कमली चाची और मैं

आज मैं भी अपना एक ख़ुद का अनुभव लिख रहा हूँ, यह जो मैं कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी चाची और मेरी है। पहले मैं अपने और कमली चाची के बारे में बताना चाहूँगा, मेरा नाम रवि हैं. पंजाब का रहने वाला पंजाबी मुंडा हूँ, अभी उच्च अध्ययन कर रहा हूँ। कॉलेज में मैं बहुत सी लड़कियों को चोद चुका हूँ। मेरी उम्र 26 साल है, कद 5 फीट 9 इंच है, अच्छा खासा व्यक्तित्व है, मेरा लंड 7.5 इंच लम्बा है और बहुत मोटा है। ऊँचाई 5 फीट 5 इंच, वक्ष का आकार 38DD लगभग, 38-29-38. रंग गेहुँआ, लम्बे घने बाल, गांड तक आते हैं, जब वह मटक मटक कर चलती है सबकी पागल कर देती है।

अच्छा, अब मैं कहानी पर आता हूँ। हमारे घर में कुल दस लोग रहते हैं, गर्मी के वजह से मैं, मेरे चाचा, मेरी कमली चाची और एक दूसरी चाची की बेटी छत पर सोते थे, बाकी सब लोग नीचे सोते थे। एक रात मैंने कमली चाची की सिसकारियों की आवाज़ सुनी, मैं जाग गया। कमली चाची सिसकारियाँ भर रही थी। मैं समझ गया कि चाचा कमली चाची को चोद रहे हैं। मैं हल्के से अपने मुँह के ऊपर से चादर उठा कर देखने लगा।

चाचा कमली चाची की चूत चाट रहे थे, चाची पूरी नंगी थी ! उनके वो रेशमी बाल जो मुझे हमेशा पागल कर देते हैं, वो खुले हुए थे। कमली चाची बुरी तरह सिसकार रही थी। मैं तो वैसे ही गर्म हुए जा रहा था। फिर शायद चाचा ने कमली चाची की चूत में काटा तो चाची चिल्ला दी !

जल्दी से चाचा ने अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया और बोले-चिल्ला क्यों रही हो? बच्चे जाग जाएँगे !

कमली चाची बोली- ऐसे करोगे तो चिल्लाऊँगी ही !

तो चाचा बोले- अच्छा, आराम से करता हूँ !

और फिर कम ली चाची की चूत चाटने लगे।

कमली चाची फिर से सिसकारियाँ भरने लगी- आआह्ह्ह्ह्ह् य्य्य्याआ ! क्या कर रहे हो ! फाड़ दोगे क्या ! मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ ! हाआअ आआआह्ह्ह्ह !

फिर चाचा ऊपर आ गए और चाची को बोले- ले अब मुँह खोल … और चूस इसे !

चाचा का लण्ड कमली चाची के मुँह में था और वो उसे मज़े से चूस रही थी, आवाज़ निकल रही थी- पिपिच्चच पिच्च्च्चक पिच्च्च्चच्च्च्क !

फिर कमली चाची बोली- आज तुम्हारा निकल रहा है !

तो चाचा बोले- पी जा उसे !

कमली चाची ने सारा का सारा मुठ पी लिया ! फिर कमली चाची ऊपर आई और कमली चाचा के ऊपर लेट कर उनके होटों को कस के चूसने लगी ! कम से कम दस मिनट तक चूमा चाटी का कार्यक्रम चला।

इधर मेरे लण्ड की बुरी हालत हो रही थी। अगर मैं हिलता तो उन्हें पता लग जाता कि मैं जगा हुआ हूँ। मैं शांति से देखने लगा, तो देखा कि कमली चाची फिर से नीचे आ गई और चाचा धीरे से अपना लण्ड कमली चाची की चूत में घुसा रहे थे ! देखते देखते चाचा का लंड गायब हो गया। फिर चाचा ने झटके लगाना शुरू किये, नीचे से कमली चाची चूतड़ उठा-उठा कर साथ दे रही थी !

फिर से कमली चाची की आवाज़े निकलना शुरू हो गई- धीईरे……. धीईर्र……!

बीस मिनट की जम के चुदाई के बाद चाचा शांत पड़ गए, मैं समझ गया की चाचा झड़ गए ! फिर कुछ देर बाद चाचा कमली चाची के ऊपर से हटे और दोनों ने कपड़े पहने और सो गए ! पर मैं तो रात भर सोचता रहा कमली चाची के बारे में !

मैंने भी ठानी कि एक बार तो कमली चाची की चूत जरुर मारूँगा ! अब तो रोज़ मैं कमली चाची का कार्यक्रम देखता ! मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ !

एक दिन कमली चाची के कमरे में गया तो वह कोई नहीं था, बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी, चाची नहा रही है ! मैंने सोचा कि क्यों न चाची को नहाते देखूँ ! मैं बगल वाले संडास में नल पर पैर रख कर देखने लगा !

क्या नज़ारा था ! कमली चाची के वो लम्बे खुले बाल ! बड़े बड़े भारी चूचों पर बहता पानी ! वो अपनी झांटों को साफ़ कर रही थी ! एकदम से मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गया !

कमली चाची चिल्लाई- कौन है?

जब तक वह बाहर आकर देखती, मैं धीरे से वहाँ से भाग लिया ! उन्होंने शायद मुझे पहचान लिया था, चाची का मेरी तरफ बात करने का ढंग कुछ बदल गया था ! पर मुझे तो हर रोज़ रात को मुफ्त का प्रोग्राम देखने को मिलता था !

मेरे एक और चाचा थे वो दिल्ली में रहते थे ! अचानक वे बीमार पड़ गए ! तो चाचा और मेरे पिता जी को जाना पड़ा दिल्ली ! एक दो दिन बाद पिताजी तो आ गए पर चाचा को वहीं एक महीने रुकना पड़ेगा ! क्योकि दिल्ली वाले चाचा जी अकेले रहते थे !