पड़ोसन मुझसे चुदना चाहती है

मेरा नाम अनिल है, मैं विवाहित हूँ, मेरी पत्नी का नाम पूनम है, हम भोपाल में रहते हैं। यह अब से कोई Four साल पहले की बात है, मेरी शादी को डेढ़ साल हुआ था, हमारी ख्वाहिश थी कि three साल के बाद बच्चा होना चाहिये, इस वजह से मेरी कोई औलाद नहीं थी, मेरी बहुत अच्छी जॉब थी हम बहुत खुश थे। हम लोग अपने मामा जी के मकान में रहते हैं, हमारे मकान के सामने भी एक मकान है जिसमें 34-35 वर्षीय पाण्डेय जी अपनी 30 वर्षीय पत्नी और एक 5 वर्षीय बेटे के साथ उस मकान में रहते है, वह एक प्राईवेट बैन्क में मैंनेजर हैं और जमीन का काम करते हैं। पाण्डेय जी की बीवी को मैं भाभी जी कहता हूँ।

अब से Four माह पहले तक मेरी जॉब बहुत अच्छी चल रही थी पर Four माह पहले एक केस में मुझे सस्पेन्ड कर दिया गया जिसकी वजह से घर में माली परेशानी शुरू हो गई थी, कभी कभार जरूरत पड़ने पर मैं पाण्डेय जी से लेनदेन कर लेता था।

एक दिन दोपहर के वक्त जरूरत के तहत मैंने पाण्डेय जी से One thousand रुपये उधार मांगे तो पाण्डेय जी ने कहा- तुम्हारी भाभी आ जाये, उनसे लेकर देता हूँ।

मैंने कहा- ठीक है।

इत्फ़ाक पाण्डेय जी को अपने भाई के घर 2 दिन के लिये सतना जाना पड़ा, जाते हुए उन्होंने मुझे बताया- तुम्हारी भाभी को मैंने कह दिया है वह तुम्हें पैसे दे देगी।

मैंने कहा- अच्छा !

मैं अपने घर आ गया, शाम 7 बजे दरवाजे पर घण्टी बजने पर दरवाजा खोला तो सामने भाभी जी खड़ी थी, मैंने नमस्ते की और अन्दर आने को कहा तो उन्होंने कहा- नहीं, अभी नहीं, फिर किसी दिन तुम्हारे घर आऊँगी।

और यह कह कर अपने पर्स से One thousand रुपये निकाल कर मेरे हाथ में थमा दिए। रुपये थमाते हुए मेरे हाथ को हल्के से दबाया और सहलाते हुए कहने लगीं- कभी भी जरूरत हो तो मुझे बता देना।

मैंने कहा- जी अच्छा !

और वो चली गईं। उनकी इस हरकत पर मेरे जिस्म में एक बिजली सी दौड़ गई, मैं समझा कि शायद पहली बार किसी गैर ने मेरा हाथ पकड़ा है, इसलिये ऐसा हुआ।

एक दिन शाम को उनका बेटा आकर बोला- मम्मी ने आपको बुलाया है, आपकी जॉब के बारे में बात करने के लिये !

मैंने कहा- ठीक है, मैं आ रहा हूँ।

रात Eight बजे मैं भाभी जी से मिलने उनके घर गया तो पता चला कि आज पाण्डेय जी देर रात आने वाले हैं और उनका बेटा भी सो गया था। भाभी जी ने उस समय शरीर से चिपकी हुई मैक्सी पहनी हुई थी।

भाभी जी ने अपने स्टडी रूम में मुझे अपने पास बैठाया, वो कम्प्यूटर में कुछ देख रहीं थी।

उन्होंने मुझसे मेरे आफ़िस की डिटेएल पूछी तो मैंने बताया, उस पर उन्होंने कहा कि उनकी मेरे आफ़िस के डायरेक्टर जनरल से जान पहचान है, वो उनसे कह कर मसला हल करवा देंगी।

मैंने कहा- अच्छा !

कुछ देर तक घर के खर्च की बातें करने के बाद मैंने इजाजत चाही तो वो ‘एक मिनट’ कह कर कमरे से बाहर चली गईं, मैंने कम्प्यूटर की तरफ़ देखा तो स्क्रीन पर बड़ा सेक्सी मन्जर चल रहा था, उस मन्जर में एक काला आदमी एक गोरी औरत की चुदाई कर रहा था, मैं उस मन्जर में ऐसा खोया कि पता ही नही चला कि कब भाभी जी मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई।

जब आदमी डिस्चार्ज हो गया, भाभी जी ने पीछे से बोली- तुम्हें पसन्द आई?

मैं चौंक कर पलटा और शर्म से सिर नीचे कर लिया, मैं वहाँ से भागना चाहता था लेकिन मेरे रास्ते में भाभी जी खड़ी थी, उन्होंने मेरी यह हालत देखी तो कहा- अगर तुम्हें मैं जॉब दिलाने में मदद करूँ तो, क्या तुम्हारी माली हालत ठीक हो सकती है?

मैं बोला- हाँ, मुझे जॉब की बहुत जरूरत है, नहीं तो परेशानी बढ़ जायेगी और मुझे वापस गाँव जाना पड़ेगा।

तब भाभी जी अपने दोनों हाथ सामने से मेरे कन्धे में रखते हुये कहा- मैं तुम्हें जॉब दिलवा सकती हूँ, किन्तु तुम्हें मेरी बात को मानना होगा।

तभी मैं उनकी नीयत समझ गया कि क्यों ये मेरी मदद करना चाहती हैं, हालाँकि मैं भी यह सब करना चाहता था और मेरे लन्ड में भी तनाव आ चुका था लेकिन मैं अपनी पत्नी के बारे में सोचने लगा क्योंकि मैं अपनी पत्नी को बहुत चाहता हूँ, वह मेरा हमेशा सहयोग करती है, कभी भी उसने यह नहीं कहा कि तुम कुछ भी करो पर पैसे लेकर आओ, हमेशा मुझे यही कहती थी कि रात के बाद दिन आता है एक दिन सब कुछ अच्छा हो जायेगा। और सेक्स करने में भी बहुत मजा देती है क्योंकि उसकी उम्र अभी 26 साल और मेरी 27 साल है, उसके चूचे उसके शरीर के हिसाब से काफ़ी बड़े साईज के हैं और चूतड़ों की तो बात ही निराली है क्या भरे भरे और गोल मटोल चूतड़ है मेरे बीवी के।