसे कहने लगी कि तुम्हारे एग्जाम खत्म हो चुके हैं मैंने उसे कहा कि हां मेरे एग्जाम खत्म हो चुके हैं और यदि तुम्हारे पास वक्त है तो तुम मेरे घर पर ही आ जाना। वह कहने लगी कि तुम्हारे घर पर सब लोग कहां है मैंने कहा कि वह लोग बाहर गए हुए हैं और भैया भी उन्हीं के साथ गए हैं।

अंजली मुझसे कहने लगी तभी गौरव एक दो दिन से ऑफिस नहीं आ रहा अंजली मेरे घर पर आ गई जब अंजली मेरा घर आई तो हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे लेकिन मेरी नजर बार-बार उसके स्तनों पर पढ़ रही थी। मैं जब उसके स्तन को देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। मैं उसके पास जाकर बैठ गया जब मैं उसके पास बैठा तो मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया और मैंने उससे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने अंजली से कहा कि मैं तुमसे मिलने के लिए उतारू था पर मैं तुमसे मिल नहीं पाया यह कहते हुए मैंने उसके नरम और मुलायम होठों को अपने होठों में लेकर चूसने शुरू कर दिया। मैं उसके होठों का बहुत अच्छे से रसपान कर रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था अब वह पूरे मूड में आ गई थी। मैंने जब उसके कपड़े उतारे तो उसका बदन बहुत ही मुलायम था मैंने उसके शरीर को चाटना शुरू कर दिया और उसके शरीर को ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा चाट दिया जिससे की उसकी योनि भी गीली हो चुकी थी। कुछ देर तक उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसा और जब मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए अपने लंड को उसकी योनि में डाला तो वह चिल्ला उठी और पूरे मूड में आ गई। जब मैं उसे धक्के मार रहा था तो वह बड़ी तेज सिसकियां ले रही थी मैंने उसे बहुत तेज तेज धक्के मारे लेकिन मुझे नहीं पता था कि उसकी चूत इतनी टाइट है। उसकी योनि से खून भी निकलने लगा था मैं उसे बड़ी तेज झटके दिए जा रहा था। मैं उसकी योनि की गर्मी को ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया और जब मेरा वीर्य पतन उसकी योनि में हो गया तो मैं उसे पकड़कर सो गया मैंने पूरी रात उसे four बार चोदा।