दोस्त की मम्मी मस्त गुड़िया – आंटी मस्ती में गांड हिलाहिलाकर मेरे से चुद रही थी

दोस्त की मम्मी मस्त गुड़िया – आंटी मस्ती में गांड हिलाहिलाकर मेरे से चुद रही थी Hindi Sex Stories

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और मै एक बहुत ही बड़ा चूत का दास हु | मै इस बात मै भरोसा करता हु, कि जहाँ चूत मिल जाए, छोड़नी नहीं चाहिए | ऐसा ही कुछ, मै आज आप को बताने जा रहा हु | ये मेरे और मेरे दोस्त की मम्मी के अवैध संबंधों के बारे में बताना चाहता हूँ | मै अपने घर से काफी दूर एक बड़े शहर मे रह रहा था, क्योकि मेरी नौकरी यही थी  | मै अपने एक दोस्त के घर मे रहता था | वो लोग भी मेरे ही शहर से थे और वो मेरे बचपन का दोस्त था और उसकी मम्मी मुझे भी मेरे दोस्त की तरह अपना ही मानती थी |  मेरे अंकल की नौकरी कोई ज्यादा कची नहीं थी और बड़े शहर के खर्चे भी बड़े थी | तो उन्होंने मुझे अपने यहाँ रुकवा लिया और मै भी उनको महीने के कुछ पैसे देता था | उनके घर पर केवल हम चार लोग ही रहते थे | मेरे दोस्त की घुमने वाली नौकरी थी और अक्सर बाहर ही रहता था और अंकल की डीयूटी शिफ्ट मे लगती थी | और मर्द होने के कारण, उनकी डीयूटी नाईट शिफ्ट मे लगती थी | दिन के समय, आंटी घर मे अकेले होती थी और मै भी दोपहर मे घर आ जाता था और उनको देखता रहता था | मुझे उनका गोरा और कसा हुआ बदन बहुत ही पसंद था और उनके शरीर की महक, मेरे लंड को खड़ा करने लगती थी | मेरे दोस्त की मम्मी, यानि मेरी आंटी बहुत ही अच्छा और सुन्दर गाती थी और वो दोपहर के वक्त बच्चों को गाना सिखाती थी और मै सबके सामने बैठकर उनको ताड़ा करता था | सब कुछ ठीक चल रहा था, पर आंटी की तंग जवानी में उनके ऐंठे हुए अंग जैसे चूतड़ और स्तन कभी – कभी मुझे सोचने पर मजबूर कर देते थे | अंकल बुड्डे हो चुके थे और रात की शिफ्ट के कारण, आंटी सारी रात करवाते बदलती रहती थी | कितनी बार मैने, उनके कमरे से कहराने की आवाज़े सुनी और उसके बात आंटी को बाथरूम मे नहाने जाते हुए देखा | मै जब भी आंटी को देखता और कहीं से उनका कोई गोरा शरीर का अंग दिख जाता , तो तुरंत उसी समय बाथरूम में हस्तमैथुन करने चला जाता | समय बीतने लगा और बाद मे ये हालात हो गये, कि जब भी मै आंटी को देखता तो मेरा लंड टुन्न हो जाता और मुझे बाथरूम जाना पड़ता | मेरी सारी हरकतों को देखकर आंटी को मेरे ऊपर कुछ-कुछ शक होने लगा था | मुझे अब आंटी को असली मै चोदना था; तो मै जानबूझकर बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ देता था | आखिरकार एक दिन मैंने जब हस्तमैथुन कर झडके पीछे मुडकर देखा, तो जल्दी-जल्दी मै आंटी को वहा से निकलते हुए पाया |रात को जब मैंने आंटी को उनके कमरे में सोते हुए देखा तो चुपके से उनके साफ़ दिख रहे ब्लाउज कयूप्पर से चुचों पर हाथ फेरता हुआ सोने चला गया | अचानक मुझे बीच रात में लगा की कुछ मुलायम चीज़ में मेरा लंड आगे – पीछे हो रहा है और मैं सातवें आसमान पर होने का महसूस कर रहा था तभी अचानक एक झटके से मेरी नींद खुल गयी | मैंने सामने देखा की मेरी आंटी मेरे लंड को अपने मुंह में लेते हुए मसल रही थी | मुझे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हुआ पर तभी आंटी ने बोला, क्या देख रहा है साले  . .तू क्या समझता है मैंने तुझे अपने चुचों को घूरते फिर मुठ मारते हुए कभी देखा ही नहीं . .हाँ . .?? मैने आंटी से माफ़ी मांगी और बोला, मुझे माफ़ कर दीजिये और जो आप बोलिगी, मै आपके लिए करूँगा | आंटी जोर हंसी और बोली, साले अब तो जो मुझे करना है, वो मै तुझ से करवा ही लुंगी | तभी आंटी ने मेरे लंड को मसलते हुए मुंह में ले लिया और मस्ती मे मेरा लंड चूसने लगी | मुझे नहीं मालूम था, कि मेरे दोस्त की मम्मी इतनी बड़ी ठरकी थी और उन्होंने मस्ती मे मेरा लंड चूसते हुए मेरा सारा पानी निकाल दिया और पूरा का पूरा गटक गयी |  अब आई आंटी की बारी जिन्हें मैंने पहले पहली पूरी नंगी धड़ंग कर दिया और उनके बड़े और मस्त चुचों को चूसने लगा | काफी देर तक आंटी के चुचों को चूमने और चूसने के बाद और उनके होठों की सुर्ख़ियों को बर्बाद करने के बाद, मैंने उनकी चूत पर अपनी उँगलियां रगडते हुए अंदर – बाहर करने लगा जिससे आंटी सिस्कारियां भरने लगी और उनकी कामुक आवाज़ कमरे के माहौल को मस्त बनाने लगी |जब मैंने उँगलियों की रफ़्तार बढ़ाई तो आंटी पागल हो गयी और मुझे गाली देने लगी, मैने कभी किसी औरत को गलिया देते हुए नहीं सुना था, लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था |

मैंने आंटी के चूतडों को मसलते हुए उनकी चुत को कुत्ते की तरह चाटा और फिर अब उन्हें बिस्तर पर कुतिया बना दिया जिससे उनकी चुत और गांड के छेद मेरे सही सामने थे | मैंने अब आंटी की गांड के छेद पर थूक लगाते हुए उसे चाटने लगा जिसे आंटी मस्त में सिसकियाँ लेने लगी तभी मैंने आंटी की चुत को खोला और गुलाबी फांकों पर थूक मलते हुए अपने लंड को टिकाकर आंटी के ऊपर चढ गया और जोर और तेज धक्के से आंटी को चोदने लगा | आंटी भी मस्ती में अपनी गांड हिलाहिलाकर मेरे से चुद रही थी | हम दोनों रात भर एक दुसरे से लिपटे रहे और हम दोनों के शरीर एक दुसरे के ऊपर थे | अब मै भी झड़ने वाला था और मैने अपना सारा वीर्य आंटी की चूत मे छोड़ दिया | मेरे वीर्य को लंड को निकलते महसूस करते ही आंटी ने उसे मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जिसपर अब मुझे पता ही नहीं चला की मेरी कब आँख लग गयी | मैं सुबह उठा तो मैंने अपने को नंगा पाया और तभी आंटी मेरे लिए चाय बनाकर लायी और कहने लगी, कल रात कैसा लगा? आज तुम मेरे पति बन गये हो |