वर्जिन चूत को अपने लंड से खंडित कर दिया – वर्जिन चूत चुदाई
वर्जिन चूत को अपने लंड से खंडित कर दिया – वर्जिन चूत चुदाई
वर्जिन चूत को अपने लंड से खंडित कर दिया – वर्जिन चूत चुदाई : हैल्लो फ्रैण्ड्स मेरा नाम गोपाल है। मेरी चुदाई की जो कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वो सच है वर्जिन चूत चुदाई की है| इस कहानी के माध्यम से में आप सभी को बताऊंगा की कैसे मैंने वर्जिन चूत को अपने लंड से खंडित कर दिया| वर्जिन चूत चुदाई की यह कहाँनी करीब दो साल पहले की है। दोस्तों मेरी उम्र 22 साल की है और हाईट 6 फुट है और वजन 70 किलो है और में जिम भी करता हूँ तो मसल्स बहुत अच्छे है।
वर्जिन चूत चुदाई की भूमिका ऐसे बनी :
में दो साल पहले बहुत दिनों के बाद अपनी मौसी के घर गया था। तो मौसी मुझे देखकर बहुत ख़ुश हुई। मेरी मौसी के घर मौसी, मौसा कजिन ब्रदर जो मुझसे दो साल छोटा है।यह भी देखे : टट्टी करती हुई लड़की Hd Photos शानदार Xxx वेब साइट – देसी भाभी टट्टी करते हुए… मेरा भाई मुझसे बहुत फ्रैंक है तो हम दोनों हर तरह की बातें शेयर कर लेते है। फिर रात को खाना खाने के बाद सोने की तैयारी होने लगी। तभी में और भाई छत पर सोने गए.. हमारी छत खुली थी। आप तो जानते है कि गाँव में लोग बहुत घुले मिले है। फिर हुआ ये कि रात को पड़ोस वाले घर के जो मेरे मौसा जी के चाचा लगते है.. वो और उनकी वाईफ और उनकी एक बेटी भी सोने आ गए। वो लोग अपनी छत पर सो रहे थे और हम अपनी छत पर। इधर संदीप (मेरा भाई) और में बातें कर रहे थे।
संदीप ने मुझे बताया कि विनीता (जो पड़ोस वाले अंकल की बेटी है और छत पर ही सो रही थी) का गाँव के कई लड़कों के साथ चक्कर चल रहा है और कई बार तो में भी उसके साथ किस कर चुका हूँ लेकिन आगे मौका नहीं मिला। फिर मैंने भी कभी किसी लड़की को छुआ नहीं था तो आज मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था और मजा भी बहुत आ रहा था। फिर बातें करते करते बहुत देर हो गई और सभी लोग सो चुके थे लेकिन आज मुझे नींद कहाँ आनी थी। फिर संदीप बोला में तो सो रहा हूँ तू क्या चाह रहा है। तभी मैंने कहा कि आज कुछ नहीं हो सकता.. तू अभी मत सो.. रुक देखते है अगर कुछ हो सके तो। मैंने विनीता को पहले कई बार देखा था। वो 5.5 फिट लम्बी थी। उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उसका साईज 32-28-34 था। रंग की बहुत गोरी थी.. उसके होंठ लाल थे.. लेकिन आज तक कभी मैंने उसके बारे में सोचा ही नहीं था। लेकिन आज उसकी बातें सुनकर एक तड़प सी उठ रही थी।
आज शायद मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी। तभी ऊपर मच्छर काट रहे थे तो विनीता के मम्मी पापा नीचे चले गये सोने के लिये। फिर संदीप बोला अब शायद कुछ हो जाय और तभी वो उठा और विनीता के पास जाकर सोने के लिए कहने लगा। फिर मुझे डर लग रहा था.. लेकिन संदीप ने कहा कि कुछ नहीं होगा.. तो में भी उसके साथ चला गया। अब हम लोग उसके साथ छत पर थे। पहले में, संदीप फिर विनीता। तभी संदीप ने विनीता की तरफ हाथ बड़ाया और उसे जगा लिया और फिर बूब्स पर हाथ डालने लगा। क्योंकि वो तो पहले भी कई बार सबकुछ कर चुके है तो उन्हें कोई डर ही नहीं लग रहा था। लेकिन विनीता मना कर रही थी कि नहीं अभी मेरा मूड नहीं है। फिर संदीप नहीं माना तो वो मुझसे बोली गोपाल तुम बड़े हो इसे मना करो ना प्लीज। तभी मैंने मना किया तो वो मान गया। फिर वो उठी और मेरी तरफ आकर लेट गई, अब में बीच में था।
फिर 12 बज चुके थे। फिर मैंने संदीप को इशारा करके सुला दिया और संदीप भी सो गया। अब मेरा भी मन विनीता को पकड़ कर अपनी तड़प मिटाने का था। फिर वो मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी। फिर मैंने बहुत हिम्मत करके अपना पैर उसके पैरों से टच किया और उसके पैरों के बीच रख लिया। तभी उसकी कोई हलचल ना देखकर मेरी हिम्मत और बड़ गयी। फिर थोड़े देर बाद पैर को अच्छी तरह उसकी पैरों के बीच फंसा दिया और फिर ऐसे ही लेटा रहा। तभी कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ विनीता के गाल पर रख दिया और हल्के हल्के घुमाने लगा। फिर मेरी हिम्मत और तड़प दोनों बढ रही थी। विनीता कोई हलचल नहीं कर रही थी।
फिर मैंने हाथ को उसकी गर्दन पर लेकर धीरे से घुमाकर उसके बहुत पास आ गया। फिर धीरे धीरे मैंने हाथ उसकी छाती पर लगा दिया। फिर थोड़ी देर बाद में उसके बूब्स को सहलाने लगा और गर्दन पर अपनी सांसें छोड़ने लगा। अब मुझे लगा कि वो सो गई है। तभी मैंने उसे कमर से पकड़ा और अपनी और खींचा.. तभी वो एकदम से मेरी तरफ पलटी और बोली कि में तो इधर लेटी थी कि तुम मुझे बचा लोगे.. लेकिन तुम तो खुद ही शुरू हो गये.. प्लीज मुझे क्यों नहीं सोने देते?
फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सो चुकी.. अब मत सोओ और फिर ये कहकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। अब वो मेरे बिल्कुक पास थी। तभी वो बोली ये ठीक नहीं है। मैंने कहा कि मुझे सब पता है.. तुम्हारा भी मूड है फिर भी तुम क्यों इतना टाईम लगा रही हो? तभी वो हंस गयी और फिर एकदम से उसने मेरे होंठ पर किस कर लिया और फिर बोली कि रुको में अभी आई। फिर वो उठकर नीचे गयी और 5 मिनट में आ गई। फिर मैंने पूछा कि तुम कहाँ पर गई थी? तभी बोली कि मम्मी पापा को देखने गई थी कि वो सो गये या वो भी चुदाई में व्यस्त है।
फिर वो साथ में क्रीम और तेल भी लेकर आई थी। फिर मैंने कहा कि इधर संदीप है चलो उधर दूसरी तरफ चलें। फिर हम दूसरी छत पर आ गए और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। दोस्तों ये मेरी लाईफ का पहला मौका था.. जब में किसी लड़की के इतने पास था और उसके बूब्स दबा था। तभी विनीता की भी सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाट रहा था।
वर्जिन चूत चुदाई प्रारंभ :
तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया.. उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और विनीता को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था। फिर मेरे हर बार दबाने के साथ विनीता का जोश बढ़ता जा रहा था और फिर वो मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स में दबा रही थी। में भी भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा और उनको जोर से चूसने और मसलने लगा। विनीता को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी उम्म हहाहा मरी में थोड़ा धीरे चूसो प्लीज सीईईई। क्या मस्त चूचियाँ थी उसकी.. बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक में बेकाबू हो गया था।
फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत पर जीभ फैरने लगा तो वो पागल हो उठी। फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा। सच में विनीता की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत के दाने को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो अपने पैरो को सिकोड़ने लगी थी।
तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूसने लगा। तभी वो मेरे सर को जोर जोर से दबाने लगी और में भी जोश में आकर उसकी वर्जिन चूत को चूसने लगा। तभी में अपने आपे से बाहर हो रहा था। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में अपना मुँह उसकी चूत के पास लेकर गया और फिर उस पर चूम लिया। तभी उसने अपने दोनों पैर चौड़े कर दिये थे।
फिर उसकी वर्जिन चूत को देख कर साफ़ पता लग रहा था कि उसने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे.. मतलब आज वो चुदाई लिए तैयार थी। फिर में उसके दाने को जीभ से चाट रहा था और जीभ को अंदर भी डाल रहा था। फिर वो बहुत गरम हो गई थी और अपनी कमर उठाकर मेरी जीभ को अंदर लेने लगी। फिर उनके हाथ मेरे सर पर थे और वो मेरे सर को दबा कर मेरा मुँह अपनी वर्जिन चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी।
तभी में उठा और जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया.. में तो जन्नत का मजा महसूस करने लग। पहली बार किसी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर मैंने उसे मुहं में लेने कहा वो तुरंत मान गई। फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर कुछ 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा होगा।
फिर वो बोली कि अब कंट्रोल नहीं होता गोपाल अब डाल दो। में भी अब तैयार था। फिर मैंने एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगाया और फिर उसकी जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं। फिर में अपने लंड को उसकी वर्जिन चूत पर फैरने लगा। अब उसकी चूत तन्दूर की भट्टी की तरह गरम थी। तभी उसने कहा कि उसने कभी चुदवाया नहीं है और मेरा इतना मोटा लंड उसकी चूत में कैसे जायेगा? तभी मैंने कहा कि थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत मज़ा भी आएगा। डर तो मुझे भी था.. क्योंकि मेरा भी पहली बार था.. पता नहीं था कि कैसे करूं? फिर मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और अपना लंड धीरे से उसकी वर्जिन चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी वर्जिन चूत बहुत टाईट थी।
मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर में वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और फिर उसके होठों को चूमने लगा। तभी थोड़ी देर में विनीता जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। तभी मैंने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया, तभी मेरा लंड उसकी चूत में तीन इंच घुस गया। तभी वो जोर से चिल्लाने लगी.. तो मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये। अब मुझे महसूस हुआ की कोई चीज लंड को अंदर जाने से रोक रही है।
तभी में समझ गया की ये उसकी वर्जिन चूत की झिल्ली है जो अभी तक फ़टी नहीं है। फिर में बहुत खुश हो रहा था कि मुझे पहली चुदाई में बिना चुदी हुई वर्जिन चूत मिली है। फिर विनीता आँखें बंद किये सिसकियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 8 इंच का लंड उसकी वर्जिन चूत में घुसेड़ दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी। तभी में वहीं पर रूक गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा था। तभी वो जोर जोर से रोने लगी। तभी मैंने उसे प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लंड उसकी वर्जिन चूत में चल गया है। अभी थोड़ा सा दर्द होगा.. लेकिन बाद में जो मज़ा आएगा वो तुम्हे तुम्हारा पूरा दर्द भुला देगा।
फिर मैंने उसके लाख कहने पर भी अपना लंड उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा। तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और फिर उसे जोश आने लगा और वो मुझसे चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। उसकी चूत मेरे लंड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती। फिर में इशारा समझ गया और मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ जोर से तेज और तेज करो.. मुझे चोदते रहो जोर से और जोर से चोदो मुझे मीईईइ।
तभी मैंने लंड को चूत से बाहर निकाल कर फिर से मैंने उसके दोनों पैरो को अपने कंधे पर रखकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। फिर उसकी चूत से खून आ रहा था लेकिन अब दर्द नहीं था। तभी वो एकदम से अकड़ने लगी और मेरी पीठ और कन्धों पर नाख़ून चुभाने लगी और फिर एकदम से मुझसे लिपट गई और झड़ गई। लेकिन में तो अभी भी जोश में था। तभी विनीता बोली कि रुको मत.. पता नहीं कब मौका मिले। फ़िर उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े लेकिन में रुका नहीं। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर बाद उसे फिर मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
तभी वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी। चूँकि वो अभी अभी झड़ी थी इसलिए दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नहीं था। इसलिया मज़ा और ज़्यादा आने लगा। ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो फिर झड़ गयी। उसकी गरम चूत गीली हो गई और वो शांत पड़ गई। लेकिन में रुका नहीं और फिर में उसे चोदता रहा। तभी उसने मुझे अब रुकने को कहा.. लेकिन में रुका नहीं और अपना काम करता रहा। फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने लगा तो मैंने पूछा कि बाहर निकाल दूँ.. तो वो बोली कि मेरा पहला मौका है में मजा लेना चाहती हूँ अंदर ही डाल दो। तभी मैंने जल्दी जल्दी झटके मारे और फिर थोड़ी देर में अपना सारा वीर्य विनीता की चूत में निकाल दिया।
वर्जिन चूत चुदाई का अंत
दोस्तों क्या बताऊँ जिस टाईम में झड़ रहा था तो ऐसा लगा कि में सातवें असमान में उड़ रहा हूँ ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था। पहली बार था तो बहुत गाड़ा और बहुत ज्यादा वीर्य निकला था। तभी विनीता बोली कि तुम्हारे गर्म वीर्य को में अपनी चूत में साफ साफ महसूस कर रही हूँ। तभी मैंने पूछा कि तुम्हे मजा आया ना? फिर बोली कि अभी पूरी रात है तुम तो बिना रुके मजा देते रहो। फिर उस रात हमने 3 बार और सेक्स किया और फिर हम दोनों वापस से अपनी जगह पर आकर सो गये। फिर में सुबह उठकर अपने घर चला आया। फिर मुझे उसे चोदने का कभी दुबारा मौका नहीं मिला।
दोस्तों मुझे नहीं पता कि कितने लोग इस कहानी को सच समझेंगे.. लेकिन दोस्तों ये बिलकुल सच है। अगर आपको पसंद आई हो तो शेयर जरूर करना ।।