दोस्तों ये कहानी मेरी लाइफ की रियल घटना हे. इसमें मैं आप को बता रहा हूँ की कैसे एक मिडल एज लेडी ने कैसे मुझे डोमिनेट कर के चुदवाया था. मैं 29 साल का हूँ और इस चुदाई से पहले तक वर्जिन था. मेरा वेट 70 किलो हे और मेरे लंड की लम्बाई साड़े पांच इंच हे. मैं बंगलौर में काम करता हूँ एक बेंक में. मुझे अच्छा लगता हे जब कोई औरत मुझे डोमिनेट करें, यु कहें की यही मेरी फेंटसी थी. अपनी जवानी के दिनों से ही मैं मच्योर लेडिज जैसे की भाभियों और आंटियों के प्रति आकर्षित था.
ये मेरा अनुभव एक बस की जर्नी से चालु हुआ था. मैं बंगलौर से हैदराबाद जा रहा था. मैंने मजेस्टीक से वोल्वो बस में बुकिंग करवाया हुआ था. और अगले पिकअप से एक लेडी बस में चढ़ी और मेरी बगल की सिट में बैठ गई. उसने चूड़ीदार पहना हुआ था. वो अपनी तीसी में थी और उसका फिगर करीब 36 30 36 का था. और देखने में वो थोड़ी सांवली सी थी. उसके बाल लम्बे और घुंघराले थे.
जब बस चली तो उसका हाथ मेरी तरफ आ गया और मेरे शैतानी दिमाग में गंदे ख़याल आने लगे. मैं सोच रहा था की कैसे बात चालू करूँ उसके साथ. मैंने इस लेडी को उसका नाम वगेराह पूछा. उसने जवाब दिया और फिर से चूप हो गई. उसका नाम मंजू था और वो एक एमएनसी में फ्रंट डेस्क पर काम करती थी. वो अपने पति से मिलने के लिए हैदराबाद जा रही थी और उसके अभी बच्चे नहीं थे.
इसी बिच हमारे हाथ एक दुसरे से टच होते रहे. और मुझे इस वजह से बड़ा मजा आने लगा था. मैं बार बार हाथ को उसकी बॉडी से टच कराता रहता था. मेरा लंड भी जाग चूका था. और फिर कुछ देर में उसे नींद आई और वो मेरे कंधे के ऊपर सो गई. मैंने भी सही मौका देखा और कुछ देर में मैं भी उसके ऊपर ही सो गया. साला पूरी रात मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और नींद भी आ गई इसलिए कुछ कर नहीं सका. कुछ ही देर में बस मंजिल को पहुंचनी थी तब हम दोनों ने अपने नम्बर्स एक्चेंज कर लिए.
मुझे हैदराबाद में दो दिन का काम था उसके बाद में मैं वापस बंगलौर आ गया. मुझे याद था की मंजू मेरे आने के दो दिन के बाद आनेवाली थी. मैंने दो दिन के बाद लेट इवनिंग में उसे व्हाट्सएप्प मेसेज किया.
और तुरंत उसका जवाब भी आ गया. वो व्हाट्सएप्प पर लम्बी लम्बी बातें कर रही थी. कुछ समय पर्सनल चीजे और क्या करते हो कहा रहते हो चला. वो बातचीत से थोड़ी घमंडी और कंट्रोल वाली लग रही थी. जो की मुझे अच्छा भी लगा. फिर हमारी बातें सेक्स के टोपिक के ऊपर भी होने लगी. मंजू ने कहा की वो टॉर्चर वाला सेक्स पसंद करती हे और उसका हसबंड वो सब करता नहीं हे इसलिए वो प्यासी रह जाती हे.
उसने मेरी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा और मैंने कहा की मुझे सेक्स करने का चांस ही नहीं मिला हे. वो हंस पड़ी और उसने मेरी सेक्स रिलेटेड फेंटसी के बारे में पूछा.
मैं: मैं लड़की के हाथ का खिलौना बनना चाहता हूँ.
वो हंस पड़ी और बोली, गुड.
मैं: मैं चाहता हूँ की सेक्स में लड़कियां मुझे मारे और पेन दे सेक्स के अंदर.
मंजू: अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे दर्द दे सकती हूँ.
और ये कह के वो हंस पड़ी.
मैं: अच्छी बात हे ना!
उसने कहा: वैसे तुम्हे ये सब आइडिया कहाँ से आता हे.
मैंने कहा: पोर्न के विडियोस देख के. और ये कह के मैंने उसे व्हाट्सएप्प के ऊपर लिंक भेज दी एक bdsm वीडियो की. उस वीडियो में एक लड़का एक लड़की को मार मार के उसके साथ सेक्स का रहा था.
