कॉलेज के सीधे साधे प्रोफेसर को अपनी तरफ आकर्षित किया

hindi intercourse tales, antarvasna मेरा नाम सोनिया है मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूं, मेरी उम्र 22 वर्ष है। मुझे अपने पापा की वजह से खुद पर बहुत ज्यादा घमंड है इसीलिए मैं किसी से भी सीधे मुंह कभी भी बात नहीं करती, सब लोग मुझे बहुत ज्यादा घमंडी किस्म का समझते है क्योंकि मुझे किसी की भी बात सुनने की आदत नहीं है। मेरे पापा एक बहुत ही बड़े बिल्डर है, वह एक बार हमारे कॉलेज में आए थे, जब वह कॉलेज में आए तो मैंने अपने पापा से कहा मुझे कॉलेज में कुछ लड़के परेशान करते हैं। जब उन्हें यह बात पता चली तो उन्होंने उन लड़कों को कॉलेज से निकाल दिया क्योंकि मेरे पापा कॉलेज में बहुत डोनेशन भी देते हैं और उनकी कॉलेज में सब लोगों से अच्छी बातचीत है, उसके बाद से तो कोई भी लड़का मेरे आस-पास भी नहीं आता और सब लोग मुझसे बहुत दूर रहते थे। मेरे कॉलेज में कुछ ही गिने-चुने दोस्त थे जो कि मेरे साथ रहते थे, मैं भी उनके साथ रहना पसंद करती थी।


मैं अपने आप में ही रहना पसंद करती हो और ज्यादा किसी के साथ भी मैं घुलती मिलती नहीं हूं, शायद इसी वजह से सब लोग मुझे घमंडी कहते हैं। मुझे बचपन से ही डांस का बहुत शौक था इसलिए मैं हमेशा ही बचपन से डांस कंपटीशन में हिस्सा लेती रहती थी, मैं जब से कॉलेज में आई तब से मैंने भी डांस कंपटीशन में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। मेरे डांस कंपटीशन में हिस्सा लेने के चलते मुझे घर जाने में भी देर हो जाती थी। हमारे कॉलेज में ही कुछ प्रोग्राम होने वाले थे और उसी की हम लोग तैयारी कर रहे थे, मैं बहुत अच्छा डांस करती हूं इसलिए मेरा कॉलेज में सिलेक्शन हुआ था, हर साल ही मैं डांस कंपटीशन में हिस्सा लेती हूं और हमेशा ही मुझे प्रथम पुरस्कार मिलता है। मैं एक दिन कॉलेज से बाहर निकल रही थी तो मैंने जब पार्किंग से अपनी कार निकाली तो मेरी कार से एक व्यक्ति को टक्कर लग गई, मैं जल्दी से कार से उतरी और मैंने उन्हें सॉरी कहा लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह कॉलेज में प्रोफेसर है क्योंकि वह कुछ दिन पहले ही कॉलेज में आए थे।


उन्होंने मुझे कहा कोई बात नहीं और यह कहते हुए मैं वहां से चली गई। जब अगले दिन मैं कॉलेज में आई तो मैंने देखा की वह हमारे हमारी क्लास में पढ़ाने के लिए आ गए, मैं उन्हें देखती रही और सोचने लगी कि यह तो हमारे प्रोफेसर हैं। मैं उस समय बहुत ज्यादा डर गई और मुझे लगा कि कहीं यह मुझे क्लास में कुछ कह ना दे लेकिन जब वह क्लास पढ़ाने आए तो उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं कहा और अपनी क्लास पढ़ा कर वह चले गए। मैं उन्हें देखती रही, मुझे ना जाने उनकी तरफ क्यों इतना खिंचाव सा होने लगा और मैं उनके पीछे ही पड़ गई। मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे यह क्या हो गया, मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं कमल सर से हमेशा बात करती, मैं कभी भी कोई मौका नहीं छोड़ती। कॉलेज के प्रोग्राम के लिए मैं डांस की तैयारी कर रही थी और कुछ दिनों बाद ही हमारे कॉलेज में प्रोग्राम हुआ। जब हमारे कॉलेज में प्रोग्राम हुआ तो कमल सर ने मुझे उसके लिए बधाई दी और कहा कि तुम जरूर यह कंपटीशन जीटोगी और उस कंपटीशन में मैं जीत गई। मैंने कमल सर को थेंक्यू कहा, उन्होंने कहा कि सर आज आप मेरी तरफ से मेरे घर पर इनवाइट है, वह कहने लगे मैं कहीं भी बाहर नहीं जाता और ना ही मुझे कहीं बाहर जाना पसंद है, सॉरी मैं तुम्हारे घर नहीं आ पाऊंगा। जब उन्होंने मुझे यह बात कही तो मुझे लगा कि वह कितने ज्यादा सीधे हैं, वह मेरे साथ मेरे घर आने के लिए तैयार नहीं थे। अब धीरे-धीरे कमल सर और मेरी बातें होने लगी थी तो कमल सर को भी यह आभास हो गया था कि मैं उन पर डोरे डाल रही हूं। मैंने एक दिन कमल सर से कह दिया की सर आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं लेकिन वह मुझे समझाने लगे और कहने लगे कि यह बिल्कुल भी सही नहीं है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता कि हम दोनों हैं एक दूसरे से रिलेशन में रहे क्योंकि यह एक गुरु और शिष्य की मर्यादाओं के खिलाफ है। वह बहुत ही आदर्शवादी थे इसलिए वह इस बात को बिल्कुल भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे परंतु मैं भी कमल सर के बिना नहीं रह सकती थी इसलिए मैंने भी सोच लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं कमल सर को अपना बना कर ही रहूंगी।


