घर मेंदू भाई सबसे चुदवाती

प्रेषक: दीपिका

हैलो दोस्तों, मेरा नाम दीपिका है, में सुल्तानपुर की रहने वाली है। आज में आप सभी को मेरी बहन के साथ पहले सेक्स एक्सपीरियंस की स्टोरी बताने जा रही है, जो कुछ महीने पहले हुआ था। अब में आप ज्यादा बोर ना कर रही सीआईडी ​​अपनी स्टोरी पर आती हूं। मेरा नाम दीपिका है, मेरी उम्र 24 साल है और में दिखने में बिल्कुल अमीशा पटेल की तरह, मेरी हाइट 5 फुट 2 इंच और वजन चालीस आठ किलोग्राम है, मेरा फिगर साईज 36-26-36 है। यह बात तीन महीने पहले की है, जब मेरी मामी 1 महीने के लिए मेरे नाना जी के पास गया था। अब घर में मेरी बहन और में ही थे, यह रविवार रात की बात है जब सुल्तानपुर में 24 घंटे से लाइट नहीं आ रही थी और शायद अमावस्या की रात थी, बिल्कुल काली और बादलों से घिरी हुई और बीच-बीच में बादल रहने वाले थे ।

मेरा छोटा भाई भी छुट्टियां मे मम्मी के पास नाना जी के यहां गया था और वो सोमवार को आने वाला था। अब यूँ तो मेरी पत्नी 6 बजे तक घर आ गया है, लेकिन ना जाने क्यों रात के 10 बज रहे थे? और आत्मा का अता पता नहीं था, उनके मोबाइल भी बंद था और मेरी बहुत कोशिश के बाद भी उनके कुछ पता नहीं चल रहा था। फिर मैंने उनके ऑफीस फोन किया, तो वहां भी कोई टेलिफोन नहीं उठा रहा था। अब में परेशान था और मोमबत्ती की जानवी में पढ़ने का मन लगा रहा था, लेकिन बादलों की घरघराहट से मेरा मन बार-बार कांप उठाना था। अब बाहर गज़ब की बरसात हो रही थी और बार-बार बादल डरा रहे थे। अब ग्यारह बजने को थे कि अंचक दरवाजे की घंटी (बेट्रीरी वाली) बजी, तो मैंने खिड़की खोलकर देखा तो दरवाजा पर रिक्शे खड़ा था तो में डर और भगवान से प्रार्थना करना लगी कि रक्षा करना पता नहीं कौन है?

फिर मैंने टॉर्च की जानवी में देखा तो मेरे देश थे और एक रिक्शेकार उन्हें रिक्शे से उतारने की कोशिश कर रहा था। फिर मैं आगे बढ़ने वाला दरवाजा खोला और रिक्शे से अरब को उड़ा, वो बिल्कुल भी कर रहे थे और वो बेहोश थे और उनके शरीर बुखार से रहे थे और उनके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। अब में हैरान था, क्योंकी मेरी खुद को कभी इस हालत में नहीं देखा था। फिर में अरब को अंदर अंदर आया और उसके कमरे में बैठाया और एक-एक कर उनके कपड़े उतारने शुरू किया। फिर मैंने उसका शर्ट और बनियान उतारकर उनके बदन को टावल से रगड़-रगड़कर सुखाया और अचानक से पेंट की चैन खोल दी। अब वो बहुत नशे में थे कि उनको पता है नहीं चल रहा था कि में कर कर रहे थे?

फिर हम चैन खोलने के बाद में उसके पेंट को नीचे उतार दिया, तो मैंने देखा कि उनके अंडरवेयर भी बिल्कुल भी है तो मैं उसको भी उतार दिया, तो मुझे जो देखा देखा मेरे बदन में 880 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और अजीब सी सुरसुरी होने लगी अब जैसे ही में उनके बदन और टांगो को पोछ रही था, तो मेरा हाथ आगे बढ़कर उनके लंड पर चला जाता है, क्योंकि उनके लंड खड़े होने की तरफ बढ़ते हुए और देखते हैं वो पूरे शराब पर आ गया और मेरे सामने तनकर खड़ा हो गया । अब में कभी भी देखने के लिए, जो अभी भी अपने होश में नहीं थे और कभी उनके लंड देख सकते हैं, जो पूर्ण सीधा खड़ा था और खंबे की तरह तनकर खड़ा था। अब मेरा मन ललचाने लगा था और रिश्ते को भूलकर मेरा मन हो रहा था कि में उनके लंड को सकना और लीक करने लग रहा है, लेकिन वो मेरे बाप थे और में उनकी लड़की थी। अब मेरा ऐसा कर पाना संभव नहीं था इसलिए अपने मन को मारने की कोशिश की, लेकिन अंत में सेक्स जीत गया और में उनके लंड को अपने मुंह में ले उसे अंदर बाहर लगी।

