अंग्रेजो द्वारा हिन्दू औरतो का बलात्कार – हिन्दू औरतो से सेक्स
अंग्रेजो द्वारा हिन्दू औरतो का बलात्कार – हिन्दू औरतो से सेक्स
अंग्रेजो द्वारा हिन्दू औरतो का बलात्कार – हिन्दू औरतो से सेक्स : भारत की बेटियों के साथ अंग्रेजो ने किया था ऐसा सुलूक , पढ़कर आप हो जायेंगे आग बबूला | भारत की बेटियों का रोज करा जाता थाअपवित्रीकरण माताओं की व बहनों की इज्जत भी लूटते थे यही नहीं सरेआम उन्हें नंगा भी कर देते थे उनके अन्दर पहने हुए वस्त्र भी खुलवा दिया करते थे| मध्यकालीन में मुगलों द्वारा पराजित हिन्दू राजाओं की स्त्रियों का और साधारण हिन्दु स्त्रियों का बलात्कार करना एक आम बात थी , क्यों की वो इसे अपनी जीत या जिहाद का इनाम थे। धीरे -धीरे ये अपवित्रीकरणकरने की रुग्ण मानसिकता भारत के पुरुषो में भी फैलने लगी , और आज इसका ये भयानक रूप देखने को मिल रहा है … तो इस प्रकार भारत में ‘जबरजस्ती चोदा चादी ” करने की मानसिक रोग उत्त्पन्न हुआ ।
हिन्दू लडकियो माँ व् बहनों के साथ अंग्रेजों ने किया था ऐसा सुलूक, पढ़कर आपका खून खौल जाएगा भारत की बहू-बेटियों के साथ अंग्रेज़ करते थे ऐसी हैवानियत जिसे जानकर आपका भी खून खौल उठेगा
देश के साथ ही माँ-बहनों की इज्ज़त भी लूटते थे
अंग्रेज़ कितने क्रूर थे यह हमे आपको बताने की ज़रुरत तो नहीं होगी| अंग्रेजो की क्रूरता के किस्से हम सभी ने सुने हैं, लेकिन हम आज आपको अंग्रेजो की वो बात बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपका भी खून खौल जायेगा| अंग्रेज़, भारत को तो लूट ही रहे थे पर अपने शासनकाल में वो हमारी माताओं बहनें की इज्जत भी लूटते थे यही नहीं सरेआम उन्हें नंगा भी कर देते थे और इन सब के बाद वो उनसे सामुहिकअपवित्रीकरण करते थे और इतने से भी मन नहीं भरे तो उनका सिर काटकर फेंक देते थे।
औरतों के दर्द पर हँसते थे अंग्रेज़
इतिहास के पन्ने पलटे जाये तो पता चलता है कि कोई सुंदर महिला अंग्रेज़ो को दिखाई दे जाती थी तो अंग्रेज़ उसे सारेआम नंगा करते थे फिर उसके स्तन के अग्र भाग को लोहे के चिमटे से दबा देते थे और तब तक दबाते थे जब तक खून ना निकल आए और इस पर अंग्रेज़ हँसते थे| वो माँ-बहन-बेटी चीखती चिल्लाती थी, तब तक चिल्लाती थी जब तक वो बेढल होकर गिर नहीं जाती थी फिर अंग्रेज़ उनके साथ सामूहिक बलत्कार करते थे,और बाद मे उनकी गर्दन काट देते थे और उन्हें वही लावारिसों की तरह फेंक कर चले जाते थे|
जबरजस्ती चोदा चादी के खिलाफ अंग्रेजो ने बनाया यह सख्त कानून
जबरजस्ती चोदा चादी के खिलाफ अंग्रेज़ो ने जो पहला कानून बनाया तो उसमे व्यवस्था यह कर दी कि मान लो अगर किसी माँ-बहन-बेटी के साथ बलत्कार हुआ है तो उस माँ बहन बेटी को अंग्रेज़ो की अदालत मे आकर सिद्ध करना होगा कि उसके साथ बलत्कार हुआ है ,जिस अंग्रेज़ ने बलत्कार किया है उसको कुछ सिद्ध नहीं करना पड़ेगा , और जब तक सिद्ध नहीं होगा ,उस अंग्रेज़ को अपराधी नहीं माना जाएगा ।
सभी मामलों में से मात्र 2-3 के खिलाफ ही दोष सिद्ध हो पाते थे