अगले दिन उसने कहा वो वीडियो मस्त था और वो खुद भी ऐसे ही अपने हसबंड को मार मार के उसका लंड लेना चाहती हे. मैं हंस पड़ा और उसे कहा की तुम अपने हसबंड को ऐसे टॉर्चर कर ही नहीं सकती. लेकिन अगर तुम मुझे टॉर्चर करना चाहो तो मैं भी एन्जॉय कर लूँगा.
वो: अगर तुम मेरे हसबंड होते तो मैं तुम्हे टॉर्चर करता.
मैं: तो फिर सोच लो की मैं तुम्हारा हसबंड हूँ.
वो हंस के बोली: ठीक हे!
और फिर कुछ देर दिनों तक हम दोनों व्हाट्सएप्प के ऊपर यही रोल-प्ले करते रहे. वो मेरी बीवी थी जो मेरे हर सेक्सुअल एक्ट में मुझे अपना गुलाम बनाती थी और मेरे ऊपर डोमिनेट करती थी. वो मुझे गन्दी गन्दी गालियाँ देती थी. वो मेरे लंड के ऊपर भी सवाल करती थी.
ऐसे करते हुए दो महीने बिट गए. वो अपने हसबंड को इसके बिच में तिन बार मिल के आई. फिर हम दोनों ने एक संडे को मिलने का प्लान बनाया. उसने टॉप और ब्ल्यू डेनिम की जींस पहनी हुई थी. उस दिन बस में मिली थी उस से काफी अलग ही लग रही थी मंजू आज तो. हमने ऑलमोस्ट दो घंटे तक एक केफेटेरिया में बातें की.
और फिर वो अपने घर चली गई. उसी शाम को उसका मेसेज आया की वो जो हम रोल-प्ले में करते थे वो रियल में करना चाहती हे. मैंने एक पल भी सोचे बिना उसको हाँ कर दिया. और फिर अगले संडे को मैंने एक होटल बुक करने को कहा. तो उसने कहा नहीं तुम कल के दिन में ही होटल बुक करो हो सके तो अपनी ऑफिस से छुट्टी ले लो.
मैंने एक 4 स्टार होटल में कमरा बुक कर लिया. और वो 10 बजे शार्प आ भी गई. उसने लो नेक ब्लाउज पहना था और उपर एक सेमी-ट्रांसपरेंट साडी पहनी हुई थी उसने. वो बोली देखो मैं तुम्हे मारूंगी, कुटुन्गी लेकिन तुम मुझे मेम ही कहोगे, मंजू नहीं. मैंने कहा ठीक हे.
वो बोली, चलो अपने कपडे खोलो और पेंटी में आ जाओ.
मैं अपनी जोकि के सिवा बाकी के सभी कपडे निकाल दिए. उसने मुझे कहा की उलटे हो जाओ. मेरे उलटे होते ही वो मेरी गांड के ऊपर एक चमड़े के बेल्ट से जोर जोर से मारने लगी. मैं दर्द की वजह से मोअन कर रहा था.
मंजू: साले कुत्ते मोअन करना बंद कर हरामी.
मैं: मेम बहुत पेन हो रहा हे मुझे.
मंजू: साले तू मेरा गुलाम हे और अगर तूने अब मोअन किया तो अपनी पेंटी मैं तेरे मुहं में ठूंस दूंगी.
मैं: मेडम आप की पेंटी तो मैं वैसे भी अपने मुहं में लेना चाहता हूँ. और मुहं में देने से पहले प्लीज़ अपनी पेंटी में थोडा पेशाब कर देना.
वो एक्साइट हो गई और उठ के बाथरूम में चली गई. जब वो वापस आई तो उसके हाथ में पेंटी थी जो पेशाब से भरी हुई थी. और आते ही उसने वो पेंटी को मेरे मुहं में डाल दिया. उसका पेशाब मेरे चहरे पर और मुहं में चला गया. फिर उसने मुझे कहा की बिस्तर में लेट जाओ तुम. और फिर से वो मेरी गांड के ऊपर चमड़े के बेल्ट से मारने लगी. इस चाबुक जैसे प्रहारों से मेरी गांड वाला हिस्सा एकदम लाल हो चूका था और मुझे दर्द भी हो रहा थे. पेंटी मुहं में होने की वजह से मेरी मोअन बहार नहीं आ रहा था. मैंने उसकी पेंटी को काटा और उसके पेशाब को पिने लगा.
एक झटके से अपनी पेशाब वाली पेंटी मेरे मुहं से निकाल ली. फिर उसने मुझे अपनी पाँव की ऊँगली मुहं में देते हुए कहा, ले मेरे कुत्ते चाट मेरी पाँव की ऊँगली को और फिर वो मेरे बाल पकड़ के एक एक कर के सब उंगलियाँ चटवाने लगी. फिर वो बोली चल अब खड़ा हो और मेरी गांड को चाट साले कुत्ते.