अब धीरे-धीरे मेरी अंदर बाहर करने की स्पीड बड़ने लगी थी और देखिए वे देखते हैं 10 मिनट के बाद मुझे लगा कि मेरे मुंह में मेरी अर्थव्यवस्था का वीर्य था, जो करीब 50 ग्राम तो होगा। अब मेरा पूरा मुंह उनके वीर्य से भर गया था और में उनके वीर्य को निगलने लगी था। अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने जिंदगी में पहली बार क़िसी मर्द के वीर्य को देखा और मुंह में लिया था। उनके वीर्य का अजीब सा स्वाद था ना बहुत मीठा ना बहुत तीखा, बिल्कुल बेस्वाद सा था, लेकिन मुझे निगलने में अच्छा लगा तो मैं निगल लिया। अब में पूरी तरह से सफाई करियां वापस कपड़े पहनने लगी थी और इस पूरी प्रतिक्रिया में मेरा क्या हाल था? में आप नीचे बताते हैं। अब मेरे शरीर का एक-एक अंग हिला जा रहा था और मेरे निपल्स बिकुल कड़क थे और मेरी चूत का हाल बुरा था, वो-तपस्या गर्म हो रही थी, लेकिन अब में क्या कर सकता था? पहले अपने बाप को ठीक कर लूँ फिर खुद सुध लूँगी, क्योंकि अब तो का कां भी ढीला पड़ गया था इसलिए चुदने का तो कोई चांस नहीं था।

फिर में धार को पज़मा और ऊपर शर्ट पहनाकर किचन में चली और जल्दी से कुछ खाकर आत्मा के पास आ गया और उनकी देखभाल के लिए उनके पास ही बैठे। फिर लगभग करीब 2 घंटे हो गया होगें की मेरी आँख लग रही थी और में पर पर बेहोश या बेसुध होकर पड़ गया। फिर जब मैं होश हूं, तो वह भी होश आ चुका था और वो कुछ-हो होश में आ रहे थे, लेकिन अब इस हादसे के बाद मेरी हालत खराब थी। फिर मैंने अरब को जगाया और पूछा कि क्या हाल ही है? तो वो धीरे से बोले कि ठीक है और इतना सुनते ही में पल्टी और अपने कमरे की तरफ जाने लगी। तो भूमि ने कहा कि आज इधर ही सो जाओ, तो में में के पास ही लेट गया और एक का हाथ उसके सिर के नीचे रख दिया। फिर थोड़ी ही देर से देखा कि किरण का एक हाथ मेरी खड़ी चूचीओं को सहला रहा था और धीरे-धीरे मसल रहा था।

अब में चुपचाप पड़ी आनंदित हो रही थी और चाहती थी कि क्यों ना आज से चुद घों? क्योंकि आत्मा के मम्मी को छोड़ने के बाद शायद हीसी औरत से संबंध रहे हो और फिर उनके मूसत में मुझे भी आनंद आने लगा था, तो में जमीन की तरफ अपना मुंह कर लेट गया। फिर तेल ने कहा मेरे मुंह पर एक औरदार किस किया और मेरी नाइटी के ऊपर के बटन खोल दिया और सहलाने लगे। अब में धीरे- धीरे सिसकर भर रहा था और मेरे मुंह से आवाज़े आने लगी था उहह जमीन, अहहहपपा मम्म्म, धीरे धीरे से ना ना। फिर तेल ने धीरे-धीरे मेरे बदन को किस करना शुरू किया, तो मेरी हालत और भी खराब होने लगी। अब में सोचने लगी थी कि इतनी प्यास लगाकर मेरी बहन बुझाएगें कैसे? क्योंकि में उनके लंड पहले पहले ही खाली कर रहे हैं। लेकिन मेरे बहन बहुत चतुराई से मेरे बदन को चूम, चाट रहे थे और धीरे-धीरे मेरे जी-स्पॉट पर पहुंचते जा रहे थे। फिर उन्होंने मेरी चूत के पास जाकर चूसना शुरू किया, तो अब मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं है। अब में मन में ही सोच रहा था कि क्या पूरा जिंदगी ही इस तरह बीत जा? जमीन चूमते रह रहे हैं, तो चुमवाती रहूँ।