मैंने यह पूर्ण रूप से निश्चित कर लिया था कि मुझे अब कमल सर को अपना बनाना ही है इसलिए मैंने भी यह बात ठान ली। मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं हमेशा कमल सर से बात करती, वह मुझे हमेशा ही समझाते कि यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। मैंने एक दिन उनसे कहा कि यह आप अच्छा नही कर रहे हो कि आप इस प्रकार से मुझे मना कर रहे हैं, मैं आपको दिल से चाहती हूं और आप इस प्रकार से मेरे साथ कर रहे हैं क्या यह उचित है, वह मुझे कहने लगे तुम एक काम करना हम लोग कभी आराम से बैठकर इस बारे में बात करेंगे यदि यह बात कॉलेज में किसी को पता चली तो यह मेरी इज्जत के खिलाफ होगा और सब लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे, मैंने कहा ठीक है सर। एक दिन वह घड़ी आ गई, मुझे कमल सर ने अपने घर पर बुला लिया। मैं जब उनके घर पर गई तो वह मुझे समझा रहे थे, मैं उन्हें बस ध्यान से देख रही थी मै उनकी बातों को सुन रही थी। मैंने उस दिन एक सेक्सी सा सूट पहना हुआ था उसमें मेरे स्तन साफ दिखाई दे रहे थे, मैंने अपने स्तनों को उन्हें दिखाया। मै देखने लगी कितने देर तक कमल सर अपने आप को रोक पाते हैं, मैंने जब उनके लंड की तरह नजर मारी तो उनका लंड खड़ा हो चुका था, वह मेरी चूत में जाने के लिए तैयार था।


मैंने जैसे ही कमल सर के लंड को पकड़ा तो वह मुझे कहने लगे मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा। मैंने भी उनके लंड को निकाल लिया और अपने मुंह में लेकर सकिंग करने लगी। मेरे लिए यह पहला ही मौका था जब मै किसी का लंड चूस रही थी, मैंने बड़े अच्छे से उनके लंड को चूसा जिससे कि उनका पूरा मन मुझे चोदने का हो चुका था। मैंने जब अपने सारे कपड़े उतारे तो वह मेरे गोरे बदन को देखकर नहीं रह पाए, वह मुझे कहने लगे सोनिया आज तुमने मेरे सब्र का बांध तोड़ दिया है, मैंने भी अपने आप को उनके सामने समर्पित कर दिया था। उन्होंने मेरी रेड कलर की ब्रा को खोला तो मुझे अच्छा महसूस हो रहा था और जैसे ही उनके कोमल होठ मेरे स्तनों पर टच हुए तो मैं भी पूरे मूड में आ गई। मैंने उनके हाथ को अपनी योनि पर लगाना शुरू कर दिया, मेरी चूत पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी इसलिए मैं ज्यादा देर तक कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। जैसे ही कमल सर ने मेरी योनि के अंदर अपने मोटे से लंड को डाला तो मैं उत्तेजित हो गई। उन्होंने मुझे तेजी से चोदना शुरू कर दिया और जिस प्रकार से वह मुझे चोद रहे थे वह मेरे लिए बड़ा ही अच्छा था क्योंकि मेरी इच्छा भी पूरी हो रही थी और कमल सर भी मेरी बाहों में थे। उन्होंने मुझे बहुत देर तक चोदा जब उनका वीर्य पतन हो गया तो उन्होंने अपने लंड को मेरी योनि से बाहर निकालते हुए मुझे कहा तुम्हारा यौवन तो वाकई में बड़ा गजब है और तुम्हारा फिगर भी बहुत टाइट है। मैंने जब अपनी योनि पर हाथ लगाया तो मेरी चूत से खून बाहर की तरफ को निकल रहा था। उनका लंड दोबारा से खड़ा हो गया वह बेड पर बैठे हुए थे, मैंने अपनी योनि को उनके लंड के ऊपर रख लिया और उनका लंड जैसे ही मैंने अपनी योनि में लिया तो मुझे बहुत दर्द हुआ मै चिल्लाने लगी। मै अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे करती जाती, मैंने काफी देर तक अपने चूतडो को ऊपर नीचे किया लेकिन जब उनका गरमा गरम वीर्य दोबारा से मेरी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस हुआ। मैं काफी देर तक कमल सर के साथ चिपक कर बैठी रही, उसके बाद उन्होंने मुझे अपना लिया था और मैं भी अपने सेक्सी फिगर से सिर्फ कमल सर को ही अपने जिस्म का जाम पिलाती, वह भी मेरे साथ रिलेशन में रहकर बहुत खुश थे और उसके बाद से वह मेरा बहुत ध्यान रखने लगे।