लड़की को गर्भधारण कैसे होता है – How Can A Girl Get Pregnant
गर्भधारण कैसे होता है
क्या आप जानते हैं कि वास्तव में मुठ में शुक्राणु और अंडे आते कहां से हैं? या फिर ये एक दूसरे को कैसे ढूंढ़ लेते हैं और कैसे आपस में मिलकर एक नई जिंदगी की रचना करते हैं? गर्भवती होने के पीछे के दिलचस्प जैविक तथ्यों के बारे में यहां पढ़ें।
महिला के शरीर के अंदर: डिंब (अंडा) कैसे बनता है (लड़की को गर्भधारण कैसे होता है – How Can A Girl Get Pregnant ) महिलाओं में गर्भवती होने की संभावना अंडाशयों से शुरु होती है। ये दो छोटे अंडाकार अंग होते हैं, जो गर्भाशय के दोनों तरफ जुड़े होते हैं। अंडाशय डिंब (अंडों) से भरे होते हैं, जो कि आपके पैदा होने से पहले ही बन जाते हैं।
हर नन्ही बच्ची अपने अंडाशयों में 10 से 20 लाख अंडों के साथ पैदा होती है। बहुत से डिंब तो लगभग तुरंत ही खत्म होना शुरु हो जाते हैं और बाकि बचे हुए भी आपके बड़े होने के साथ-साथ कम होते जाते हैं।
आप शायद अपने जननक्षम सालों के दौरान यानि कि आपकी पहली माहवारी से रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) तक करीब 400 अंडे जारी करेंगी।
हर मासिक चक्र के दौरान, आपकी माहवारी के कुछ समय बाद, एक से तीन अंडे आपके किसी एक अंडाशय में परिपक्व होना शुरु हो जाते हैं। इसके बाद सर्वाधिक परिपक्व डिंब जारी कर दिया जाता है, इस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन (डिंबोत्सर्जन) कहा जाता है। यह डिंब निकटतम डिंबवाही नलिका (फैलोपियन ट्यूब) के ट्यूलिप आकार के मुख द्वारा खींच लिया जाता है।
महिला के शरीर में दो डिंबवाही नलिकाएं होती हैं। इनमें से प्रत्येक की लंबाई तकरीबन 10 सें.मी. होती है और ये अंडाशय से होकर गर्भाशय तक जाती हैं।
लड़की को गर्भधारण कैसे होता है – How Can A Girl Get Pregnant
ओव्यूलेशन आमतौर पर आपकी अगली माहवारी आने से 12 से 14 दिन पहले होता है। ओव्यूलेशन का एकदम सटीक समय आपके मासिक चक्र की अवधि पर निर्भर करता है। (लड़की को गर्भधारण कैसे होता है – How Can A Girl Get Pregnant ) बहुत से अलग-अलग हॉर्मोन एक साथ मिलकर आपके मासिक चक्र की अवधि, अंडे की परिपक्वता और ओव्यूलेशन के समय को नियंत्रित करते हैं। माहवारी चक्र पर हमारे लेख में आप इन हॉर्मोन के बारे में विस्तार से पढ़ सकती हैं।
जारी होने के बाद एक औसत अंडा करीब 24 घंटों तक जीवित रहता है। गर्भाधान के लिए डिंब को इसी समयावधि में शुक्राणु द्वारा निषेचित किए जाने की आवश्यकता होती है। अगर डिंब गर्भाशय में जाते हुए रास्ते में स्वस्थ शुक्राणु से मिल जाता है, तो नई जिंदगी के सृजन की प्रक्रिया शुरु होती है। यदि, ऐसा नहीं होता, तो अंडा गर्भाशय तक जाकर अपनी यात्रा समाप्त कर देता है और विघटित हो जाता है।
अगर, आपका गर्भधारण नहीं हुआ है, तो अंडाशय ईस्ट्रोजेन और प्रोजेटीरोन बनाना बंद कर देती है। ये वे दो हॉर्मोन हैं, जो गर्भावस्था को बरकरार रखने में मदद करते हैं। जब इन हॉर्मोनों का स्तर घट जाता है, तो गर्भाशय की मोटी परत माहवारी के दौरान निकल जाती है। साथ ही अनिषेचित अंडे के अवशेष भी उसी समय निकलते हैं।
पुरुष के शरीर के अंदर: शुक्राणु कैसे बनते हैं
महिलाओं का शरीर हर महीने एक अंडे को परिपक्व बनाता है। वहीं, पुरुषों का शरीर लगभग निरंतर काम पर लगा रहता है और लाखों सूक्ष्म शुक्राणुओं का उत्पादन करता है। हरेक शुक्राणु का एकमात्र उद्देश्य डिंब की और तैरकर आना और उसमें व्याप्त हो जाना होता है।
शुरुआत से अंत तक एक नई शुक्राणु कोशिका को बनने में करीब दो से तीन महीनों का समय लगता है। एक औसत शुक्राणु पुरुष के शरीर में केवल कुछ ही हफ्तों तक जीवित रहता है। हर बार वीर्यपात के साथ कम से कम चार करोड़ शुक्राणु बाहर निकलते हैं। इसका मतलब यह है कि पुरुषों को अपने वयस्क जीवन के दौरान नियमित तौर पर शुक्राणुओं का उत्पादन करते रहना होता है।
जो हॉर्मोन महिलाओं में ओव्यूलेशन को नियंत्रित करते हैं, वे ही पुरुषों में टेस्टोस्टीरोन बनने की प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं। टेस्टोस्टीरोन हॉर्मोन पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। (लड़की को गर्भधारण कैसे होता है – How Can A Girl Get Pregnant )
शुक्राणुओं का उत्पादन वीर्यकोष में शुरु होता है। वीर्यकोष, लिंग के नीचे अंडकोषीय थैली में दो ग्रंथियां होती हैं। वीर्यकोष शरीर के बाहर लटके होते हैं, क्योंकि ये तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। कुशलतापूर्वक स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए इनका 34 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहना जरुरी है। यह शरीर के सामान्य तापमान से करीब चार डिग्री अधिक ठंडा होता है।
एक बार शुक्राणु के बन जाने पर यह दोनों वीर्यकोषों के अधिवृषण (ऐपिडिडिमिस) में संग्रहित हो जाता है। यह एक छह मीटर लंबी लच्छेदार नलिका होती है। वीर्यपात से बिल्कुल पहले शुक्राणु ऊपर की तरफ आकर वीर्य में मिल जाते हैं।
लाखों शुक्राणुओं के उत्पादन और हर वीर्यपात के साथ इनके बाहर आने के बावजूद केवल एक शुक्राणु ही हर अंडे को निषेचित कर सकता है। आपके शिशु का लिंग क्या होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका कौन सा शुक्राणु पहले डिंब से मिलता है। वाई (Y) गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटे का जन्म होगा और एक्स (X) गुणसूत्र वाले शुक्राणु से बेटी का जन्म होता है।
ऐसे बहुत से मिथक प्रचलित हैं, जो बताते हैं कि बेटा या बेटी पाने के लिए गर्भाधान कैसे किया जाए। इनमें से कुछ के थोड़े-बहुत वैज्ञानिक प्रमाण हो सकते हैं, मगर कुल मिलाकर शिशु का लिंग निर्धारण योजनाबद्ध नहीं हो सकता।
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