फिर मेरा एक हाथ अचानक से तेल के लंड पर गए देखा मैंने देखा कि धीरे-धीरे उनके शेर फिर से तैयार हो रहा था। फिर मैंने अपने ऊपर आते हुए मेरी पूरी नाइटी खोल दी और मुझे बिल्कुल नंगा कर मेरी चूत को फैलाने लगे, जिससे उनकी चूत में घुसने की कोशिश कर रही थी और धीरे-धीरे से इंच बाई अंदर अंदर जाने लगा। अब में कोई सोलह साल की थी तो नहीं, जो मेरी चूत में लंड घुसने से बहुत तकलीफ हो और में लंड का स्वाद अपने कई दोस्तों के साथ पूर्ण तरह से चखने था और मर्द कैसे औरत करने के लिए गर्म करता है? वो भी पूर्ण तरह से जान रहा था। लेकिन यहाँ तो मामला ही उल्टा था, यहाँ तो मैं ही अरब को ब्लोजॉब देकर शुरूआत की थी। अब मेरी टाँगे खुली थी और मेरी मेरी चूत के लिप्स खोलकर अपनी लंड घुसपैठ की कोशिश में लगे थे और वो सफल भी हो रहे थे, क्योंकि उग्र का लंड धीरे-धीरे अंदर जा रहा था और में आनंद की प्रतिक्रिया में भाग ले रही थी।

अब मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन बर्दाश्त मुझे यह करना था और में कर भी रही थी और मेरी मेरी चुची बातें मसल रह रही थी और अपने लंड को मेरी चूत में घुसाने की कोशिश में लगे थे। अब में मन ही मन में थैंक यू अरब कह रही थी। लेकिन फिर जब खुद अपना लंड घुमाकर धक्का मारने लगे, तो मुझे दर्द की अनुभूति होने लगी और दर्द भी लगा, अब में हल्के-हल्के चीख रही था ओह, प्लीज धीरे-धीरे करो ना। लेकिन आत्मा पर एक अलग ही जोश था और अब वो अपने स्पीड बढ़ाए जा रहे थे। अब मेरा हाल बुरा था, लेकिन मुझे एक अलग सा मज़ा आ रहा था, जोको क़िसी भी शब्द में लिखा नहीं जा सकता। अब मेरा मेरी चूत के रास्ते मेरे शरीर में घुसने की कोशिश कर रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे हम दो शरीर एक जान है। अब में अकेले मेंचाचार्ज हो गया था, लेकिन उन्हें थे चोदे जा रहे थे।

फिर आखिरी एक बार डिसचार्ज होने के बाद मुझे फिर से आनंद आ रहा है और में चाहती थी कि यह अनुभूति सुबह तक हो रहा है, लेकिन में एक बार फिर उत्तेजित हो गया और डिसचार्ज हो गया। लेकिन इतने में भी होचार्ज हो हो, तो मुझे ऐसा लगाया जाता है जैसे कि कसी गर्म कर कर मेरी चूत में डाल दिया हो। फिर हम एक दूसरे के शरीर पर पड़े रहना और सो कहना। फिर सुबह हुई तो मैंने देखा कि फिर से तैरने में थे, अब उनके लंड पूर्ण तरह से खड़ा था और आवाज़ दे रहा था कि आंस दीपिका फिर से चुदाई का मजा चख लो, तो तैयार तैयार हो गया। अब इस चुदाई के बाद से सोच रहा था कि अब में अपने किसी भी बॉयफ्रेंड से नहीं चुंगाई और किसी चुदकड़ बॉयफ्रेंड से संबंध भी नहीं रखती, क्योंकि जब घर में ही सुरक्षित सेक्स का मज़ा है तो बाहर रिस्क क्यों लेना? फिर दूसरे दिन जब में सो कर उठी तो मैंने देखा कि सुबह के आठ आठ बजे थे और कामवाली बाई भी आने वाला था इसलिए मैं तुरंत उठाने वाली चाय तैयार और अरब को जगाने चली गया।