मैने कहा, हां मेम.
फिर मैं साडी के ऊपर से ही उसकी गांड को चाटने लगा. वाऊ क्या मजा आ रहा था मंजू की बड़ी गांड को चाटने में, प्लीजर मिल रहा था मुझे.
फिर वो बोली जाओ बाथरूम में चले जाओ मैं कुछ ऑर्डर करती हूँ. उसने बेल्ट को मेरे गले में अपने पालतू कुत्ते के जैसे लटका दिया. फिर उसने कोफ़ी मंगवाई एक ही कप. उसने कोफ़ी के कप में दो सिप बचाए और फिर उसके अंदर थूंक दिया. फिर अपनी चूत में से पेशाब की कुछ बुँदे भी उसमे निकाली और मुझे दे दी और बोली, मेडम ने स्पेशियल कोफ़ी बनाई हे पी जाओ.
मैं उस कोफ़ी को पी गया. फिर उसने बहुत बार मेरे चहरे के ऊपर थूंक दिया.
फिर मैं उसे ले के बाथरूम में गया और मैंने उसे साडी खोलने के लिए विनंती की. उसने अपना पल्लू हटाया और उसके बड़े बूब्स ब्लाउज में दिखे. मैंने उसके बूब्स पकडे तो उसने मुझे कस के ऐसा तमाचा मारा की मुझे दिन में भी तारे दिख गए. वो बोली, साले कुत्ते मैं कहूँ ना तब तक कुछ नहीं करेगा तू. मैंने कहा सोरी मेम. उसने फिर एक तमाचा मारा और बोली, चल अब अपनी चड्डी खोल दे.
मैंने चड्डी खोल के पूरा नंगा खड़ा था उसके सामने. उसने बोला, अब बोल क्या चाहिए तुझे?
मैंने कहा मेम मुझे आप का पेशाब पीना हे. बहुत प्यास लगी हे मुझे.
उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज निकाला और टॉयलेट की सिट के ऊपर बैठ गई. उसकी ब्रा अभी भी बूब्स के ऊपर थी. उसने मुझे अपनी चूत के पास बुलाया. और उसने कहा, प्यासे हो?. मैंने कहा हां मेडम और ये कह के मैं अपनी जबान को उसकी चूत पर लगा दिया. उसकी चूत से पेशाब की धार निकल पड़ी और इम्रे पुरे बदन को गन्दा करने लगी. उसने कहा साले मुहं खोल हरामी और सब पी जा. मैंने मुहं खोला और उसने धार को मेरे मुहं में ही मारा. उसने मेरे बाल पकडे और अपनी चूत को मेरे मुहं पर घिस के सब पेशाब पिला दिया मुझे. उसका पेशाब एकदम खारा और स्वादिष्ट था.
फिर उसने अपनी चूत के ऊपर थूंक दिया और बोली चाट इसको. मैं 30 मिनिट तक उसकी चूत को चुस्त रहा और उसके बिच में वो दो बार झड़ गई थी. उसने मुझे अपना सब चूतरस भी पिला दिया.
फिर उसने मुझे कहा की चल अब मेरी निपल्स को प्यार कर. और मैंने ऐसे ही किया. वो बोली ला अब मैं तेरी निपल्स को प्यार देती हूँ. लेकिन वो प्यार नहीं पेन दे रही थी. अपनी दो ऊँगली में ऐसे दबा रही थी की मेरी निपल एकदम ही सूज गई. उसे ये सब देख के बहुत मजा आया.
फिर उसने मेरा लंड पकड़ के कहा, मुहं में ले लूँ?
मैंने कहा, प्लीज़ मेम.
उसने लंड मुहं में ले के चूसा और हिलाने लगी. वो अन्डो को ऐसे मरोड़ रही थी की उन्हें तोड़ के खाने हो. और मेरे लंड के ऊपर अपने दांत गड़ा के वो पेन दे रही थी मुझे.
कुछ देर लंड सक करने के बाद वो टॉयलेट की सिट पर घोड़ी बनी और बोली, चल अब चोद ले अपनी मेडम की चूत को!
मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए गांड हिलाती गई और मैं उसको चोदता रहा. मेरा पानी उसकी चूत में निकाला और फिर वो बोली, चल अब मुहं खोल के निचे लेट जा.
उसने फिर से पेशाब किया मेरे मुहं में और अब उसके साथ मेरे अपने वीर्य के लम्प्स भी साथ में आ रहे थे….!