ये कानून बनते ही इस देश मे बलत्कार की बाढ़ आ गई ,हर गाँव मे हर शहर मे माताओं बहनो की इज्जत से अंग्रेज़ो ने खेलना शुरू कर दिया, क्योंकि अंग्रेज़ो को मालूम था कोई भी माँ बहन बेटी अदालत मे ये सिद्ध कर ही नहीं सकती की उसके ऊपर बलत्कार हुआ है कानून की गलियाँ ही इतनी टेढ़ी बनाई गई की किसी भी माँ बहन बेटी को ये सिद्ध करना ही बिलकुल असंभव हो जाए की उसके ऊपर बलत्कार हुआ है , इस कानून का परिणाम ये होता था कि अगर 100 अंग्रेज़ बलत्कार करते थे तो उनमे से मात्र 2-3 के के खिलाफ ही साबित हो पाता था और उनको ही सजा मिल पाती थी 97-98 अंग्रेज़ बिलकुल छूट जाते थे।
अंग्रेज़ अधिकारी कर्नल नील ने भी मानी यह बात
कई अंग्रेज़ अधिकारियों की निजी डायरी के दस्तावेज़ मौजूद है ,एक अंग्रेज़ अधिकारी था जिसका नाम था कर्नल नील , उसकी डायरी के कुछ पन्ने है उसमे वो लिख रहा है की जहां -जहां मेरी नियुक्ति हुई कोई दिन ऐसा नहीं गया जब मैंने किसी माँ ,बहन बेटी सेअपवित्रीकरण नहीं किया हो । ये नील की डायरी के अपने लिखे हुए शब्द है आप सोचिए कितने हैवानियत भरे थे ये अंग्रेज़ ।
इस तरह की हैवानियत से अंग्रेज़ो को एक तो अपनी वासना शांत करने रास्ता मिल जाता था, इसके साथ ही उनको अत्याचार और हैवानियत दिखाने का भी मौका भी मिल जाता था| दरअसल होता यह था कि किसानों के घरो से शिकायत आती थी मेरी ,बहन के साथ बलत्कार हुआ मेरी बेटी के साथ बलत्कार हुआ ये शिकायते लेकर किसान अंग्रेज़ अधिकारियों के पास जाते थे| अंग्रेज़ अधिकारियों के साथ समस्या क्या होती थी कि मान लीजिये किसी उच्च अधिकारी की किसी किसान ने शिकायत की ,और बलत्कार किसी निचले स्तर के अधिकारी ने किया हो तो उच्च अधिकारी अपने से निचले अधिकारी को बचाने मे लग जाता था|
जबरजस्ती चोदा चादी के खिलाफ़ अंग्रेजो ने बनाया था सख्त कानून –
जबरजस्ती चोदा चादी के खिलाफ अंग्रेज़ो ने जो पहला कानून बनाया तो उसमे मान लो अगर किसी माँ-बहन-बेटी के साथ बलत्कार हुआ है तो उस माँ बहन बेटी को अंग्रेज़ो की अदालत मे आकर सिद्ध करना होगा कि उसके साथ बलत्कार हुआ है ,जिस अंग्रेज़ ने बलत्कार किया है उसको कुछ सिद्ध नहीं करना पड़ेगा , और जब तक सिद्ध नहीं होगा ,उस अंग्रेज़ को अपराधी नहीं माना जाएगा. इसी वजह से आरोप सिद्ध नही होता था.
किसी भी समाज में किसी भी स्त्री का जबरजस्ती चोदा चादी होना केवल उस स्त्री के साथ अन्याय नहीं वरन उस समाज के सभ्य होने पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है । हाल में हुई दिल्ली में एक लड़की का अमानवीय अपवित्रीकरण और फिर उसकी मौत देश में स्त्रियों की हालत बयाँ करते हैं , ऐसा नहीं ये पहली और आखरी घटना थी , देश में लभग हर 20 मिनट मे एक महिला का बलात्कार होता है । ये तो वो आकडे हैं जो पीड़ित द्वारा पुलिस में शिकायत की जाती है, सोचिये .. ये आकडे इससे कही ज्यादा होंगे क्यों की आभी भी 80% स्त्रियाँ लोक -लाज , गरीब , असहाय या अशिक्षित होने के कारण थाने तक पहुँच ही नहीं पाती होंगी। क्या ऐसे में भारत को सभ्य कहा जा सकता है?