अब वह जो मेरे ही कमरे में सो रहे थे बिल्कुल नंगे पड़े हुए थे और उनके लंड खड़ा था और पेट को टच कर रहा था। तो मुझे वह शरारती लंड को देखकर हँसी आंख की रातें भी नेहरूमा मचाया था और अब भी सिपाही की तरह तनकर खड़ा है। अब मुझे मेरी चूत में एक बार फिर से सुरसुरी सी होने लगी था, लेकिन कामवाली बाई के आने का टाईम था इसलिए में उठाकर और चाय पिलाकर जैसे ही मूडी। तो आत्मा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसकी लंड की तरफ इशारा कर बोले कि इसे भी देखो, क्या कह रहा है? तो मैंने कहा कि कामवाली बाई आने वाला ही है, आप कपड़े पहनते हैं। लेकिन जमीन की ज़िद थी कि इसको चुप करा जाओ, तो में तेज़ी से उनकी लंड उसकी मुंह में जल्दी जल्दी जल्दी नीचे लगी।

अब अभी तक हम कसी मुंह पर पहुँचे नहीं थे किने में बाहर घंटी बजी। तो मैं अपने कपड़े ठीक कर दिया और बाहर की तरफ और बाहर जाकर देखा, तो मेरा छोटा भाई नया खड़ा था और मुझे देखिए ही वो मेरे गले में बाहें डालकर लिप्त गया। वो कभी-कभी मुझे टीस कर रहा था, लेकिन मैंने कभी उसे उस नज़र से नहीं देखा था, लेकिन आज बात कुछ और था। फिर मैंने उसे किचन में चाय बनाने के लिए कहा और कहा जाकर और जल्दी से तैयार होने के लिए कहा, जिससे उसकी शक न हो। फिर थोड़ी देर के बाद में काम पर चले गए और में भी अपने चुदाई की थकावट मिटाने के लिए फिर से सो गया। अब रात की चुदाई की थकावट से मुझे जल्दी ही नींद आ गया और सपने में खो गया। अब मुझे ऐसा लगाया जाता है कोई हाथ मेरी चुचियां को मसल रहती है, तो धीरे धीरे से करती बदली, तो मेरे भाई ने हड़बड़ा कर अपना हाथ खींच लिया, तो समझ में आया और सोने का नाटक करने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद जब मेरे भाई को लगा की गहरी नींद में हो तो उसने खुद को बाहर निकाला मेरे मुंह में दे दिया और अंदर बाहर कर दिया।

फिर साथ ही उसने टेन्शन में अपनी थोड़ी स्पीड बढ़ई तो मुझे झटका से अपने आँखें खोल दी और वो घबरा गया। लेकिन अब में भी गर्म हो रही थी और मुझे भी दो-दो लंड का स्वाद मिल रहा था इसलिए मैंने कहा कि कोई नहीं में तेरी बड़ा बहन हो और में उसका ध्यान नहीं रखूँगा तो कौन रखेगा? लेकिन मैंने उससे एक वादा लिया की इस बात का पता मामी, अरब को ना लगे। फिर मैं उसके लंड में अपने मुंह में लिया और स्पीड से आगे पीछे कर रहा था। अब मुझे ऐसा लग रहा था उसकी उसकी मोटा मोटा हो रहा है और मेरे मुंह में नहीं मिल रहा है। लेकिन फिर उसके लंड मेरे मुंह में फिट हो गया और उसने कुछ देर के बाद एक ज़ोर से पिककरी छोड़ दिया मेरे मुंह को भर दिया। तो मैंने उसके वीर्य को अपने मुंह में दे भाई की तरफ देखा, तो वोब कि तुम्हारा तो ब्रेकफास्ट हो गया। तो में उसे निगलकर हंसकर बोली कि हाँ भाई अभी यह ब्रेकफास्ट है और दोपहर कोक्स चूत का लंच लूँगी और फिर देर रात को डिनर, आज की डिश तो एक ही रहती है, लेकिन बस समय अलग-अलग रहती है।

