ननद का बदन भाभी की चूत

प्रिय दोस्तो, आप सबका प्यार हर बार मुझे अपनी एक दास्तान सुनाने के लिए आप के पास खींच लाता है। हर बार चूत का रसिया आपका दोस्त राज शर्मा आपको अपनी कहानी बताने के लिए बेकरार हो जाता है।

आज का किस्सा बिलकुल ताज़ा है।

कहानी की अंतिम पंक्ति कल ही घटित हुई है। वैसे कहानी की शुरुआत आज से लगभग तीन महीने पहले शुरू हुई थी।

हुआ कुछ यूँ था कि…

नीलम नाम था उसका, हमारे पड़ोस में ही उसका परिवार किराए पर रहने के लिए आया था।

मैं वैसे तो ज्यादा समय अपने काम में ही व्यस्त रहता था पर उस दिन शायद एक नई चूत का मेरी जिन्दगी में आगमन होना था।

मैं सुबह के लगभग दस बजे नहा कर सूर्य को जल चढ़ाने के लिए अपने मकान की छत पर गया। जल चढ़ाने के बाद जैसे ही मैंने वापिस नीचे आने के लिए मुड़ा तो मेरी नजर अकस्मात् ही पड़ोस के घर की तरफ चली गई, वहाँ हो रही हलचल ने मेरा ध्यान खींच लिया था।

मैंने थोड़ा आगे जाकर देखा तो लंड महाराज ने एकदम से करवट ली।

नीलम, लगभग अठारह उन्नीस साल की एक जवान और खूबसूरत लड़की बिल्कुल नंगी होकर बाथरूम में बैठी नहाने की तैयारी कर रही थी।

हमारे मकान की पिछली तरफ था वो मकान और उसके पीछे के हिस्से में ही उसके बाथरूम और टॉयलेट थे। क्यूंकि वो नए नए आये थे तो उन्हें नहीं पता था कि मेरे घर की छत से उनके बाथरूम का नजारा स्पष्ट नजर आता है।

नंगी जवान लड़की देख कर किस कमबख्त का ईमान नहीं डोल जाएगा! फिर मैं तो ठहरा चूत का रसिया!

लंड ने करवट ली तो पाँव वही जम गए, नीलम की पीठ थी मेरी तरफ, मस्त गोरी गोरी गांड के दर्शन हो रहे थे, बार बार मन कर रहा था कि यह यौवना पलट जाए और इसके आगे का नजारा भी देखा जाए।

और फिर जैसे उसने मेरे मन की बात सुन ली, उसने अपने आगे रखी पानी की बाल्टी उठाई और खुद घूम कर बैठ गई, उसकी गोरी गोरी संतरे के आकार की चूचियाँ देखते ही मेरे लंड ने बगावत कर दी और वो अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को उतावला होने लगा था।

कपड़े धोते हुए जब वो हिल रही थी तो उसकी हिलती चूचियाँ कयामत लग रही थी, उसकी टांगों के बीच भूरे रंग की झांटों का झुरमुट नजर आ रहा था।

मैं काम पर जाना भूल कर बस उसके सेक्सी बदन का आँखों से रसपान कर रहा था।

तभी मेरे घर के अन्दर से किसी ने मुझे आवाज दी।

यही गलती हो गई कि मैंने भी जवाब में जोर से बोल दिया ‘अभी आया!’

मेरी आवाज सुनते ही नीलम की नजर मुझ पर पड़ी और उसने हड़बड़ा कर बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।

यह देख कर कि नीलम ने मुझे देख लिया है मैं भी थोड़ा सकपका गया और जल्दी से वहाँ से नीचे भागा।

उस दिन से मेरा यह हर रोज का काम हो गया पर वो दुबारा मुझे नंगी नजर नहीं आई। जब भी उसकी मेरी आँखें मिलती, वो शरमा कर अन्दर भाग जाती।

एक हफ्ता ऐसे ही निकल गया।

हफ्ते बाद जब मैं ऊपर गया तो मुझे नीलम तो नजर नहीं आई पर लगभग तीस साल की भरे भरे शरीर वाली एक गोरी गोरी औरत के दर्शन हुए। उसको मैंने पिछले एक हफ्ते में पहली बार देखा था, खूबसूरती के मामले में यह नीलम से इक्कीस ही थी। बड़े बड़े चूचे, मस्त मोटी गांड, तीखे नयन-नक्श… कुल मिला कर मस्त माल थी।

अब मेरा लंड नीलम की चूत के लिए तड़पने लगा था पर कोई जुगाड़ नहीं बन रहा था।

तड़पने का एक कारण यह भी था की बीवी की चूत भी बहुत दिन से नसीब नहीं हुई थी क्यूंकि आपका भाई उसके महीने पहले ही बाप बना था, बीवी ने बेटे को जन्म दिया था, एक महीना यह और लगभग दो महीने बच्चा होने से पहले से ही बीवी की चूत नहीं मार सकता था।

बाहर वाला जुगाड़ चलता था पर घर पर रात को लंड महाराज बहुत परेशान करते थे।

अब पड़ोस में दो मस्त माल थे पर क्या करें, यार समय ही नहीं मिल रहा था सेटिंग करने का।

करीब दस बारह दिन बाद एक दिन मैं घर पर बैठा अपना कुछ काम कर रहा था तो दरवाजे की घंटी बजी।

घर पर उस समय कोई नहीं था और मैं लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था। जब दो तीन बार घंटी बजी तो मैंने उठ कर दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही सामने नीलम खड़ी थी।

मुझे सामने देखते ही वो शरमा गई।

मैंने दो तीन बार पूछा कि ‘क्या काम है?’ पर उसकी आवाज ही नहीं निकल रही थी।मैंने उसका कन्धा पकड़ कर हिलाया तो वो बोली- भाभी से कोई काम था।

मैंने उसको अन्दर आने के लिए कहा तो वो मेरे पीछे पीछे अन्दर आ गई।

आते ही उसने मेरी बीवी के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया कि वो डॉक्टर के यहाँ गई है।

वो दुबारा आने का कह कर वापिस जाने लगी तो मुझे लगा कि मौका हाथ से जा रहा है पर जबरदस्ती भी तो नहीं कर सकता था। और फिर उसके मन की बात भी तो मुझे पता नहीं थी।