अब भाई को कॉलेज जाना था तो में हटा दिया और भाई नहाकर तैयार होने लगा। तो मैंने कहा कि भाई कब आगा? तो उसने कहा कि दीदी वैसे जाने का मन तो नहीं है, लेकिन आज एक्सट्रा क्लास है तो लेट आउंगा। तो में लंच पर आत्मा का इंतजार करना, लेकिन बहन लंच के बहुत पहले ही वापस आ गया। फिर तेल ने मेरी तरफ देखा और बोले कि अरे में ओफीस कहाँ जा पाया, में तो सरफ हवा खाने गया था तो तुरंत वापस लौट आया। अब में सोचने लगी था जो कुछ हुआ क्या हुआ? अब मेरा मन कहता कि नहीं, तो कभी कहता कि चलो सब ठीक है। फिर कुछ देर के बाद में मुझे बेडरूम में बुला लिया और मेरा गाउन खोलकर मेरी चूचीयाँ दबाने लगे। अब मुझे बहुत आनंद आ रहा था और मेरी चूत में खलबली मची हुई थी।

अब वो मेरे बदन को चूम रहे थे कि अचानक से बोले कि क्यों दीपिका तुम्हारी चुची आपकी मन से बहुत बड़ा है? कोई दवाई लेती हो यहाँ हाथ से खींचती, खिंचवाती हो। तो मैंने झूठ किया कि कोई नहीं सब कुछ नैचुरल है कोई दबाई नहीं, कोई खीचा नहीं है। फिर जमीन ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी चूत की फेंके खोलकर देखने लगे, अब वो हल्के-हल्के मेरी चूत को बड़ा कर रहे थे। अब मेरी हालत बहुत ही कम थी मुझे कुछ देर बाद ही प्रेकुं का अहसास लगा हुआ और मेरे बाप के हाथ गीले हो गए और वो अपने हाथ को चाटना लगा। तो मैंने कहा कि जमीन अगर चाटना है तो मेरी प्यारी चूत को चाटो, तो वो तुरंत मेरी चूत पर आयन और में उनके लंड उसकी एक हाथ में ले चूमने लगी। अब भी वे वीरी मेरे मुंह में जा रहा था। फिर कुछ देर के बाद मेरे मेरे उपर सवारी करने लगे और उनके लंड देवता मेरी चूत रानी के अंदर प्रवेश कर दिया गया और फिर शुरू हो रहा है धक्का के कहानी, क्योंकि हम दोनों के प्रेकुं मिल रहा था इसलिए मेरी चूत से फट-फट और फच-फच की आवाज़ आने लगी थी।

अब मुझे भी अजीब सी ख़ुशी मिल रही था में में चीख रही था और मौन कर रही था उहह अहह, ऑच मममम्ममममममममममममम मज़ा आ रहा है और और से चोदे जान्स। अब उनका लंड अंदर बाहर बिल्कुल पिस्टन की तरह चल रहा था और देखा ही वो वोचाचार्ज हो, तो मेरी चूत में ऐसा लगाया जाता है कि गर्मी गर्म लोहा डाल दिया हो। अब मेरी चूत में आनंद की कोई सीमा नहीं रही थी में मस्त था और अपनी बहन चुडवा रही थी और इस तरह मुझे भी मौका मिल, तो में से चुदती और भी कोई मौका हाथ से नहीं जाने थे और हाँ भाई के साथ में सिर्फ उसके लंड चूस-चूसकर उसे शांत कर रहा था। अब मेरी शादी हो रही है, लेकिन मुझे जमीन के साथ की हुई चुदाई जैसा मज़ा नहीं मिला है और उस घड़ी का इंतजार कर रही है, जब में वापस से जमीन के साथ चुदाई का मज़ा लूँगी।

डाल दिया अप घर मेंदू भाई सबसे चुदवाती पहली बार मस्ताराम पर लग रहा था। वेब।